वृन्दावन के श्री बांके बिहारी मंदिर के प्रबंधन के लिए सुप्रीम कोर्ट ने गठित की नई कमेटी, रिटायर्ड जज सहित कई बड़े अधिकारी करेंगे निगरानी
सुप्रीम कोर्ट ने वृंदावन स्थित श्री बांके बिहारी मंदिर की देखरेख और प्रबंधन के लिए एक नई कमेटी गठित की है. इस कमेटी की अध्यक्षता यूपी के रिटायर्ड जिला एवं सत्र न्यायाधीश मुकेश मिश्रा को मिली है. इसके अलावा कई अन्य विभाग के लोगों को भी इसमें शामिल किया गया है.
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सुप्रीम कोर्ट की तरफ से वृंदावन में श्री बांके बिहारी मंदिर के प्रबंधन को लेकर एक बड़ा कदम उठाया गया है. देश के सर्वोच्च न्यायालय की तरफ से मंदिर प्रबंधन के लिए एक ऐसी कमेटी का गठन किया गया है, जिसमें रिटायर्ड जज को अध्यक्षता की जिम्मेदारी मिली है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश में बताया गया है कि हाई कोर्ट और यूपी सरकार जब तक अपनी तरफ से अध्यादेश पर आदेश जारी नहीं करता है, तब तक सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी इस मंदिर के देखरेख और रोजमर्रा की जिम्मेदारी संभालेगी.
यूपी सरकार मंदिर के प्रबंधन के लिए ट्रस्ट का गठन नहीं कर पाएगी
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने जो आदेश दिया है, उसके मुताबिक अब यूपी सरकार अपने अध्यादेश में मंदिर के प्रबंधन के लिए किसी भी ट्रस्ट का गठन नहीं कर पाएगी. इसके अलावा पुराने अध्यादेश पर भी रोक लगा दी है, जानकारी के लिए बता दें कि कोर्ट ने यह कमेटी उस समय बनाई थी, जब उत्तर प्रदेश में श्री बांके बिहारी जी मंदिर ट्रस्ट अध्यादेश 2025 के गठन को स्थगित कर दिया गया था. वहीं पिछली बार सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अध्यादेश की संवैधानिक वैधता को लेकर दाखिल चुनौती को इलाहाबाद हाईकोर्ट भेज दिया था.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में क्या कहा?
कोर्ट ने अपनी लिखित आदेश में कहा है कि 'जब तक हाईकोर्ट इस मामले पर अपना फैसला नहीं सुनाता, तब तक सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित हाई पावर कमेटी मंदिर की पूरी जिम्मेदारी संभालेगी.' इस कमेटी के अध्यक्ष यूपी के रिटायर्ड जिला एवं सत्र न्यायाधीश मुकेश मिश्रा जी हैं.
कमेटी में इन सदस्यों को मिली बड़ी जिम्मेदारी
सुप्रीम कोर्ट द्वारा जो कमेटी गठित की गई है. उसमें रिटायर्ड जिला एवं सत्र न्यायाधीश मुकेश मिश्रा के अलावा, जिला एवं सत्र न्यायाधीश मथुरा, सिविल जज जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, नगर आयुक्त, मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अन्य सदस्य के अलावा भारतीय सर्वेक्षण का एक प्रतिनिधि, यूपी के एक रिटायर्ड प्रसिद्ध वास्तुकार और इसके अलावा दोनों गोस्वामी समूहों से भी एक-एक सदस्य को लिया गया है.
कमेटी के सदस्यों को वेतन भी मिलेगा
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देश के सर्वोच्च न्यायालय की तरफ से गठित इस कमेटी के सदस्यों को प्रतिमाह मंदिर कोष से 2 लाख रुपए दिए जाएंगे. इसके अलावा उन्हें सभी तरह के परिवहन और जरूरी सहायता उपलब्ध कराई जाएगी. वहीं रिटायर्ड जज और कमेटी की अध्यक्षता कर रहे मुकेश मिश्रा को 1 लाख रुपए प्रतिमाह का वेतन मिलेगा. यह जो भी वेतन दिया जाएगा, वह मंदिर के फंड से वहन होगा. वहीं आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से यह फैसला इसलिए लिया गया है, क्योंकि हाई कोर्ट के फैसले में अभी काफी समय है. ऐसे में मंदिर की प्रबंधन व्यवस्था ना बिगड़े इसकी वजह से यह आदेश पारित किया गया है.
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