National Water Awards: जल संरक्षण में महाराष्ट्र अव्वल, गुजरात और हरियाणा को भी मिला सम्मान
सरकार का कहना है कि राष्ट्रीय जल पुरस्कारों का उद्देश्य सिर्फ सम्मान देना नहीं है, बल्कि लोगों में पानी बचाने की भावना को जगाना है. ‘जल समृद्ध भारत’ के लक्ष्य को हासिल करने के लिए यह पहल देश के हर कोने तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है.
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Maharashtra: देश में जल संरक्षण और प्रबंधन के क्षेत्र में उत्कृष्ट काम करने वाले राज्यों और संस्थानों को सम्मानित करने के लिए छठे राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2024की घोषणा की गई है. इस बार सर्वश्रेष्ठ राज्य श्रेणी में महाराष्ट्र ने पहला स्थान हासिल किया है. इसके बाद गुजरात दूसरे और हरियाणा तीसरे स्थान पर रहे हैं. ये पुरस्कार जल शक्ति मंत्रालय की ओर से दिए जाते हैं, ताकि देश भर में पानी बचाने और उसके बेहतर उपयोग के लिए प्रेरणा मिल सके. जल शक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल ने बताया कि इस पहल का मुख्य उद्देश्य समाज के हर स्तर पर जल संरक्षण की संस्कृति को बढ़ावा देना है.
कुल 46 विजेताओं को मिलेगा सम्मान
राष्ट्रीय जल पुरस्कारों के लिए इस बार देश भर से 751 आवेदन प्राप्त हुए थे. इन आवेदनों का मूल्यांकन केंद्रीय जल आयोग और केंद्रीय भूजल बोर्ड की टीमों ने किया.समीक्षा के बाद कुल 46 विजेताओं का चयन किया गया है, जिन्हें 10 अलग-अलग श्रेणियों में पुरस्कार दिया जाएगा. पुरस्कार पाने वाले विजेताओं को प्रशस्ति पत्र, ट्रॉफी और नकद इनाम दिया जाएगा .इन विजेताओं को 18 नवंबर को आयोजित समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सम्मानित करेंगी. पुरस्कारों की मुख्य श्रेणियां जल संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित करने के लिए यह पुरस्कार कई श्रेणियों में दिए जाते हैं -
सर्वश्रेष्ठ राज्य
सर्वश्रेष्ठ जिला
सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत
सर्वश्रेष्ठ शहरी स्थानीय निकाय
सर्वश्रेष्ठ स्कूल या कॉलेज
सर्वश्रेष्ठ उद्योग
सर्वश्रेष्ठ जल उपयोगकर्ता संघ
सर्वश्रेष्ठ संस्थान
सर्वश्रेष्ठ नागरिक समाज संगठन
सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति (इंडिविजुअल)
इन श्रेणियों के माध्यम से सरकार का मकसद हर स्तर पर पानी के महत्व को समझाने और लोगों को इसके संरक्षण के लिए प्रोत्साहित करना है.
महाराष्ट्र से लेकर हरियाणा तक
महाराष्ट्र ने जल संरक्षण के क्षेत्र में कई नवाचार किए हैं, जिनकी वजह से उसे सर्वोच्च सम्मान मिला. गुजरात ने अपने ग्रामीण इलाकों में जल संरचनाओं के पुनरुद्धार और रेनवॉटर हार्वेस्टिंग पर विशेष काम किया, जबकि हरियाणा ने खेती में जल उपयोग को संतुलित करने के लिए नई तकनीकों का इस्तेमाल किया. इन तीनों राज्यों के प्रयास अब अन्य प्रदेशों के लिए उदाहरण बन गए हैं.
तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और राजस्थान ने भी किया शानदार प्रदर्शन
तेलंगाना राज्य ने ‘जल संचय जन भागीदारी (JSJB) 1.0’ पहल के तहत अब तक 5.2 लाख जल संरक्षण संरचनाओं का निर्माण करवाया है, जिससे वह इस श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला राज्य बना है.
इसके बाद छत्तीसगढ़ में 4.05 लाख परियोजनाएं और राजस्थान में 3.64 लाख जल संरचनाएं बनाई गईं.
उत्तर प्रदेश बना जल संरक्षण में अग्रणी राज्य
‘जल शक्ति अभियान, कैच द रेन’ के तहत उत्तर प्रदेश ने इस साल बेहतरीन काम किया है. मिर्जापुर, वाराणसी और जालौन जिलों में जल संरक्षण संरचनाओं का निर्माण सबसे ज्यादा हुआ .
मिर्जापुर में 35,509
वाराणसी में 24,409
जालौन में 16,279 संरचनाएं बनीं.
इन तीनों जिलों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए 2-2 करोड़ रुपये का इनाम दिया जाएगा.
जल संरक्षण के प्रति जागरूकता की नई दिशा
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सरकार का कहना है कि राष्ट्रीय जल पुरस्कारों का उद्देश्य सिर्फ सम्मान देना नहीं है, बल्कि लोगों में पानी बचाने की भावना को जगाना है. ‘जल समृद्ध भारत’ के लक्ष्य को हासिल करने के लिए यह पहल देश के हर कोने तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है. यह पुरस्कार उन सभी लोगों और संस्थानों के प्रयासों को मान्यता देता है जिन्होंने अपने स्तर पर जल संरक्षण को जन आंदोलन बनाने की दिशा में काम किया है.
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