'तेजस्वी और राहुल 'भेड़िए' बने हुए हैं...', भड़के बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने कहा - यह दोनों रोहिंग्या-घुसपैठियों को...
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने 'बिहार बंद' को असफल बताते हुए राहुल गांधी और तेजस्वी यादव पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि 'राहुल और तेजस्वी बाघ का खाल ओढ़ भेड़िया बने हुए हैं. यह दोनों रोहिंग्या और घुसपैठियों को वोटर बनाना चाहते हैं.'
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केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने मतदाता गहन पुनरीक्षण के खिलाफ 'बिहार बंद' को लेकर महागठबंधन के नेता राहुल गांधी और तेजस्वी यादव पर जोरदार हमला बोला है. उन्होंने दोनों को खाल ओढ़ने वाला भेड़िया बताया है. इसके अलावा उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों रोहिंग्या और घुसपैठियों को बिहार में बसाकर वोटर बनाना चाह रहे हैं. बता दें कि बुधवार 9 जुलाई को महागठबंधन ने चुनाव से पहले मतदाता गहन पुनरीक्षण के खिलाफ 'बिहार बंद' का ऐलान किया था, जिसको लेकर कई जगहों पर बंद का असर देखने को मिला. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी इसका हिस्सा बने.
'दोनों बाघ का खोल ओढ़े भेड़िया हैं'
बेगूसराय से सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने महागठबंधन द्वारा 'बिहार बंद' को लेकर राहुल गांधी और तेजस्वी पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि 'यह लोग रोहिंग्या और घुसपैठियों को वोटर बनाना चाहते हैं, लेकिन इस बंद को लोगों ने नकार दिया है. यह लोग बाघ का खाल ओढ़ भेड़िया का काम कर रहे हैं. गरीब के नाम पर रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुसलमान को बसाने के लिए प्रदर्शन रखा है. जनता इनके साथ नहीं है, जो भारत का नागरिक है. उसको कोई तकलीफ नहीं है.'
'यह लोग बुड़बक नहीं बनाएं'
बीजेपी सांसद ने यह भी कहा कि 'यह दोनों विदेशियों को नागरिक बनाना चाहते हैं, यहां का जो नागरिक है. उसके लिए स्थानीय अधिकारी हैं. किसी गरीब के पास अगर कोई कागजात नहीं है, तो स्थानीय नागरिक के लिए इलेक्शन कमीशन ने संवैधानिक अधिकार दे रखा है. यह लोग बुड़बक नहीं बनाएं, कंफ्यूजन और भ्रम पैदा नहीं करें.'
'यह दोनों देश और लोगों के दुश्मन हैं'
गिरिराज सिंह ने राहुल गांधी और तेजस्वी यादव को लेकर यह भी कहा कि 'यह लोग लोगों के दुश्मन हैं और देश के भी दुश्मन हैं, जो रोहिंग्या और बांग्लादेशी को संवैधानिक अधिकार देना चाहते हैं. तेजस्वी यादव और राहुल गांधी ने जो बिहार में नौटंकी शुरू किया है. यह नौटंकी नहीं चलने वाला है. 3 दिन में किशनगंज, अररिया, पूर्णिया और कटिहार में हर जिले में दो लाख लोग आवासीय प्रमाण पत्र के लिए आवेदन दे रहे हैं. इसका क्या कारण है, यह लोग साजिश करके भारत में घुसपैठियों को नागरिकता देना चाहते हैं. इस दौरान जब गिरिराज से पूछा गया कि राहुल गांधी पटना में हैं, लेकिन गोपाल खेमका के घर पर नहीं गए? इस पर उन्होंने कहा कि जब मीडिया का प्रेशर पड़ेगा, तभी वह जाएंगे. उनको तो संवेदना ही नहीं है. यह लोग केवल वोट के ठेकेदार हैं, कुछ भी कर सकते हैं.
राहुल गांधी और तेजस्वी यादव 'बिहार बंद' में क्यों उतरे?
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बता दें कि हाल ही में चुनाव आयोग की ओर से 24 जून 2025 को बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण का आदेश दिया गया है, जो कि 25 जुलाई तक चलेगा. इसके तहत बिहार में रहने वाले 8 करोड़ मतदाताओं को अपनी नागरिकता साबित करने के लिए चुनाव आयोग की ओर से जारी 11 दस्तावेजों में से कोई एक जमा करना है. इनमें जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, मैट्रिक प्रमाण पत्र या आवासीय प्रमाण पत्र जैसे अन्य दस्तावेज में से कोई एक जमा करना होगा. इसी के विरोध में तेजस्वी यादव और राहुल गांधी ने चुनाव आयोग के इस निर्देश को ‘वोटबंदी’ करार दिया. उनका कहना है कि यह गरीबों, दलितों और अल्पसंख्यकों के वोट काटने के उदेश्य से लिया गया फैसला है. उन्होंने चुनाव आयोग पर भ्रम और बीजेपी के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया. इसी वजह से मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण अभियान के विरोध में 'बिहार बंद' को सफल बनाने की कोशिश की गई. इस दौरान महागठबंधन के कई दिग्गज नेता और हजारों कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे. इनमें तेजस्वी यादव, राहुल गांधी और पप्पू यादव के अलावा कई अन्य शामिल लोग रहें.
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