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हिंदू सम्मेलन में RSS नेता दत्तात्रेय होसबाले ने मुस्लिमों को लेकर कह दी ऐसी बात, जिसे सुन चिढ़ जाएंगे कट्टरपंथी

RSS सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि हिंदू धर्म मानव धर्म का प्रतीक है. उन्होंने मुस्लिम समुदाय को संदेश दिया कि पर्यावरण पूजा, सूर्य नमस्कार जैसी गतिविधियों में कोई गलत बात नहीं है. होसबाले ने जोर देकर कहा कि हिंदू धर्म किसी पर अपनी मान्यताएं थोपने का धर्म नहीं सिखाता.

Source: X/ @RSSorg.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जिले पहुंचे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने सनातन और इस्लाम धर्म को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि जब भी कोई हिंदू धर्म की बात करता है, तो वह मानव धर्म को ही प्रस्तुत करता है. दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि दुनिया के किसी भी देश में लोग अपने-अपने धर्म और मजहब के अनुसार आस्था व्यक्त कर सकते हैं. 

दत्तात्रेय होसबाले कि मुस्लिमों को सीधा संदेश 

कार्यक्रम में दत्तात्रेय होसबाले (Dattatreya Hosabale) ने सवालिया अंदाज में कहा कि अगर मुस्लिम भाई पर्यावरण की दृष्टि से नदी की पूजा करें, सूर्य नमस्कार करें या प्राणायाम करें, तो इसमें गलत क्या है. उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसी बातों का विरोध करने का कोई कारण नहीं है. होसबाले ने आगे कहा कि हम यह नहीं कहते कि आप यह करें तो अपनी पूजा या नमाज छोड़ दें. हम सिर्फ यह कह रहे हैं कि यही मानव धर्म है और यही हिंदू धर्म है. उन्होंने कहा कि यह वह हिंदू धर्म है, जिसके लिए हमारे पूर्वजों ने हजारों वर्षों तक संघर्ष किया और तमाम आक्रांताओं का सामना करते हुए भी अपनी आस्था पर डटे रहे. उन्होंने यह भी जोड़ा कि हिंदू धर्म समावेशी है और किसी पर अपनी मान्यताएं थोपने की बात नहीं करता, बल्कि मानवता और सह-अस्तित्व का संदेश देता है.

दुनियाभर में भारत की प्रतिभा की पहुंच 

जानकारी देते चलें कि दत्तात्रेय होसबाले गोरखपुर के खोराबार स्थित मालवीयनगर श्रीराम बस्ती खेल मैदान में बुधवार को आयोजित हिंदू सम्मेलन में शामिल हुए. इस कार्यक्रम में उन्होंने अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि आज दुनिया भर में भारतीयों की बुद्धिमत्ता, प्रतिभा और परिश्रम की सराहना हो रही है और लोग भारत की संस्कृति को जानने के लिए उत्सुक हैं. होसबाले ने उदाहरण देते हुए कहा कि सऊदी अरब में स्वामी नारायण मंदिर के लिए भूमि उपलब्ध कराई गई, रूस में चर्च को मंदिर में बदलने की अनुमति दी गई और अमेरिका में जहां-जहां हिंदू समाज है, वहां मंदिरों का निर्माण हो रहा है. उन्होंने कहा कि विदेशों में लोग सूर्य नमस्कार, प्राणायाम अपना रहे हैं, संस्कृत सीख रहे हैं और जर्मनी के विश्वविद्यालयों में संस्कृत व आयुर्वेद का अध्ययन कराया जा रहा है. उन्होंने आगे यह भी कहा कि भारत को विश्वगुरु बनना है और इसके लिए हिंदू धर्म, हिंदुत्व और हिंदू संस्कृति की श्रेष्ठ परंपराओं को आम जीवन में उतारना होगा. होसबाले ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि हम हिंदू भाव को भूल गए, तो समाज को कई तरह की चुनौतियों और संकटों का सामना करना पड़ सकता है.

हिंदुओं की संख्या बनी रहे: दत्तात्रेय होसबाले

आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि समाज में हिंदुओं की संख्या बनी रहनी चाहिए और किसी भी तरह के दबाव या साजिश के तहत धर्म परिवर्तन से सतर्क रहना जरूरी है. उन्होंने दावा किया कि देश के कई हिस्सों में धर्म परिवर्तन के नाम पर कुचक्र चल रहे हैं, जिनसे समाज को सावधान रहने की आवश्यकता है. होसबाले ने कहा कि धर्म का सिद्धांत सभी के लिए समान है और हर व्यक्ति अपने-अपने पंथ का पालन कर सकता है. उन्होंने शैव, वैष्णव, जैन, बौद्ध और अन्य परंपराओं का जिक्र करते हुए कहा कि पंथ बदले जा सकते हैं, लेकिन धर्म नहीं, उन्होंने इसे उदाहरण के जरिए समझाते हुए कहा कि गाड़ी बदली जा सकती है, लेकिन उसका मूल मार्ग वही रहता है.

हिंदू धर्म को समझने की जरूरत 

होसबाले ने कहा कि धर्म के नियमों का पालन करना सभी के लिए आवश्यक है और यही परंपरा हमारे पूर्वजों ने हमें सिखाई है. उन्होंने स्पष्ट किया कि हिंदू धर्म की बात करने का अर्थ मानव धर्म से है, जो पूरी मानवता को जोड़ता है. एकजुटता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि आपसी मतभेद और कलह का फायदा हमेशा दूसरे लोग उठाते हैं. आरएसएस सरकार्यवाह ने हिंदू समाज से संगठित रहने का आह्वान करते हुए कहा कि उसे विश्व का मार्गदर्शक और रक्षक बनना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि इतिहास इस बात का साक्षी है कि भारत ने कभी किसी का शोषण नहीं किया, बल्कि हमेशा मानवता और विश्व कल्याण की भावना के साथ आगे बढ़ा है.

बताते चलें कि अपने संबोधन के अंत में दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि हिंदू समाज की असली शक्ति उसकी एकता, संस्कृति और मानवीय मूल्यों में निहित है. उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वे अपनी परंपराओं को समझें, आपसी सद्भाव बनाए रखें और समाज व राष्ट्र के हित में एकजुट होकर आगे बढ़ें, ताकि भारत विश्व में मानवता का मार्गदर्शक बन सके.

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