उत्तराखंड के मदरसों में पढ़ाई जाएगी 'ऑपरेशन सिंदूर' की गाथा, बच्चों की जुबां पर होगा सेना का पराक्रम, मदरसा बोर्ड का बड़ा फैसला
पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सेना द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर को लेकर उत्तराखंड मदरसा बोर्ड ने बड़ा फैसला लिया है. बता दें कि अब प्रदेश के सभी मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को भारतीय सेना के 'ऑपरेशन सिंदूर' के पराक्रम की शौर्य गाथा पढ़ाई जाएगी, ताकि छात्र-छात्राएं देश की सेना के शौर्य बलिदान को समझकर उनसे प्रेरित हो सके.

हर एक भारतीय को गौरवान्वित महसूस कराने वाले 'ऑपरेशन सिंदूर' की कहानी अब मदरसों में भी गूंजेगी. देश की सेना के पराक्रम की गाथा मदरसों में पढ़ने वाले हर एक बच्चे और मौलाना की जुबां पर होंगे. बता दें कि उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात कर इस फैसले की जानकारी दी है. इसके अलावा ऑपरेशन सिंदूर के सफल ऑपरेशन की बधाई भी दी है. वहीं उत्तराखंड सरकार ने देश के सैन्य अभियान को लेकर लिए गए इस फैसले को एक महत्वपूर्ण कदम बताया है.
'ऑपरेशन सिंदूर' पर उत्तराखंड मदरसा बोर्ड का बड़ा फैसला
पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सेना द्वारा चलाए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने बड़ा फैसला लिया है. बता दें कि अब प्रदेश के सभी मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को भारतीय सेना के 'ऑपरेशन सिंदूर' की पराक्रम की शौर्य गाथा पढ़ाई जाएगी, ताकि छात्र-छात्राएं देश की सेना के शौर्य बलिदान को समझकर उनसे प्रेरित हो सके.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात कर दी बधाई
देश की राजधानी दिल्ली में आयोजित एक बैठक में उत्तराखंड मदरसा बोर्ड का प्रतिनिधित्व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मिला. जहां सभी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता पर बधाई दी. इनमें रक्षा विशेषज्ञ कमर आगा, इस्लामिक सेंटर के पूर्व अध्यक्ष सिराज कुरैशी, IFCA के अध्यक्ष एमजे खान और कई अन्य लोग शामिल हुए. बोर्ड के अध्यक्ष कासमी ने 'ऑपरेशन सिंदूर' की तारीफ करते बताया कि 'यह ऑपरेशन भारतीय सेना की पराक्रम का प्रतीक है. भारत ने साफ संदेश दिया है कि वह न सिर्फ सीमाओं की रक्षा करता है. बल्कि हर चुनौती का मुंहतोड़ जवाब भी देता है. उत्तराखंड भारतीय वीरों की भूमि है. यहां के बच्चे भी सेना की शौर्य गाथा से प्रेरित हो सके. उनके अंदर देशभक्ति की भावना जगे. ऐसे में सेना के साहस और बलिदान की कहानियां उनके लिए काफी प्रेरणादायक हैं. ऐसे में 'ऑपरेशन सिंदूर' उन्हीं में से एक है.'
'ऑपरेशन सिंदूर' जल्द होगा पाठ्यक्रम में शामिल
उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने बताया कि 'प्रदेश में कुल 451 मान्यता प्राप्त मदरसे हैं. इनमें करीब 50,000 छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं. ऐसे में आने वाले समय में 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत एक पाठ्यक्रम भी शामिल किया जाएगा. इसके लिए विशेष पाठ्यक्रम समिति गठित की जाएगी.
इस समिति में शिक्षाविद, सैन्य इतिहासकार और मदरसा शिक्षा विशेषज्ञ शामिल होंगे. समिति द्वारा यह तय किया जाएगा कि किस कक्षा में, किस प्रकार से और कितनी गहराई तक यह विषय पढ़ाया जाएगा. यह निर्णय राजनीतिक नहीं, बल्कि शैक्षणिक और राष्ट्रवादी भावना से प्रेरित हैं. बच्चों को केवल धार्मिक शिक्षा नहीं, बल्कि देश के इतिहास, संस्कृति और समर्पण की भावना से भी अवगत कराना जरूरी है.'
क्या है ऑपरेशन सिंदूर?
बता दें कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान की आतंकी गतिविधियों और आतंकियों के सफाए को लेकर 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाया था. यह ऑपरेशन पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों का बदला लेने के लिए चलाया गया था. जहां भारत ने 7 और 8 मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान के LOC वाले 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था. इस ऑपरेशन में 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए थे. जिसके बाद पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई के तहत ऑपरेशन कई दिनों तक चला था. भारत ने हर एक जगह पाकिस्तान को करारा जवाब दिया था.