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दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचे सद्गुरु, AI और फर्जी वेबसाइट्स पर लगाया नाम के दुरुपयोग का आरोप

सद्गुरु ने दावा किया है कि उनकी इमेज और नाम फ्रॉड चीजों को प्रमोट करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. ऐसे में इस तरह के आपत्तिजनक कंटेंट को हटाने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. उन्होंने उदाहरण के तौर पर कहा कि 'गर्भ यात्रा' नाम की एक किताब है. जो प्रेगनेंसी पर बेस्ड है, इसके कवर पर मेरी फोटो लगाई गई है.

पूरी दुनिया को अपने आध्यात्मिक वचनों से मंत्रमुग्ध करने वाले सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. उन्होंने कई फर्जी वेबसाइट्स, चैनल्स के खिलाफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से अपनी छवि खराब करने का आरोप लगाया है. इसके अलावा उन्होंने अपने नाम और फोटो के   गलत इस्तेमाल का भी आरोप लगाया है. इस मामले को लेकर जस्टिस सौरभ बनर्जी की बेंच ने सुनवाई की. 

मेरे नाम और फोटो का गलत इस्तेमाल हो रहा है - सद्गुरु

सद्गुरु ने दावा किया है कि उनकी इमेज और नाम फ्रॉड चीजों को प्रमोट करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. ऐसे में उन्होंने इस तरह के आपत्तिजनक कंटेंट को हटाने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. उन्होंने उदाहरण के तौर पर कहा कि 'गर्भ यात्रा' नाम की एक किताब है. जो प्रेगनेंसी पर बेस्ड है, इसके कवर पर मेरी फोटो लगाई गई है. मेरे मान सम्मान की वजह से लोग इन प्रोडक्ट्स पर भरोसा कर रहे हैं. यह पूरी तरीके से फ्रॉड है. AI का इस्तेमाल कर जनता को धोखा दिया जा रहा है. 

कोर्ट ने इस मामले पर क्या कहा? 

दिल्ली हाई कोर्ट की तरफ से सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि इस मामले पर जल्द ही अंतरिम ऑर्डर दिया जाएगा. यह मामला नहीं है, जब कोर्ट ने इस तरह का फैसला सुनाया है. इससे पहले भी दिल्ली हाई कोर्ट ने सद्गुरु के ईशा फाउंडेशन की वीडियो और कंटेंट को एक यूट्यूबर द्वारा इस्तेमाल करने पर रोक लगाई थी. कोर्ट ने कहा था कि मान- सम्मान किसी इंसान की गरिमा का अहम हिस्सा है. इसके अलावा अभिव्यक्ति कि स्वतंत्रता और प्रतिष्ठा के अधिकार के संतुलन पर जोर दिया था. वहीं शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान गूगल के एक वकील ने कहा था कि किसी भी प्रभावित पक्ष को स्पेसिफिक की urls डिटेल्स देनी होगी. 

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