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रूस ने ट्रंप को दिया 440 वोल्ट का झटका... मोदी से मुलाकात के कुछ ही घंटे बाद पुतिन ने भारत को तेल खरीदारी पर दी बड़ी छूट, अमेरिका में मची खलबली

रूस ने भारत को दिए जाने वाले तेल पर अपनी छूट बढ़ाकर 3 से 4 डॉलर प्रति बैरल कर दिया है. इससे पहले यह छूट पिछले हफ्ते तक 2.50 डॉलर थी. रूस द्वारा दी गई यह छूट दर सितंबर के अंत में या अक्टूबर से लागू हो जाएगी.

03 Sep, 2025
( Updated: 05 Dec, 2025
11:55 PM )
रूस ने ट्रंप को दिया 440 वोल्ट का झटका... मोदी से मुलाकात के कुछ ही घंटे बाद पुतिन ने भारत को तेल खरीदारी पर दी बड़ी छूट, अमेरिका में मची खलबली

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा बार-बार रूस से तेल न खरीदने की धमकियों के बाद भी भारत तेल की खरीदारी को बरकरार रखा है. उनकी धमकियों का भारत और रूस के रिश्ते पर किसी भी तरह का कोई असर नहीं पड़ा है. इस बीच डोनाल्ड ट्रंप की नींद उड़ाने वाली एक और खबर सामने आई है. रूस ने भारतीय रिफाइनरियों के लिए रूसी कच्चा तेल अब और सस्ता कर दिया है. साल 2022 में रूस से शुरू हुई तेल खरीददारी 1 प्रतिशत से अब 40 प्रतिशत तक पहुंच गई है. 

रूस ने भारत को तेल खरीदारी में दिया बड़ा छूट 

एक रिपोर्ट के मुताबिक, रूस ने भारत को दिए जाने वाले तेल पर अपनी छूट बढ़ाकर 3 से 4 डॉलर प्रति बैरल कर दिया है. इससे पहले यह छूट पिछले हफ्ते तक 2.50 डॉलर थी. रूस द्वारा लगाई गई यह दर सितंबर के अंत तक या अक्टूबर से लागू हो जाएगी. 

ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत का टैरिफ दर लगाया 

रूस से तेल खरीदारी पर भड़के डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर दोगुना टैरिफ लगाया है. शुरुआत में 25 प्रतिशत की टैरिफ घोषणा के बाद ट्रंप ने अपनी जिद की वजह भारत पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ दर लगा दिया. ट्रंप का कहना है कि भारत को रूस से तेल खरीदने और यूक्रेन युद्ध को बढ़ावा देने की सजा मिली है. 

आलोचना के बावजूद भारत-रूस के रिश्ते मजबूत

अमेरिका की तरफ से भारत पर लगातार दबाव बनाने और रूस से रिश्ते को खत्म करने की पुरजोर कोशिश की जा रही है, लेकिन भारत और रूस के रिश्ते में किसी भी तरह की कोई दरार नहीं आई है. SCO सम्मेलन में भी भारत ने ट्रंप को आइना दिखा दिया. दुनिया की तीन महाशक्तियों के मिलन से ट्रंप की नींद उड़ी हुई है. व्हाइट हाउस की तरफ से लगातार आलोचना के बाद भी भारत रूसी कच्चे तेल का प्रमुख आयातक बना हुआ है.

मॉस्को और बीजिंग में भी दिखी भारत-रूस की घनिष्ठता 

वहीं बीजिंग और मॉस्को में भी भारत और रूस के रिश्ते को अमेरिका ने काफी करीब से देखा. SCO यानी शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने भी कहा कि भारत और रूस के बीच 'विशेष' संबंध हैं. वहीं चीन के राष्ट्रपति ने भी पीएम मोदी से मुलाकात कर वादा किया है कि वह दोनों देश प्रतिद्वंदी नहीं, बल्कि एक साझेदार बनने की तरफ अग्रसर हैं. 

अपने ही देश में घिरे अमेरिकी राष्ट्रपति 

भारत से रिश्ते को बिगाड़कर ट्रंप अपने ही देश के लोगों के निशाने पर हैं. उनकी ही सरकार के कई मंत्रियों, पूर्व नेता और एक्सपर्ट्स ने ट्रंप के इस कदम को अमेरिका के लिए बड़ा झटका बताया है. हर रोज उनकी आलोचना हो रही है. वहीं SCO सम्मेलन में भारत, चीन और रूस की शक्ति और एकजुटता को देखकर अमेरिका भी दंग रह गया. इस दौरान अमेरिकी सरकार के कई मंत्रियों ने भारत से रिश्ते सुधारने की कवायद शुरू कर दी. 

दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक भारत

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बता दें कि भारत पूरी दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक है. रूस से साल 2022 से कच्चे तेल की खरीदारी शुरू हुई थी, जो 1 प्रतिशत से लेकर से बढ़कर अब 40 प्रतिशत तक पहुंच गई है. वहीं 2024-25 में भारत ने 5.4 मिलियन बैरल प्रतिदिन के आयात में से 36 प्रतिशत तेल रूस से लिया है, जो इराक, सऊदी अरब, यूएई और अमेरिका से आयात होने वाले तेल से कहीं अधिक है. इस दौरान भारत ने भी स्पष्ट कर दिया है कि रूस के साथ उसकी ऊर्जा व्यापार पूरी तरीके से वैध है. रूस पर भले ही कई अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध हो, लेकिन कच्चे तेल की खरीदारी पर कोई रोक नहीं लगा सकता है. 

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