'मुझे गो मांस खिलाया, हथकड़ी पहनाई...', ट्रंप सरकार ने डिपोर्ट हुई भारतीय सिख महिला के साथ जो किया उसे सुन खौल उठेगा खून! जानें पूरा मामला?
कैलीफोर्निया में आव्रजन अधिकारियों ने उन्हें 8 सितंबर को हिरासत में लिया, इस दौरान उनके परिवार और समुदाय के सदस्यों ने विरोध-प्रदर्शन भी जताया और उनकी स्थिति को देखकर चिंता भी जताई.
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अमेरिका में पिछले तीन दशक से अधिक समय तक रहने वाली 73 वर्षीय सिख महिला हरजीत कौर को निर्वासित कर दिया गया है. इस दौरान उन्होंने कुछ ऐसे खुलासे किए हैं, जिसे सुनकर हर एक भारतीय का खून खौल उठेगा. उन्होंने कहा है कि जो कष्ट मैंने झेला है, उस दौर से मैं अपने जीवन में कभी दोबारा नहीं गुजरना चाहती. जानकारी के लिए बता दें कि कौर को हाल ही में कैलिफोर्निया में आव्रजन अधिकारियों द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद भारत भेज दिया गया है. इस दौरान भारत आई हरजीत ने अमेरिका की डोनाल्ड ट्रंप सरकार पर गोमांस देने का आरोप लगाया है. उन्होंने अमेरिका में अपने परिवार से भी मिलने की इच्छा व्यक्त की है.
अधिकारियों ने 8 सितंबर को हिरासत में लिया
खबरों के मुताबिक, हरजीत को कैलीफोर्निया में आव्रजन अधिकारियों ने 8 सितंबर को हिरासत में लिया, इस दौरान उनके परिवार और समुदाय के सदस्यों ने विरोध-प्रदर्शन जताया और उनकी स्थिति को देखकर चिंता जताई. कौर साल 1992 में अपने दो बेटों के साथ अमेरिकी पहुंची थी. 2012 में उनके आवेदन को अस्वीकार कर दिया गया था, तब से लेकर अब तक वह पिछले 13 साल से ज्यादा समय तक हर 6 महीने में सैन फ्रांसिस्को स्थित आव्रजन और सीमा शुल्क कार्यालय पहुंचकर रिपोर्ट करती हैं. इस बात की जानकारी उनकी पुत्रवधू यानी बहू ने दी है.
'बिना बताए मुझे गिरफ्तार कर लिया'
मोहाली में पत्रकारों से बातचीत के दौरान हरजीत कौर ने बताया कि 'मैं हर 6 महीने में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने वहां जाती थी, लेकिन इस बार जब मैं 8 सितंबर को वहां गई, तो उन्होंने मुझे बिना बताए गिरफ्तार कर लिया. मुझे इतना भी नहीं मौका मिला कि मैं अपने करीबी सदस्यों परिवारों को अलविदा कह सकूं.'
#WATCH | Mohali: Harjit Kaur, the elderly woman from Punjab who was deported from the US, says, "Their behaviour was very bad. I was arrested on 8 September... I was arrested and taken to Bakersfield, where I stayed for 8-10 days. I was then taken to Arizona, from where I was… pic.twitter.com/Ggt6IkpQQM
— ANI (@ANI) September 27, 2025
'मेरे पास वर्क परमिट आईडी और लाइसेंस सब कुछ था'
हरजीत कौर ने आगे बताया कि 'मेरे परिवार ने मुझे भारत लाने के लिए संबंधित अधिकारियों से अनुमति भी मांगी और हवाई जहाज टिकट भी दिखाया, लेकिन वह नहीं माने, मेरे पास वर्क परमिट, आईडी और लाइसेंस भी था. मेरे पास सब कुछ था.' इंटरव्यू के दौरान जब पत्रकार उनसे सवाल करते हैं कि आव्रजन अधिकारियों ने उनके साथ किस तरह का व्यवहार किया? इस दौरान हरजीत कौर की आंखों में आंसू आ जाता है. उन्होंने कहा कि 'मैं क्या बताऊं, मुझे जिस तकलीफ से कभी नहीं गुजरना चाहिए, मैं उससे गुजरी हूं.'
'मुझे गोमांस परोसा गया'
हरजीत कौर ने हिरासत में ले जाने का किस्सा शेयर करते हुए बताया कि 'उन्हें एक कमरे में ले जाया गया, मेरे दोनों घुटनों की सर्जरी हुई है. इस दौरान उन्होंने मेरी तस्वीर ली और मुझे पूरी रात एक कमरे में रखा. वहां बहुत ठंड थी, मैं लेट भी नहीं पा रही थी. जब वह मुझे सैन फ्रांसिस्को से बेकर्सफील्ड ले गए, तो उन्होंने मुझे हथकड़ी और बेड़ियां पहना दी. मुझे दवाइयां लेने की इजाजत नहीं दी, मेरी सारी मिन्नतें अनसुनी कर दी गई. मैं शाकाहारी हूं खाना भी नहीं खा सकी, क्योंकि उन्होंने मुझे गोमांस परोसा, जो मैं कभी खा नहीं सकती थी.'
अमेरिकी राष्ट्रपति को जिम्मेदार ठहराया
इंटरव्यू के दौरान हरजीत कौर से सवाल पूछा गया कि क्या वह फिर से अमेरिका लौटना चाहेंगी? तो इस पर उन्होंने कहा कि 'जरूर मेरा पूरा परिवार वहीं पर है. इस दौरान उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि 'जो भी भारतीय बड़ी संख्या में निर्वासित हुए हैं. उसके लिए वही दोषी हैं. मैं साल 1992 से अमेरिका में थी, लेकिन मैंने अधिकारियों द्वारा ऐसी कार्रवाई कभी नहीं देखी, किसी को भी वापस जाने के लिए नहीं कहा गया.' जानकारी के लिए बता दें कि कैलिफोर्निया में कौर की रिहाई की मांग को लेकर हाथों में तख्तियां लेकर लोगों ने विरोध-प्रदर्शन भी जताया. इस दौरान कई लोगों के हाथों में जो पोस्टर थे, उसमें लिखा था कि 'हमारी दादी को हाथ मत लगाओ और दादी को घर लाओ.'
'132 लोगों के साथ निर्वासित किया गया'
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कौर ने आगे बताया कि 132 लोगों के साथ उन्हें विमान में निर्वासित किया गया. इनमें 15 कोलंबिया नागरिक भी शामिल थे, पत्रकारों ने जब उनसे सवाल पूछा कि क्या उन्हें विमान में हथकड़ी लगाई गई थी? तो इस पर उन्होंने कहा कि 'विमान में दो अच्छे अधिकारी थे, जिन्होंने मुझे हथकड़ी नहीं लगाई, हालांकि, बाकी अन्य को हथकड़ी और बेड़ियां लगाई गई थीं. मेरा पूरा परिवार अमेरिका में बसा हुआ है, जिससे मेरे बच्चे पोते-पोती भी शामिल हैं, जब मैं उनकी आवाज सुनती हूं, तो कुछ बोल नहीं पाती, मैंने उनकी देखभाल की है.'
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