छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के ताबूत में 'आखिरी कील' ठोकने की तैयारी, 30 और नए बेस बनाएगी CRPF, होगा लाल आतंक का समूल नाश
केंद्र सरकार ने मार्च 2026 तक नक्सलवाद को समाप्त करने का लक्ष्य तय किया है. छत्तीसगढ़ में CRPF और कोबरा बटालियन की विशेष इकाइयाँ 30 से अधिक नई चौकियाँ खोलेंगी. इससे नक्सलियों की गतिविधियों पर नियंत्रण होगा और क्षेत्र में सुरक्षा व विकास को बढ़ावा मिलेगा.
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केंद्र सरकार ने मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने की योजना तय कर ली है. इसे ध्यान में रखते हुए सुरक्षा बलों ने नक्सल प्रभावित इलाकों में कार्रवाई तेज कर दी है. सरकार का उद्देश्य नक्सलवाद से प्रभावित राज्यों में शांति और विकास सुनिश्चित करना है.
छत्तीसगढ़ में 30 से अधिक नई चौकियाँ स्थापित होंगी
नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों द्वारा 30 से अधिक नई अग्रिम चौकियाँ खोली जाएंगी. इन चौकियों का उद्देश्य जंगलों में फैले नक्सलियों पर कड़ी कार्रवाई करना और क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ाना है. यह कदम नक्सलियों की गतिविधियों को पूरी तरह समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है.
सीआरपीएफ और कोबरा बटालियन की विशेष भूमिका
केंद्र सरकार की योजना के तहत केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) और उसकी कोबरा बटालियन की विशेष इकाइयों को तैनात किया जाएगा. ये इकाइयाँ जंगलों में नक्सलियों के खिलाफ सघन अभियान चलाकर उनकी गतिविधियों को रोकेंगी और प्रभावित क्षेत्रों में आम लोगों को सुरक्षित वातावरण प्रदान करेंगी.
जंगल में भी नहीं बचेगा कोई नक्सली
सुरक्षा बलों की नई रणनीति का उद्देश्य नक्सलियों के लिए जंगलों में छिपना मुश्किल कर देना है. नई चौकियों की मदद से नक्सलियों की आवाजाही पर नकेल कसी जाएगी और उन्हें किसी भी तरह की मदद या सुरक्षित ठिकाना नहीं मिल पाएगा.
शांति और विकास की दिशा में बड़ा कदम
सरकार का मानना है कि नक्सलवाद से प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा सुनिश्चित होने से विकास कार्यों को बढ़ावा मिलेगा. नक्सल प्रभावित इलाकों में बुनियादी ढाँचे का विस्तार, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोज़गार के अवसरों का निर्माण संभव होगा.
मार्च 2026 तक लक्ष्य पूरा करना आसान होगा
इन सभी उपायों से नक्सलवाद को समाप्त करने का लक्ष्य और प्रभावी ढंग से पूरा किया जा सकेगा। नई चौकियाँ, विशेष इकाइयाँ और लगातार निगरानी से नक्सल प्रभावित इलाकों में स्थायी शांति और विकास सुनिश्चित होगा.
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अब तक इस साल 230 नक्सली मारे जा चुके हैं, जिनमें से अधिकांश बस्तर डिवीजन में ढेर किए गए. अधिकारियों का मानना है कि मौजूदा रफ्तार बनी रही तो नक्सलवाद दिसंबर 2025 या जनवरी 2026 तक समाप्त हो सकता है. बैठक से पहले सीआरपीएफ डीजी ने कोंडागांव स्थित शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि दी.
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