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नए साल पर वैष्णो देवी जाने वालों के लिए नए नियम, चढ़ाई और वापसी के लिए तय हुई समय सीमा

Vaishno Devi: इन नियमों का मकसद यात्रियों की भीड़ को नियंत्रित करना, रास्तों पर जाम से बचना और सभी श्रद्धालुओं की यात्रा को सुरक्षित व सुगम बनाना है. बोर्ड का कहना है कि हर साल नए साल पर लाखों श्रद्धालु आते हैं, ऐसे में समय का सही प्रबंधन बहुत जरूरी हो जाता है.

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24 Dec 2025
( Updated: 24 Dec 2025
03:19 PM )
नए साल पर वैष्णो देवी जाने वालों के लिए नए नियम, चढ़ाई और वापसी के लिए तय हुई समय सीमा
Image Source: Social Media

Vaishno Devi New Rules: नए साल 2026 के मौके पर माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए उमड़ने वाली भारी भीड़ को देखते हुए श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने यात्रा और दर्शन के नियमों में कुछ अहम बदलाव किए हैं. इन नियमों का मकसद यात्रियों की भीड़ को नियंत्रित करना, रास्तों पर जाम से बचना और सभी श्रद्धालुओं की यात्रा को सुरक्षित व सुगम बनाना है. बोर्ड का कहना है कि हर साल नए साल पर लाखों श्रद्धालु आते हैं, ऐसे में समय का सही प्रबंधन बहुत जरूरी हो जाता है.

RFID कार्ड मिलने के बाद 10 घंटे में चढ़ाई जरूरी

अब श्रद्धालुओं को RFID यात्रा कार्ड मिलने के 10 घंटे के भीतर चढ़ाई शुरू करनी होगी. अगर तय समय के अंदर यात्रा शुरू नहीं की गई, तो RFID कार्ड अमान्य हो सकता है. इसका मतलब यह है कि अब यात्रा को टालना या बिना योजना के देर करना संभव नहीं होगा. बोर्ड ने साफ कहा है कि यह नियम इसलिए बनाया गया है ताकि एक ही समय में ज्यादा लोग रास्ते में न रुकें और भीड़ संतुलित बनी रहे.


दर्शन के बाद 24 घंटे में कटरा लौटना अनिवार्य


श्राइन बोर्ड ने यह भी तय किया है कि दर्शन पूरा करने के बाद श्रद्धालुओं को 24 घंटे के भीतर कटरा बेस कैंप वापस लौटना होगा. यह समय सीमा यात्रा शुरू होने के समय से गिनी जाएगी. पहले की तुलना में यह नियम थोड़ा सख्त जरूर है, लेकिन इससे रास्ते में अनावश्यक ठहराव कम होगा और नए श्रद्धालुओं को आगे बढ़ने में आसानी मिलेगी.

ये नियम क्यों किए गए लागू

दरअसल, नए साल के दौरान वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर भीड़ बहुत ज्यादा बढ़ जाती है, जिससे कई बार जाम, अव्यवस्था और सुरक्षा से जुड़ी समस्याएं सामने आती हैं. श्राइन बोर्ड का मानना है कि समय सीमा तय होने से भीड़ अपने आप नियंत्रित रहेगी और श्रद्धालुओं को बेहतर अनुभव मिलेगा. साथ ही, मौसम खराब होने की स्थिति में लंबे समय तक रुकने से होने वाले जोखिम भी कम होंगे.

RFID कार्ड और सुविधाएं पहले जैसी रहेंगी


श्रद्धालु RFID कार्ड ऑनलाइन या कटरा में पहले की तरह प्राप्त कर सकेंगे. बोर्ड ने यात्रियों से अपील की है कि वे अपनी यात्रा की योजना पहले से बनाकर आएं. हेलीकॉप्टर सेवा, बैटरी कार और अन्य सुविधाएं पहले की तरह उपलब्ध रहेंगी, लेकिन तय समय सीमा का पालन सभी को करना होगा.

अभी अस्थायी हैं नियम, आगे हो सकते हैं स्थायी


श्राइन बोर्ड ने बताया है कि ये बदलाव फिलहाल नए साल के पीक समय को ध्यान में रखकर किए गए हैं. हालांकि, अगर ये नियम कारगर साबित होते हैं, तो भविष्य में इन्हें स्थायी रूप से भी लागू किया जा सकता है.

सुरक्षा और सुविधाओं पर भी खास ध्यान


श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कटरा में मेडिकल सुविधाएं, विश्राम स्थल और भोजन व्यवस्था को और बेहतर किया गया है. ऑनलाइन पोर्टल के जरिए RFID कार्ड लेना आसान बना दिया गया है और किसी भी सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं. बोर्ड ने यह भी स्पष्ट किया है कि अगर कोई श्रद्धालु बार-बार नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसे अगली यात्रा के लिए प्रतिबंधित किया जा सकता है.

श्रद्धालुओं से खास अपील

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श्राइन बोर्ड ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे यात्रा से पहले मौसम की जानकारी जरूर लें, समय का ध्यान रखें और नियमों का पालन करें. इससे न केवल उनकी यात्रा आसान होगी, बल्कि सभी श्रद्धालु सुरक्षित और शांतिपूर्वक माता के दर्शन कर सकेंगे

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