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पहलगाम के 'गुनहगारों' का काम तमाम! जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों ने TRF के 3 आतंकियों को किया ढेर, 'ऑपरेशन महादेव' जारी...

सावन के पवित्र महीने के तीसरे सोमवार को जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों ने आतंकवाद के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया. 'ऑपरेशन महादेव' के तहत सुरक्षा बलों ने प्रतिबंधित संगठन TRF (द रेज़िस्टेंस फ्रंट) से जुड़े तीन आतंकियों को मार गिराया. कहा जा रहा है कि ये वही आतंकी थे, जिनका नाम हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले में सामने आया था.

Created By: केशव झा
28 Jul, 2025
( Updated: 29 Jul, 2025
10:45 AM )
पहलगाम के 'गुनहगारों' का काम तमाम! जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों ने TRF के 3 आतंकियों को किया ढेर, 'ऑपरेशन महादेव' जारी...
Image: Indian Army / Chinar Corps (File Photo)

श्रीनगर के लिडवास इलाके में सावन के तीसरे सोमवार को सुरक्षा बलों को बड़ी कामयाबी मिली है. घाटी में पहलगाम आतंकी हमले के करीब 96 दिनों बाद 26 निर्दोष लोगों की जान लेने वाले आतंकियों को जहन्नुम पहुंचा दिया है. सेना और अर्धसैननिक बलों की साझा कार्रवाई में पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन TRF के तीन आतंकियों को मार गिराया है. इसे ‘ऑपरेशन महादेव’ का नाम दिया गया. इसे सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त टीम ने अंजाम दिया.

जानकारी के मुताबिक सुरक्षा बल लंबे समय से इन आतंकियो को ट्रैक कर रहे थे और इसी के तहत आस पास के इलाकों सहित पूरी घाटी में विभिन्न स्तरों पर सर्च ऑपरेशन चला रहे थे, जब इन आतंकियों का पता चला, जहां इनकी मुठभेड़ हो गई और तीन आतंकी ढेर हो गए.


आपको बता दें कि श्रीनगर के बाहरी छोड़ पर स्थित लिडवास घने जंगलों वाले क्षेत्रों में से एक है. ये त्राल से पहाड़ी रास्ते के ज़रिए जुड़ता है. इसकी डेमोग्राफी ऐसी है कि यहां आतंकियों को अपनी नापाक हरकत करने, आसान मूवमेंट करने, छिपने और हमले करने में मदद मिलती है. पहले भी इस इलाके में से TRF की आतंकी गतिविधियों की खबरें आती रही हैं. 

चिनार कॉर्प्स लीड कर रही थी ऑपरेशन महादेव
जानकारी के मुताबिक इस ऑपरेशन को सेना की चिनार कॉर्प्स लीड कर रही है. तीन आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है. इस दौरान CRPF और जम्मू-कश्मीर पुलिस का संयुक्त अभियान दाछीगाम जंगल के ऊपरी हिस्सों में अभी भी जारी है. यह वही क्षेत्र है, जहां जनवरी महीने में TRF (The Resistance Front) का एक ठिकाना नष्ट किया गया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, दो दिन पहले वहां संदिग्ध गतिविधियों का पता चला था.

दाछीगाम में छिपे हो सकते हैं और भी आतंकी
दाछीगाम में सोमवार को शुरू हुआ सर्च ऑपरेशन उस समय और भी गंभीर हो गया जब अचानक गोलीबारी की आवाजें सुनाई दीं, जिससे पूरे इलाके में तनाव फैल गया. इसके बाद, सुरक्षा बलों ने पूरे क्षेत्र को घेरकर ऑपरेशन को और तेज कर दिया. सुरक्षा एजेंसियों को यह शक है कि TRF (The Resistance Front) के कुछ और आतंकी जंगलों में छिपे हो सकते हैं.

TRF का टेरर हाइडआउट है दाछीगाम
दाछीगाम जंगल को पहले से ही TRF का प्रमुख हाइडआउट माना जाता है. इसी संगठन ने हाल ही में LoC के पास हुए लैंड माइन ब्लास्ट की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें एक जवान शहीद हुआ था और तीन अन्य घायल हो गए थे. इसके अलावा, स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे ऑपरेशन के दौरान घरों में ही रहें और इलाके से दूर रहें, क्योंकि सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गई है.

इस बीच, पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था. आतंकियों ने टूरिस्टों पर अंधाधुंध गोलीबारी की थी, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी. इनमें से अधिकांश हिंदू समुदाय के टूरिस्ट थे, जिन्हें आतंकियों ने नाम पूछकर निशाना बनाया था. यह हमला TRF के आतंकवादियों द्वारा किया गया था, जो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े हुए थे.

भारत सरकार ने पहलगाम हमले के बाद "ऑपरेशन सिंदूर" लॉन्च किया था, जिसे पाकिस्तान में स्थित आतंकवादी ठिकानों के खिलाफ एक बड़ा कदम माना गया. इस ऑपरेशन के तहत, भारत ने पाकिस्तान के बहावलपुर और मुरिदके जैसे इलाकों में स्थित नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक एयर स्ट्राइक की. ये क्षेत्र लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के गढ़ माने जाते हैं, और यहां आतंकवाद फैलाने वाले इन्फ्रास्ट्रक्चर को ध्वस्त करने के लिए ये एयर स्ट्राइक की गईं.

हाई-वैल्यू टारगेट्स पर सेना की नज़र

इन हमलों में कई हाई-वैल्यू टारगेट्स को मार गिराया गया, जिनमें प्रमुख आतंकी कमांडर और संगठन के अन्य प्रमुख सदस्य शामिल थे. इस ऑपरेशन ने यह संदेश दिया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी कार्रवाई में किसी भी प्रकार की नरमी नहीं बरतेगा, और इसके परिणामस्वरूप पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों को एक मजबूत जवाब दिया गया.

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ऑपरेशन सिंदूर ने भारतीय सुरक्षा बलों की तत्परता और उनके द्वारा उठाए गए सख्त कदमों को स्पष्ट रूप से उजागर किया. साथ ही यह भी दिखाया कि भारत अपनी सीमाओं के बाहर आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए तैयार है.

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