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योगी सरकार ने ग्रेटर नोएडा में शुरू की मोतियाबिंद की Free सर्जरी, GIMS में जांच और दवा भी मुफ्त

UP Free Cataract Surgery: इसका सबसे बड़ा फायदा गरीब और जरूरतमंद लोगों को मिलेगा, क्योंकि उन्हें अब महंगे निजी अस्पतालों में इलाज के लिए पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं होगी.

Image Source: Social Media

Free Cataract Surgery in Greater Noida: ग्रेटर नोएडा में अब मोतियाबिंद (Cataract) के मरीज बिल्कुल मुफ्त इलाज करवा सकेंगे. इसके लिए राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (JIMS) ने एक विशेष योजना शुरू की है. योगी सरकार की इस योजना के तहत मरीजों को जांच, दवाएं और सर्जरी सभी मुफ्त में मिलेंगी. इसका मकसद यह है कि गरीब और जरूरतमंद लोग भी अपने आंखों का इलाज करवा सकें और अपनी दृष्टि खोने से बच सकें. ब्रिगेडियर डॉ. राकेश गुप्ता के अनुसार, भारत में अंधेपन का सबसे बड़ा कारण मोतियाबिंद है. देश में लगभग 6.11 प्रतिशत लोग अंधेपन से प्रभावित हैं और इनमें से अधिकांश का कारण मोतियाबिंद ही है. मोतियाबिंद की सर्जरी से आंखों की रोशनी वापस लौट सकती है और 98% से अधिक मरीजों की नजर पूरी तरह ठीक हो जाती है.
 
यूपी में कितने लोग मोतियाबिंद से प्रभावित हैं?

डॉ. राकेश गुप्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश में 50 साल या उससे ज्यादा उम्र के लगभग 20 से 25 लाख लोग मोतियाबिंद से प्रभावित हैं. यह बीमारी धीरे-धीरे दृष्टि को प्रभावित करती है और कई लोग अपनी आंखों की रोशनी खो बैठते हैं.
अब जिम्स में मोतियाबिंद का इलाज पूरी तरह मुफ्त किया जा रहा है. मरीजों को जांच, दवा और सर्जरी के लिए कोई भी फीस नहीं देनी होगी. इससे गरीब और जरूरतमंद लोगों को बड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि निजी अस्पतालों में इस बीमारी का इलाज बहुत महंगा होता है. राजकीय चिकित्सा संस्थान के निदेशक ने कहा कि उनका उद्देश्य है कि हर मरीज मुफ्त और बेहतर इलाज पा सके और उनकी जीवन की गुणवत्ता सुधर सके.

मोतियाबिंद के लक्षण

मोतियाबिंद धीरे-धीरे आंखों की रोशनी को कमजोर करता है. इसके कुछ आम लक्षण इस प्रकार हैं....

  • देखने में धुंधलापन, चीजें साफ दिखाई न देना.
  • पढ़ाई या रात में गाड़ी चलाने में कठिनाई.
  • रात में देखने में समस्या, क्योंकि कम रोशनी में चीजें पहचानना मुश्किल होता है.
  • तेज रोशनी या धूप के प्रति संवेदनशीलता, आंखों में असुविधा.
  • 
तेज रोशनी के चारों ओर चमक या छल्ला दिखना, जिसे प्रभामंडल कहा जाता है.
  • 
रंग फीके या पीले दिखाई देना.
  • कभी-कभी एक आंख से दोहरी छवि दिखाई देना.
  • बार-बार चश्मे या लेंस का नंबर बदलवाना पड़ना.

यदि आपको इनमें से कोई लक्षण दिखे, तो समय रहते जांच कराना बहुत जरूरी है.
 
मोतियाबिंद का इलाज


मोतियाबिंद का मुख्य इलाज सर्जरी है. जब चश्मे या लेंस से भी चीजें साफ दिखाई न दें, तब सर्जरी की सलाह दी जाती है. जिम्स में अब मोतियाबिंद का मुफ्त इलाज शुरू हो चुका है.
सर्जरी के बाद मरीजों की दृष्टि वापस लौट आती है और वे सामान्य जीवन जी सकते हैं. इसका सबसे बड़ा फायदा गरीब और जरूरतमंद लोगों को मिलेगा, क्योंकि उन्हें अब महंगे निजी अस्पतालों में इलाज के लिए पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं होगी.

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