दुश्मनों का काल बनकर आ रहा BARC 200MW... भारतीय नौसेना के लिए 'साइलेंट किलर' बनकर करेगा काम, वैज्ञानिक ने खोला राज
भारतीय नौसेना के लिए नए रिएक्टर BARC 200MW को S-5 कैटेगरी की परमाणु ऊर्जा चालित बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियों और परमाणु ऊर्जा चालित हमलावर पनडुब्बियों के लिए विकसित किया जा रहा है. यह पनडुब्बी समुद्र के नीचे दुश्मनों को हवा तक नहीं लगने देगी और सेकेंड में ध्वस्त कर देगी.
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भारतीय सेना अपनी ताकत में लगातार इजाफा कर रही है. दुश्मनों को हर एक क्षेत्र में करारा जवाब देने के लिए देश की तीनों सेना मजबूती के साथ खुद को अपग्रेड करना शुरू कर दिया है. थल और वायु सेना के बाद अब नौसेना ने भी दुश्मनों को ध्वस्त करने का खास प्लान तैयार किया है. बता दें कि भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र भारतीय नौसेना की अगली पीढ़ी की पनडुब्बियों की क्षमता को दोगुनी से भी ज्यादा तेज करने में लगा हुआ है. इस संस्थान के एक वैज्ञानिक ने नाम न छापने की शर्त पर अपनी खास योजना पर मीडिया से बातचीत की है.
भारतीय नौसेना दुश्मनों के लिए तैयार कर रही खास हथियार
बता दें कि भारतीय नौसेना के लिए नए रिएक्टर को S-5 कैटेगरी की परमाणु ऊर्जा चालित बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियों और परमाणु ऊर्जा चालित हमलावर पनडुब्बियों के लिए विकसित किया जा रहा है. यह चीन के खिलाफ अपनी समुद्री परमाणु प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने की पृष्ठभूमि में हो रही है. इस पनडुब्बी की ताकत इतनी ज्यादा है कि यह समुद्र के नीचे दुश्मनों को हवा तक नहीं लगने देगी और सेकेंड में ध्वस्त कर देगी. इससे भारतीय नौसेना की ताकत में कई हजार गुना इजाफा होगा.
'200 मेगावाट बिजली पैदा होने की उम्मीद है'
वैज्ञानिक ने बताया है कि नए रिएक्टर से 200 मेगावाट बिजली पैदा होने की उम्मीद है. यह एक बड़ा अपग्रेड है, क्योंकि मौजूदा दो परमाणु पनडुब्बियों, आईएनएस अरिहंत और आईएनएस अरिघाट के रिएक्टर की क्षमता सिर्फ 83 मेगावाट है. वहीं इस श्रेणी की तीसरी परमाणु पनडुब्बी, आईएनएस अरिदमन परीक्षण के दौर से गुजर रही है. इन सभी पनडुब्बियों को बार्क में विकसित किया जा रहा है. यह रिएक्टर नई पनडुब्बियों को बेहतर संचालन क्षमता और लंबे समय तक पानी में डूबने जैसे कई बड़े लाभ प्रदान करेगा.
'आत्मनिर्भरता की राह पर भारत'
इस रिएक्टर का स्वदेशी विकास भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. परमाणु पनडुब्बियों का रिएक्टर सबसे गोपनीय तकनीक होती है. इसे भारत में बनाने से हमारी सुरक्षा सुनिश्चित होती है और विदेशी निर्भरता खत्म होती है. वहीं स्वदेशी होने के कारण इसकी मरम्मत और रखरखाव भी आसान होगा. यह रिएक्टर भारत की पनडुब्बी निर्माण क्षमता को एक नई ऊंचाई पर ले जाएगा और यह सुनिश्चित करेगा कि भविष्य में हमारी नौसेना दुनिया की सबसे शक्तिशाली नौसेनाओं में से एक हो.
इन बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा भाभा
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बता दें कि भारतीय सेना की ताकत को बढ़ाने और दुश्मनों के छक्के छुड़ाने के लिए BARC में कई तरह के प्रोजेक्ट चल रहे हैं. इनमें एक हल्के जल आधारित 200 मेगावाट क्षमता वाले भारत लघु मॉड्यूलर रिएक्टर (एसएमआर), 555 मेगावाट क्षमता वाले एसएमआर और एक उच्च तापमान गैस कूल्ड रिएक्टर को भी डिजाइन किया जा रहा है, ताकि स्वच्छ हाइड्रोजन उत्पादन के लिए इसे एक थर्मोकेमिकल संयंत्र के साथ एकीकृत किया जा सके.
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