गणतंत्र दिवस के मौके पर वाघा बॉर्डर से दिया दुनिया को बड़ा संदेश !
स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास का सपना लिए गणतंत्र दिवस 2025 के इस ख़ास मौके पर पूरा देश जश्न में डूबा हुआ है। देश के विभिन्न हिस्सों में ध्वजारोहण के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। साथ ही वाघा बॉर्डर पर BSF ने तिरंगा फहरा कर इस एक बड़ा संदेश विश्व को दिया।

आज 26 जनवरी का दिन पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जा रहा है । यह दिन भारतीय गणराज्य की स्थापना का प्रतीक है, और हर साल इस राष्ट्रीय पर्व को बड़े उत्साह और खुशी के साथ मनाया जाता है। इस दिन देश के हर हिस्से में कई विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जहां लोग देशभर में एकजुट होकर भारत की एकता, अखंडता और विकास को सलाम करते हैं।और पुरे विश्व को संदेश देते हैं। साल 2025 का गणतंत्र दिवस भी इसी जोश के साथ मनाया जा रहा है और इसका सबसे खास आकर्षण वाघा बॉर्डर पर फहराया गया तिरंगा भी रहा।
वाघा बॉर्डर पर फहराया गया तिरंगा -
हर साल की तरह इस साल भी गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रीय ध्वज को बड़े धूमधाम से सम्मानित किया गया। वाघा बॉर्डर पर सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने पूरे उत्साह और गर्व के साथ तिरंगा फहराया। बीएसएफ कमांडेंट हर्ष नंदन जोशी ने समारोह के दौरान सभी नागरिकों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दीं और जवानों को मिठाई खिलाकर उनका मुंह मीठा कराया। साथ ही उन्होंने दुनिया को यह भी संदेश दिया कि किसी को भी देश की सुरक्षा से खिलवाड़ करने की इजाजत नहीं दी जाएगी, चाहे वह पड़ोसी देश ही क्यों न हो। और इस बात को आप एक चेतावनी के तौर पर भी ले सकते हैं।
गणतंत्र दिवस के इस ख़ास मौके पर वाघा बॉर्डर पर बीएसएफ के जवानों ने अपनी बहादुरी का प्रदर्शन किया और सलामी ली। भारत-पाकिस्तान सीमा पर हर साल इस तरह के आयोजन से सुरक्षा और एकता का महत्वपूर्ण संदेश दिया जाता है।
देश के तमाम हिस्सों में इस तरह मनाया गणतंत्र दिवस -
चेन्नई - चेन्नई के मरीना बीच पर तमिलनाडु के राज्यपाल आर.एन. रवि और मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन उपस्थित थे। वहां आयोजित रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने लोगों का दिल जीत लिया। इसी तरह, कोयंबटूर में कलेक्टर क्रांतिकुमार पाडी ने वी.ओ.सी मैदान में ध्वजारोहण किया और रंग-बिरंगे गुब्बारे और कबूतर उड़ाए, जिससे समारोह और भी खास बन गया।
मुंबई - मुंबई के मीरा भायंदर में भी गणतंत्र दिवस का आयोजन किया गया, जहां डीसीपी जयंत बजबले ने ध्वजारोहण किया। इस कार्यक्रम में स्कूलों के छात्र-छात्राओं के साथ पुलिस कर्मी भी मौजूद थे। सभी ने मिलकर देशभक्ति का उत्सव मनाया और राष्ट्रीय ध्वज के प्रति सम्मान दिखाया।
इसी तरह गणतंत्र दिवस के मौके पर देशभर के हर राज्य में ध्वजारोहण और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए और अपने - अपने अंदाज़ में जश्न मनाया।
स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास -
इस साल के गणतंत्र दिवस का विषय "स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास" रखा गया था। यह विषय भारत की सांस्कृतिक धरोहर और उसके विकास को दिखाने के उद्देश्य से था। इस तरह के आयोजनों से भारतीय समाज की विविधता और प्रगति को उजागर किया जाता है, ताकि लोग अपने देश की उपलब्धियों को पहचान सकें और गर्व महसूस कर सकें।
आपको बता दें यह दिन भारतीय गणराज्य की स्थापना का प्रतीक होने के साथ-साथ हमें अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों का एहसास भी कराता है। इस दिन के माध्यम से हम अपने देश की एकता, अखंडता और विविधता का सम्मान करते हैं। देश के हर राज्य, शहर और गांव में आयोजित हुए कार्यक्रमों ने यह साबित कर दिया कि भारत की असली ताकत उसकी एकजुटता में है। यह दिन हमें अपने देश के प्रति गर्व और प्रेम को और भी मजबूत करने की प्रेरणा देता है।
Input - IANS