UP सहित 12 राज्यों में SIR की प्रक्रिया शुरू, जानिए कौन-कौन से दस्तावेज़ होंगे जरूरी
निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, गुजरात और अन्य 12 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के दूसरे चरण की घोषणा की है.
Follow Us:
SIR: निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, गुजरात और अन्य 12 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के दूसरे चरण की घोषणा की है. मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने नई दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी. यह प्रक्रिया 21 साल बाद दोबारा शुरू की जा रही है.
कौन-कौन से राज्यों में होगा SIR?
इस बार SIR में 12 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश शामिल हैं:
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, गोवा, पुडुचेरी,छत्तीसगढ़, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, लक्षद्वीप
हर विधानसभा क्षेत्र में एक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ERO) नियुक्त होगा. इसके अलावा, सहायक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (AERO) और बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) भी इस प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाएंगे. प्रत्येक मतदान केंद्र पर लगभग 1000 मतदाता होंगे और वहां एक BLO रहेगा.
BLO का काम क्या होगा?
BLO का काम बहुत महत्वपूर्ण है. वे हर मतदाता को एन्यूमरेशन फॉर्म देंगे और उसे भरवाएंगे. इसके लिए वे हर घर का कम से कम तीन बार दौरा करेंगे. BLO मृत या स्थानांतरित मतदाताओं की पहचान करेंगे और नए मतदाताओं से फॉर्म 6 और घोषणा पत्र एकत्र करेंगे. इसके अलावा, BLO ऑनलाइन डेटा लिंक करने में भी सहायता करेंगे.
ERO और AERO की भूमिका
- ERO/AERO सभी मतदाताओं के लिए यूनिक एन्यूमरेशन फॉर्म तैयार करेंगे.
- जिन मतदाताओं के नाम पिछली सूची से मेल नहीं खाते, उन्हें सूचना दी जाएगी.
- दावे और आपत्तियों पर सुनवाई कर अंतिम निर्णय देंगे.
SIR की प्रक्रिया कब-कब होगी?
पूरा SIR प्रक्रिया 28 अक्टूबर 2025 से 7 फरवरी 2026 तक चलेगा. इसमें मुख्य चरण इस प्रकार हैं:
28 अक्टूबर 2025 – प्रक्रिया की शुरुआत
4 नवंबर से 4 दिसंबर 2025 – घर-घर सर्वे
9 दिसंबर 2025 – प्रारंभिक मतदाता सूची जारी होगी
9 दिसंबर 2025 से 8 जनवरी 2026 – दावे और आपत्तियां दर्ज कराई जा सकेंगी
9 दिसंबर 2025 से 31 जनवरी 2026 – दावे और जानकारी की वेरिफिकेशन
7 फरवरी 2026 – अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित होगी
SIR में पूर्व-गणना चरण में BLO, ERO, DEO को प्रशिक्षण दिया जाएगा और पुराने डेटा को कम्प्यूटर से लिंक किया जाएगा. राजनीतिक दलों के बूथ लेवल एजेंट्स (BLA) भी प्रशिक्षण लेकर फॉर्म इकट्ठा करने और सत्यापन में मदद करेंगे.
कौन-कौन से दस्तावेज जरूरी होंगे?
SIR में मतदाता बनने या अपनी जानकारी अपडेट कराने के लिए निम्न दस्तावेज जरूरी होंगे:
- केंद्र या राज्य सरकार/पीएसयू के नियमित कर्मचारी या पेंशनर्स द्वारा जारी पहचान पत्र या पेंशन भुगतान आदेश
- सरकारी या स्थानीय प्राधिकरण, बैंक, डाकघर, LIC या PSUs द्वारा 1 जुलाई 1987 से पहले जारी पहचान पत्र
- जन्म प्रमाणपत्र (किसी सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी)
- पासपोर्ट
- मैट्रिकुलेशन या शैक्षणिक प्रमाणपत्र
- स्थायी निवास प्रमाणपत्र (राज्य प्राधिकरण द्वारा जारी)
- वन अधिकार प्रमाणपत्र
- जाति प्रमाणपत्र (OBC/SC/ST)
- राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) संबंधित प्रमाणपत्र
- परिवार रजिस्टर (राज्य या स्थानीय प्राधिकरण द्वारा)
- भूमि या मकान आवंटन प्रमाणपत्र
- आधार कार्ड से जुड़े आयोग के दिशा-निर्देश (पत्र संख्या 23/2025-ERS/Vol.II दिनांक 09.09.2025)
- इन दस्तावेजों के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि मतदाता सूची पूरी तरह सही और अपडेटेड हो.
SIR क्यों जरूरी है?
यह भी पढ़ें
मतदाता सूची का पुनरीक्षण हर चुनाव से पहले या आवश्यकता पड़ने पर होना चाहिए. पिछले दो दशकों में सामाजिक-जनसांख्यिकीय बदलाव, स्थानांतरण, मृत मतदाताओं के नाम का बने रहना और विदेशी नागरिकों के गलत शामिल होने जैसी समस्याओं के कारण यह आवश्यक हो गया है. SIR के माध्यम से मतदाता सूची को शुद्ध, सही और भरोसेमंद बनाया जाएगा.
टिप्पणियाँ 0
कृपया Google से लॉग इन करें टिप्पणी पोस्ट करने के लिए
Google से लॉग इन करें