'ओलंपिक के बहाने कुछ लोग चीनी राजदूत से ट्यूशन लेने जाते हैं...', राज्यसभा में एस जयशंकर ने राहुल गांधी पर बोला हमला, कहा - 'चाइना गुरु' गुप्त मीटिंग करते हैं...
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा सत्र के दौरान बिना राहुल गांधी का नाम लिए इशारों- इशारों में कहा कि 'कुछ लोग चीन को लेकर अपना ज्ञान देते हैं और ओलंपिक जाकर चीनी राजदूत से प्राइवेट ट्यूशन हासिल करते हैं.' जयशंकर ने इस दौरान राहुल को 'चाइना गुरु' बताकर जमकर निशाना साधा.

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लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी राहुल गांधी के चीनी राजदूत से मुलाकात पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने तीखा हमला बोला है. बुधवार को सत्र के दौरान ऑपरेशन सिंदूर पर चल रही बहस पर विदेश मंत्री ने इशारों-इशारों में कहा कि वह तो चाइना गुरु बन गए हैं. चीनी राजदूत के साथ बैठकर गुप्त मीटिंग करते हैं. उन्होंने 1960 के दशक में शुरू हुए चीन और भारत की दोस्ती को लेकर कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह ठीक से काम नहीं कर पाए.
'ओलंपिक जाकर चीनी राजदूत से ट्यूशन लेते हैं'
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा सत्र के दौरान राहुल गांधी का बिना नाम लिए इशारों- इशारों में कहा कि 'कुछ लोग चीन को लेकर अपना ज्ञान देते हैं और ओलंपिक जाकर चीनी राजदूत से प्राइवेट ट्यूशन हासिल करते हैं.' इस दौरान जयशंकर ने कहा कि 'वह 41 साल तक विदेश सेवा में रहे हैं. मैं चीन में भारत के सबसे लंबे समय तक राजदूत रहा हूं, लेकिन अब कुछ लोग 'चाइना-गुरु' बन गए हैं, जो चीन को लेकर ज्ञान बांटते हैं.'
'2008 से चीन में सोनिया और राहुल गांधी की क्लास शुरू हुई'
एस जयशंकर ने 'ऑपरेशन सिंदूर' पर बहस के दौरान चीन का जिक्र करते हुए कहा कि 'साल 2008 में बीजिंग ओलंपिक का आयोजन हुआ था, तो राहुल गांधी और सोनिया गांधी बतौर विशेष अतिथि शामिल हुए थे. वहीं से उनकी चीन की ‘क्लास’ शुरू हुई.' जयशंकर ने बिना नाम लिए राहुल गांधी और कांग्रेस की तरफ निशाना साधा.
'चीन के दौरे पर जो भी मैंने किया वह सब सार्वजनिक था'
विदेश मंत्री ने सत्र के दौरान कहा कि 'उन्होंने चीन का जितना भी दौरा किया, वह सब कुछ सार्वजनिक था. मैंने आतंकवाद, तनाव कम करने और चीन की तरफ से व्यापार पर लगाए गए सभी प्रतिबंधों पर बात की. मैंने चीन को साफ कह दिया था कि दोनों देशों के संबंध 3 बातों पर आधारित होंगे. इनमें पहला आपसी सम्मान, दूसरा आपसी हित और तीसरा आपसी संवेदनशीलता.'
'मैं विशेष व्यक्ति में नहीं था इसलिए ओलंपिक क्लास में नहीं गया'
जयशंकर ने आगे राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा कि 'मैं विशेष व्यक्ति नहीं था, इसलिए ओलंपिक क्लास में नहीं गया. कुछ लोग ओलंपिक में जाकर चीन से ज्ञान प्राप्त करते हैं और फिर चीनी राजदूत को अपने घर बुलाकर ट्यूशन लेते हैं. चीन और पाकिस्तान की नजदीकियां साल 1960 के दशक में शुरू हुई थी, उस दौरान कांग्रेस की सरकार इस पर ठीक से काम नहीं कर पाई. अब कुछ लोग 'चाइना गुरु' बनकर ज्ञान देते हैं और कहते हैं कि चीन और पाकिस्तान काफी करीब आ गए हैं. उन्हें नहीं पता कि यह सब कुछ तब हुआ, जब हमने POK छोड़ दिया.'
'विपक्ष बार-बार राष्ट्रीय सुरक्षा की बात करता है'
विदेश मंत्री ने कांग्रेस सरकार की पोल खोलते हुए श्रीलंका के हंबनटोटा पोर्ट का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि 'विपक्ष बार-बार राष्ट्रीय सुरक्षा को दोहराता रहता है, लेकिन सच्चाई तो यह है कि श्रीलंका के हंबनटोटा पोर्ट पर चीन का कब्जा देश की सबसे बड़ी रणनीतिक चूक थी, यह जो कुछ भी हुआ, वह कांग्रेस सरकार के दौरान हुआ. मैं गुप्त बैठकें नहीं करता, न कोई डील करता हूं. यह काम सिर्फ ओलंपिक वाले चाइना गुरु करते हैं.'
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बता दें कि इससे 2 दिन पहले भी लोकसभा सत्र के दौरान एस जयशंकर ने डोकलाम के मुद्दे पर राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा था.