शशि थरूर ने फिर से मोदी सरकार पर लुटाया प्यार... संसद में अमित शाह के नए विधेयक का किया समर्थन, कांग्रेस को दिया बड़ा झटका
शशि थरूर ने केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और मंत्रियों को हटाने संबंधित प्रस्तावित बिल का समर्थन किया है. वहीं उनकी पार्टी कांग्रेस इस बिल का विरोध जता रही है. उन्होंने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि 'अगर आप 30 दिन जेल में बिताए, तो क्या मंत्री बन सकते हैं? यह सामान्य ज्ञान की बात है. मुझे इसमें कुछ भी गलत नहीं लगता.' उन्होंने आगे कहा कि 'मुझे लगता है समिति के भीतर चर्चा होना हमारे लोकतंत्र के लिए अच्छा है, तो चलिए इस पर चर्चा करते हैं.'
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने एक बार फिर से अपनी पार्टी से हटकर कुछ ऐसा बयान दिया है, जिससे वह फिर से अपनी पार्टी व अन्य विपक्षी दल के निशाने पर आ गए हैं. 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद से ही मोदी और बीजेपी की तरफ थरूर का झुकाव देखकर कांग्रेस नेता और पार्टी में उनको लेकर बड़ा विरोध देखने को मिल रहा है. इस बीच एक बार फिर से ऐसा मौका आया, जब थरूर ने प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते हुए केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए उस बिल का समर्थन किया है, जिसको लेकर उनकी पार्टी और अन्य विपक्षी दल लगातार विरोध जता रहे हैं.
शशि थरूर ने फिर से मोदी सरकार की तारीफ की
शशि थरूर ने केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और मंत्रियों को हटाने संबंधित प्रस्तावित बिल का समर्थन किया है. वहीं उनकी पार्टी कांग्रेस इस बिल पर विरोध जता रही है. थरूर ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि 'अगर आप 30 दिन जेल में बिताए, तो क्या मंत्री बन सकते हैं? यह सामान्य ज्ञान की बात है. मुझे इसमें कुछ भी गलत नहीं लगता.' उन्होंने आगे कहा कि 'मुझे लगता है समिति के भीतर चर्चा होना हमारे लोकतंत्र के लिए अच्छा है, तो चलिए इस पर चर्चा करते हैं.'
अपनी पार्टी से हटकर बयानों के लिए लगातार चर्चा में
केरल के तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर का अन्य कांग्रेसी नेताओं के साथ मतभेद लगातार बढ़ते जा रहे हैं. केरल कांग्रेस अब दो धड़ में बंट चुका है. एक शशि थरूर का समर्थन करता नजर आ रहा है, जबकि दूसरा उनके विरोध में खड़ा है. इसके अलावा राष्ट्रीय स्तर के भी कई बड़े नेताओं ने थरूर से नाराजगी जताई है. भारतीय डेलिगेशन का नेतृत्व करने के बाद अमेरिका से लौटे थरूर पिछले कई दिनों से अपने बयानों में पार्टी से अलग राय रख चुके हैं. इनमें पार्टी के कई नेताओं द्वारा उनके बयान को मोदी और बीजेपी की तारीफ से जोड़कर देखा जा रहा है.
क्या है केंद्र सरकार के नए बिल में?
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा संसद में पेश किए गए बिल में 130वें संविधान संशोधन विधेयक 2025 को प्रस्तावित किया गया है. इस नए बिल के तहत प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री और मंत्री तक अगर कोई भी गिरफ्तार होता है और अगर वह 30 से ज्यादा दिन तक न्यायिक हिरासत में रहता है, तो उसे 31वें दिन इस्तीफा देना होगा या फिर उसे बर्खास्त कर दिया जाएगा.
विपक्षी दल कर रहे बिल का विरोध
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केंद्र सरकार द्वारा आपराधिक आरोप में गिरफ्तार प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों को हटाने के प्रावधानों को लेकर संसद में जब विधायक पास किया गया, तो सभी विपक्षी दलों ने मिलकर इसका विरोध किया. इस बिल का विरोध करने में सबसे आगे प्रियंका गांधी वाड्रा नजर आई, जिन्होंने कहा कि 'कल आप किसी मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई मामला दर्ज करा सकते हैं, फिर उसे बिना दोषसिद्धि के 30 दिनों के लिए गिरफ्तार करवाकर, उसे पद से हटा दिया जाएगा या तो खुद उसे इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.'
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