Bangladesh के मंदिर में Modi ने चढ़ाया था मुकुट, वो मुकुट उठा ले गये, गुस्से में भारत का तगड़ा एक्शन
ऐसा लग रहा है बांग्लादेश एक बार फिर पूर्वी पाकिस्तान में बदल रहा है इसीलिये अब तो हालात ऐसे हो गये हैं कि जिस मंदिर में जाकर खुद पीएम मोदी ने साल 2021 में माता काली की पूजा की थी उन्हें मुकुट भेंट किया था वो मुकुट भी मंदिर से चोरी हो गया

दरअसल, 2021 के मार्च महीने में पीएम नरेंद्र मोदी बांग्लादेश के दौरे पर गए थे, जहां उन्होंने चैत्र नवरात्र से पहले सतखीरा जिले में स्थित 51 शक्तिपीठों में से एक प्राचीन जेशोरेश्वर मंदिर में मां काली की पूजा की थी। इसी दौरान उन्होंने मां काली को एक सोने का मुकुट भी भेंट किया था।
साल 2021 में बांग्लादेश के दौरे पर गए पीएम मोदी ने इसी मंदिर में माता काली की पूजा की थी, और उन्हें सोने का मुकुट भी भेंट किया था। मगर अफसोस की बात यह है कि इस शक्तिपीठ में अब वो मुकुट सुरक्षित नहीं रहा। 10 अक्टूबर को एक चोर मंदिर में घुसा और मां काली के सिर पर सजा ताज चोरी करके फरार हो गया। यह पूरी वारदात एक सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई और सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है।
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सीसीटीवी फुटेज में आप देख सकते हैं कि कैसे चोर मंदिर में घुसता है और मां काली की मूर्ति से मुकुट उतार कर कपड़ों में छुपा लेता है। दिनदहाड़े मंदिर में हुई इस चोरी पर बांग्लादेश के अखबार "द डेली स्टार" ने बताया है...
मंदिर के पुजारी और सफाई कर्मचारियों ने पाया कि देवी काली के सिर से मुकुट गायब है। बांग्लादेशी पुलिस ने चोरी की पुष्टि करते हुए जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि अपराधी की पहचान करने के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाली जा रही है और जल्दी ही चोर को पकड़ लिया जाएगा।
बांग्लादेश में स्थित 51 शक्तिपीठों में से एक प्राचीन जेशोरेश्वर मंदिर में मुकुट चोरी की वारदात पर भारत ने भी सख्त रुख दिखाया है। ढाका उच्चायोग ने इस मामले पर चिंता जताई है और मुकुट बरामद करने तथा दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। आपको बता दें कि जेशोरेश्वर मंदिर की बांग्लादेश के अलावा भारत और दूसरे पड़ोसी देशों में भी काफी मान्यता है। यह भारत के साथ-साथ पड़ोसी देशों में फैले 51 शक्तिपीठों में से एक के रूप में प्रतिष्ठित है। ऐसा माना जाता है कि इसका निर्माण 12वीं शताब्दी में हुआ था।
मंदिर की महत्ता को देखते हुए, खुद पीएम मोदी जब 2021 में बांग्लादेश दौरे के वक्त माता काली के दर्शन किए थे, तो उन्होंने यहां एक सामुदायिक हॉल के निर्माण का भी ऐलान किया था, जिससे आपदा के वक्त बांग्लादेश के लोगों को भी मदद मिल सके। ऐसे प्राचीन मंदिर में नवरात्रि के वक्त चोरी की घटना यह बताती है कि बांग्लादेश में न तो हिंदू सुरक्षित हैं, और न ही हिंदुओं के मंदिर।