PM मोदी से मिले जम्मू-कश्मीर के CM उमर अब्दुल्ला, पहलगाम हमले के बाद पहली मुलाकात... जानें क्या बात हुई
मोदी और अब्दुल्लाह की इस मुलाकात से पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस के सूत्रों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ किसी भी बड़ी कार्रवाई के लिए केंद्र सरकार का हर एक सहयोग देने की बात कही है.
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पहलगाम आतंकी हमले के बाद पहली बार पीएम मोदी और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की मुलाकात हुई है. दोनों के बीच यह मुलाकात करीब 30 मिनट तक चली. इस मुलाकात में पहलगाम मुद्दे को लेकर बड़ी चर्चा हुई है. आतंकी हमले के बाद भारत की तरफ से जवाबी कार्रवाई की तैयारी चल रही है. पीएम मोदी ने भारतीय सेना को पाकिस्तान के खिलाफ किसी भी हमले की खुली छूट दी है.
जम्मू-कश्मीर सरकार हर एक्शन में केंद्र के साथ!
इस मुलाकात से पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस के सूत्रों ने बताया कि "जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ किसी भी बड़ी कार्रवाई के लिए केंद्र सरकार का हर एक सहयोग देने की वादा किया है. उमर अब्दुल्ला की पीएम मोदी के साथ दिल्ली में हुई इस मुलाकात का मकसद दरअसल जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा पूर्ण सहयोग का भरोसा दिलाना है. पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेना हर एक भारतीय के लिए जरूरी है. यह देश की सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है." बता दें कि यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब जम्मू- कश्मीर में उमर अब्दुल्ला के लिए सुरक्षा चुनौतियां लगातार बढ़ती जा रही हैं. इस मुलाकात ने पाकिस्तान की चिंता बढ़ा दी होगी. ऐसे में तय है कि उमर अब्दुल्ला और मोदी सरकार दोनों एक साथ मिलकर पाकिस्तान को धूल चटाने की तैयारी में हैं.
फारूक अब्दुल्ला ने की एकजुट होने की अपील
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है. उन्होंने आतंकियों के खिलाफ हर एक भारतीयों को एकजुट होने की अपील की है. उन्होंने अपने बयान में कहा है कि "हमले में शामिल लोग इंसानियत के दुश्मन हैं. वह नरक में सड़ेंगे"
पहलगाम हमले में मारे गए कश्मीरी के घर गए
इससे पहले फारूक अब्दुल्ला पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए कश्मीर के आदिल हुसैन शाह के घर पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने परिवार को आश्वासन दिया कि इसका बदला जरूर लिया जाएगा. बता दें कि जिन 26 लोगों की मौत हुई थी उनमें आदिल हुसैन एकमात्र मुस्लिम व्यक्ति था. आदिल बतौर पोनी राइडर ऑपरेटर काम करता था. आदिल को छोड़कर बाकी सभी लोग पर्यटक थे.
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