'रथ यात्रा में भी हुई थी कई लोगों की मौत...', पुरी रथयात्रा में कैसे मची भगदड़, चश्मदीदों ने खोली भीड़ और बदइंतजामी की पोल...
पुरी भगदड़ मामले में हुई 3 मौतों के बाद घटनास्थल पर मौजूद चश्मदीदों ने बताया है कि 'भीड़ को संभालने के लिए प्रबंधन ठीक नहीं था. VIP के लिए नया रास्ता बनाया गया था और आम लोगों को दूर से ही बाहर निकलने को कहा जा रहा था. जिसके बाद लोग प्रवेश द्वार से ही बाहर निकलने लगे थे. जिसकी वजह से भीड़ बढ़ गई. यहां यातायात व्यवस्था भी ठीक नहीं थी. कई अनधिकृत पास वाले वाहन मंदिर के पास आ गए थे. प्रशासन ने भीड़ को ठीक से नियंत्रित नहीं किया. सबसे बड़ी समस्या निकास द्वार की थी.'

ओडिशा के पुरी में वार्षिक जगन्नाथ रथ यात्रा उत्सव के दौरान हुई भगदड़ मामले को लेकर घटनास्थल पर मौजूद चश्मदीदों ने आँखों देखा हाल बताया है. इसमें सरकार और प्रशासन की पूरी लापरवाही बताई जा रही है. बता दें कि रविवार को यात्रा के दौरान 3 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 50 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं. यह घटना 29 जून की सुबह करीब 4 से 5 बजे के आसपास हुई है. घटना के वक्त हजारों श्रद्धालु इस खास उत्सव को देखने के लिए इकट्ठा हुए थे, लेकिन इस दौरान भीड़ में दो धार्मिक ट्रकों के घुसने की वजह से माहौल बिगड़ गया. चारों तरफ अफरा-तफरी और भगदड़ मच गई. खबरों के मुताबिक, जो 2 धार्मिक ट्रक भीड़ के बीच में घुसे थे. उनमें अनुष्ठान के लिए साम्रगी भरे हुए थे. घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने बताया कि वहां पर पर्याप्त व्यवस्था इंतजाम नहीं थे.
'भीड़ को प्रशासन कंट्रोल नहीं कर पाई'
पुरी भगदड़ मामले के दौरान घटनास्थल पर मौजूद एक चश्मदीद स्वाधीन कुमार पंडा ने एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए बताया कि 'रविवार (29 जून, 2025) को मैं कल रात 2-3 बजे तक मंदिर के पास ही था, लेकिन भीड़ को संभालने के लिए प्रबंधन ठीक नहीं था. VIP के लिए नया रास्ता बनाया गया था और आम लोगों को दूर से ही बाहर निकलने को कहा जा रहा था. लोग प्रवेश द्वार से ही बाहर निकलने लगे, जिसकी वजह से भीड़ बढ़ गई. यहां यातायात व्यवस्था भी ठीक नहीं थी. कई अनधिकृत पास वाले वाहन मंदिर के पास आ गए थे. प्रशासन ने भीड़ को ठीक से नियंत्रित नहीं किया. सबसे बड़ी समस्या निकास द्वार की थी.'
'रथ यात्रा के दिन भी कई लोगों की मौत हुई थी'
चश्मदीद ने आगे बताया कि 'रथ यात्रा के दिन यानी शनिवार को भी कई लोगों की मौत हुई थी, लेकिन सरकार और प्रशासन ने इसका खुलासा नहीं किया. उनका कहना था कि कोई हताहत नहीं हुआ. आज 3 लोगों की मौत हुई है. इनमें 2 महिलाएं और 1 पुरुष हैं. इसके लिए ओडिशा का प्रशासन जिम्मेदार है, क्योंकि रात में वहां कोई पुलिस-प्रशासन का अधिकारी मौजूद नहीं था.'
'VIP लोगों के आने से बढ़ी दिक्कत'
एक अन्य चश्मदीद ने बताया कि 'घटना के दौरान लोग एक-दूसरे के ऊपर गिर रहे थे. इनमें कई लगातार बेहोश होते गए. मैं जब सूचना केंद्र पर पहुंचा, तो उन्होंने कहा कि वह कुछ नहीं कर सकते. घटना वाली जगह से करीब 1 किलोमीटर दूर एंबुलेंस खड़ी थी. एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि वहां बिल्कुल भी व्यवस्था नहीं थी. इस घटना में VIP कल्चर का भी बहुत बड़ा योगदान है. VIP लोगों की एंट्री के लिए अलग से गेट बनाया गया था.'
कैसे हुई घटना?
खबरों के मुताबिक, ओडिशा के पुरी में रथ यात्रा के दौरान भगदड़ में 3 लोगों की मौत हो चुकी है. जिनमें दो महिलाएं शामिल हैं. वहीं 10 लोग घायल भी हुए हैं. बता दें कि यह हादसा सुबह करीब 4:30 बजे हुआ, जब भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा की मूर्तियों को ले जा रहे 3 रथ जगन्नाथ मंदिर से करीब 3 किलोमीटर दूर श्री गुंडिचा मंदिर के पास थे. इस दौरान गुंडिचा मंदिर के पास भारी भीड़ दर्शन के लिए जुटी हुई थी. जहां भीड़ बढ़ने पर कुछ लोग गिर गए. जिससे भगदड़ शुरू हो गई. इस हादसे में 3 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई. मृतकों में दो महिलाएं प्रभाती दास और बसंती साहू शामिल हैं. वहीं एक पुरुष 70 वर्षीय प्रेमकांत मोहंती की भी मौत हुई है. यह तीनों खुरदा जिले के रहने वाले थे, जो रथ यात्रा के लिए पुरी आए थे. इससे पहले शनिवार को भी रथ यात्रा के दौरान 600 से अधिक श्रद्धालु बीमार हो गए थे. जिनका इलाज पुरी के विभिन्न अस्पतालों में कराया गया. वहीं कई लोग धक्का-मुक्की के कारण भी घायल हो गए थे. जबकि 200 से अधिक लोग गर्मी और उमस भरे मौसम की वजह से बेहोश हो गए.