Advertisement

हथिनीकुंड बैराज पर यमुना में लकड़ी बटोरने वालों की भीड़ बढ़ी, पुलिस और प्रशासन की नाक में हुआ दम, संभालना हुआ मुश्किल

यमुना नदी पर हथिनीकुंड बैराज में लकड़ी बटोरने वालों की बढ़ती भीड़ ने प्रशासन की नींद उड़ा दी है. ये भीड़ न सिर्फ नदी की पारिस्थितिकी को नुकसान पहुंचा रही है, बल्कि लोगों की जान को भी खतरे में डाल रही है. आखिर क्यों नहीं रुक रही ये भीड़ और प्रशासन किस तरह इससे निपट रहा है?

हथिनीकुंड बैराज पर यमुना नदी में लकड़ी बटोरने वाले लोगों की भीड़ बढ़ती जा रही है, जिससे प्रशासन के लिए बड़ा चुनौतीपूर्ण हालात बन गए हैं. लोग नदी में उतरकर लकड़ी काटते और बटोरते हैं, जिससे नदी का पारिस्थितिक संतुलन प्रभावित हो रहा है और स्थानीय प्रशासन की निगरानी मुश्किल होती जा रही है.

भीड़ में बढ़ोतरी और गतिविधियां

स्थानीय निवासियों और अधिकारियों के अनुसार, कई लोग दिनभर यमुना नदी में लकड़ी बटोरने के लिए आते हैं. इनमें कई परिवार और छोटे समूह शामिल हैं. यह गतिविधि न सिर्फ नदी के पारिस्थितिकी के लिए हानिकारक है, बल्कि लकड़ी बटोरते समय लोग खुद भी सुरक्षा खतरे में पड़ जाते हैं.

प्रशासन की चुनौती

स्थानीय प्रशासन ने इस पर कड़ी नजर रखने की कोशिश की है. लेकिन भीड़ का आकार और नदी के कठिन इलाके में गतिविधि के कारण निगरानी और नियंत्रण चुनौतीपूर्ण है. अधिकारियों का कहना है कि उन्हें नियमित रूप से सुरक्षा बल तैनात करना पड़ता है और नदी में उतरने वाले लोगों को समझाना मुश्किल हो रहा है.

पर्यावरण और सुरक्षा पर असर

नदी में लकड़ी काटने और बटोरने से यमुना के पारिस्थितिकी तंत्र पर गंभीर असर पड़ रहा है. स्थानीय मछुआरे और पर्यावरण कार्यकर्ता बताते हैं कि यह नदी के किनारों की मिट्टी को कमजोर कर रहा है और जलस्तर पर भी असर डाल सकता है. साथ ही, लकड़ी बटोरने वाले लोग अक्सर बचाव उपकरण या सुरक्षा उपायों के बिना काम करते हैं, जिससे दुर्घटना का खतरा बढ़ जाता है.

प्रशासन की योजनाएं और चेतावनी

स्थानीय प्रशासन ने चेतावनी दी है कि नदी में बिना अनुमति लकड़ी बटोरना अवैध गतिविधि है. अधिकारी कह रहे हैं कि लोगों को सुरक्षित और वैध तरीके से लकड़ी का उपयोग करना चाहिए. इसके लिए प्रशासन सुरक्षा गश्त और जागरूकता अभियान चला रहा है.

हथिनीकुंड बैराज पर यमुना में लकड़ी बटोरने वालों की बढ़ती भीड़ न केवल प्रशासन के लिए चुनौती है, बल्कि यह पर्यावरण और स्थानीय लोगों की सुरक्षा के लिए भी जोखिम उत्पन्न कर रही है. प्रशासन और स्थानीय समुदाय को मिलकर समाधान खोजने की आवश्यकता है, ताकि नदी और उसके आसपास के पारिस्थितिकी को सुरक्षित रखा जा सके. 

Advertisement

यह भी पढ़ें

Advertisement

LIVE