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CM योगी के गोरखपुर से विकास की नई रफ्तार, पानीपत तक बनेगा 747 KM लंबा एक्सप्रेसवे, 100 से अधिक गांवों को मिलेगा बड़ा फायदा

गोरखपुर-बस्ती मंडल के 133 गांवों में भूमि अधिग्रहण शुरू हो गया है. यह एक्सप्रेसवे सिद्धार्थनगर के बांसी से शुरू होकर संतकबीरनगर, गोरखपुर और कुशीनगर के हाटा तक जाएगा. गोरखपुर मंडल में इसकी लंबाई 86.24 किलोमीटर होगी.

Yogi Adityanath

उत्तर प्रदेश में सड़क विकास का सपना अब लगातार हकीकत का रूप लेता जा रहा है. गोरखपुर से पानीपत तक 747 किलोमीटर लंबा सुपरफास्ट एक्सप्रेसवे बनने जा रहा है, जो न केवल प्रदेश के विकास की रफ्तार बढ़ाएगा बल्कि 100 से अधिक गांवों की किस्मत भी बदल देगा. इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के लिए गोरखपुर-बस्ती मंडल के 133 गांवों में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

जानकारी के अनुसार, यह एक्सप्रेस-वे सिद्धार्थनगर के बांसी से प्रवेश करेगा और संतकबीरनगर के मेंहदावल, गोरखपुर के सदर एवं कैंपियरगंज होते हुए कुशीनगर के हाटा तक जाएगा. गोरखपुर मंडल में इसका कुल लंबाई 86.24 किलोमीटर होगी. एनएचएआई (NHAI)। ने भूमि अधिग्रहण के लिए संबंधित जिलाधिकारियों को पत्र भेज दिए हैं, ताकि काम में किसी भी प्रकार की रुकावट न आए. यूपी की योगी सरकार ने इस प्रोजेक्ट को लेकर सख्त निर्देश दिए हैं कि जिन जिलों में भूमि की आवश्यकता होगी, उसका तत्काल समाधान किया जाए. इस कदम से साफ है कि राज्य सरकार सड़क परियोजना को प्राथमिकता दे रही है और विकास की रफ्तार को तेज करना चाहती है.

747 किलोमीटर लंबा होगा एक्सप्रेस-वे 

एनएचएआई ने गोरखपुर-बस्ती मंडल में सर्वे शुरू कर दिया है. इसमें बांसी के 37 गांवों में 16.69 किलोमीटर, मेंहदावल के 29 गांवों में 22.5 किलोमीटर, गोरखपुर सदर एवं कैंपियरगंज के 46 गांवों में 34.22 किलोमीटर और हाटा के 21 गांवों में 12.8 किलोमीटर सड़क का निर्माण होगा. पानीपत गोरखपुर एक्सप्रेस-वे कुल 747 किलोमीटर लंबा होगा और यह सिद्धार्थनगर से आगे बलरामपुर, बहराइच, लखीमपुर खीरी के गोला गोकर्णनाथ होते हुए आगे बढ़ेगा. संतकबीरनगर में 20.25 किलोमीटर, गोरखपुर में 34 किलोमीटर और हाटा में भी लंबाई का हिस्सा आएगा. नयनसर के पास यह एक्सप्रेसवे गोरखपुर-सोनौली हाईवे को पार करेगा, जिससे ट्रैफिक और यात्रा समय में काफी कमी आएगी.

ज़िलाधिकारी ने साझा की जानकारी 

डीएम दीपक मीणा ने बताया कि एक्सप्रेस-वे का एलाइन्मेंट तय हो चुका है और गोरखपुर के 46 गांवों से होते हुए यह आगे बढ़ेगा। एनएचएआई के प्रस्ताव पर जल्द ही भूमि अधिग्रहण अधिकारी भी नामित किए जाएंगे, ताकि प्रक्रिया तेज और पारदर्शी हो.

इन गांव में होगा एक्सप्रेस-वे के लिए भूमि- अधिग्रहण 

भूमि अधिग्रहण वाले गांवों की सूची भी जारी कर दी गई है. कैंपियरगंज में लक्ष्मीपुर, मखनहा, ठकुरापार, भरोहिया, रामपुर कैथवलिया, बेलघाट बुजुर्ग सहित कुल 22 गांव शामिल हैं. गोरखपुर सदर में बढ़नी, फुलवरिया, सियारामपुर, महराजगंज, ठाकुरपुर नंबर एक व दो, खुटहन खास सहित 24 गांव प्रभावित होंगे. बांसी के 37 गांव और मेंहदावल के 29 गांवों में भी जमीन अधिग्रहित की जाएगी. कुशीनगर के हाटा में रामपुर, अगया, होलिया, मगडिहा और कई अन्य गांव शामिल हैं.

आर्थिक सुधार का कारक बनेगा एक्सप्रेस-वे

यह एक्सप्रेस-वे न केवल यात्रियों के लिए सुविधाजनक होगा, बल्कि स्थानीय लोगों के रोजगार और आर्थिक स्थिति में सुधार लाएगा. 100 से अधिक गांवों में सड़क निर्माण के कारण विकास के नए अवसर खुलेंगे. किसान और छोटे व्यवसायी अपने उत्पाद आसानी से बड़े बाजारों तक पहुंचा पाएंगे, और निवेशकों का ध्यान भी इस क्षेत्र की ओर जाएगा. जानकारों का मानना है कि 747 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे उत्तर भारत के ट्रांसपोर्ट नेटवर्क को और मजबूत करेगा और गोरखपुर को देश के प्रमुख व्यापारिक और औद्योगिक केंद्रों से सीधे जोड़ देगा. यात्रा का समय घटने के साथ ही सड़क सुरक्षा और आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का लाभ आम जनता को मिलेगा.

जानकारी देते चलें कि उत्तर प्रदेश सरकार और एनएचएआई की यह पहल प्रदेश के विकास की नई कहानी लिख रही है. गोरखपुर से पानीपत तक का यह सुपरफास्ट एक्सप्रेसवे न केवल सड़क पर सफर आसान बनाएगा, बल्कि 100 से अधिक गांवों की किस्मत में भी उजाला लाएगा, जो विकास की ओर कदम बढ़ाने को तैयार हैं.

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