Mayawati ने भतीजे Akash Anand को दिया बड़ा झटका, कहा- मेरे जीते जी… !
BSP Coordinator Akash Anand को मायावती का उत्तराधिकारी बताए जाने की मांग उठती रही है तो वहीं इसी बीच अब खुद बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने ऐलान कर दिया है कि उनका असली उत्तराधिकारी कौन होगा, भतीजे को दे दी सख्त हिदायत
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कांशीराम ने 14 अप्रैल 1984 को जिस बहुजन समाज पार्टी यानी बीएसपी की स्थापना की थी, उस बीएसपी की कमान उनकी शिष्या मायावती संभाल रही हैं, और उसी बीएसपी के दम पर चार बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री भी रह चुकी हैं। लेकिन मोदी और योगी के आने के बाद जैसे जैसे उनकी पार्टी कमजोर होती जा रही है, उनके भतीजे आकाश आनंद को उत्तराधिकारी बनाए जाने की मांग भी जोर पकड़ती जा रही है, क्योंकि आकाश आनंद एक युवा नेता हैं और अपने जोशीले भाषण की वजह से अक्सर चर्चाओं में भी बने रहते हैं। लेकिन लगता है मायावती को अपने भतीजे पर भरोसा नहीं है, और उन्हें फिलहाल अभी बीएसपी की कमान नहीं सौंपना चाहती हैं। इसीलिये उन्होंने एक के बाद एक किये कई ट्वीट में साफ कर दिया कि उनका उत्तराधिकारी कौन होगा।
16 फरवरी को किये गये ट्वीट में बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने बताया:
बीएसपी देश में बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के मानवतावादी आत्म-सम्मान व स्वाभिमान के कारवां को सत्ता तक पहुंचाने के लिए मान्यवर श्री कांशीराम जी द्वारा सब कुछ त्यागकर स्थापित की गई पार्टी व मूवमेंट है, जिसमें स्वार्थ, रिश्ते-नाते आदि महत्वहीन यानी बहुजन-हित सर्वोपरि है, इसी क्रम में मान्यवर श्री कांशीराम जी की शिष्या व उत्तराधिकारी होने के नाते उनके पदचिन्हों पर चलते हुए मैं भी अपनी आखिरी सांस तक हर कुर्बानी देकर संघर्ष जारी रखूंगी ताकि बहुजन समाज के लोग राजनीतिक गुलामी व सामाजिक लाचारी के जीवन से मुक्त होकर अपने पैरों पर खड़े हो सकें।
69 साल की मायावती ने एक बात तो साफ कर दी कि वो आखिरी सांस तक बीएसपी से जुड़ी रहेंगी, और रह गया सवाल उनके उत्तराधिकारी का, तो इस बारे में भी मायावती ने साफ कर दिया कि…
मान्यवर श्री कांशीराम जी की तरह ही मेरे जीते जी पार्टी और मूवमेंट का कोई भी वास्तविक उत्तराधिकारी तभी होगा जब वह भी कांशीराम जी के अंतिम सांस तक उनकी शिष्या की तरह, पार्टी और मूवमेंट को हर दुःख-तकलीफ उठाकर, उसे आगे बढ़ाने में पूरे जी-जान से लगातार लगा रहे, साथ ही देश भर में बीएसपी के छोटे-बड़े सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को भी पार्टी प्रमुख द्वारा निर्देश, निर्धारित अनुशासन और दायित्व के प्रति पूरी निष्ठा व ईमानदारी से जवाबदेह होकर पूरे तन, मन, धन से लगातार काम करते रहना जरूरी है।
मायावती ने इस एक बयान के साथ ही साफ कर दिया कि उनका उत्तराधिकारी वही होगा जो पार्टी के प्रति पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ काम करेगा। उनका ये बयान देख कर ऐसा लग रहा है कि बीएसपी के नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद मायावती की ओर से तय किये गये पैमाने पर खरे नहीं उतर पा रहे हैं। इसीलिये उन्हें खुद सोशल मीडिया पर आकर सफाई देनी पड़ी कि उनका उत्तराधिकारी कौन होगा, और उसमें क्या खासियत होनी चाहिए। आकाश आनंद मायावती के भतीजे हैं सिर्फ इसलिए उन्हें पार्टी की कमान नहीं सौंपी जाएगी। वैसे आपको बता दें, अपने भतीजे को तगड़ा झटका देने वालीं मायावती इससे पहले आकाश आनंद के ससुर डॉ. अशोक सिद्धार्थ के खिलाफ भी तगड़ा एक्शन ले चुकी हैं। उन्हें तो पार्टी के खिलाफ गुटबाजी करने के आरोप में बीएसपी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। इसी बात से समझ सकते हैं कि मायावती के लिए बीएसपी से बढ़ कर कुछ नहीं है। बात पार्टी की आएगी तो वो रिश्तेदारों को भी सबक सिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगी।
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