अस्पताल में घटिया दवाएं मिलीं तो अब खैर नहीं, महाराष्ट्र सरकार ने बनाया 'फ्लाइंग स्क्वायड'
स्वास्थ्य विभाग जल्द ही एक ‘फ्लाइंग स्क्वायड’ बनाएगा, जो अचानक जाकर अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में दवाओं की गुणवत्ता की जांच करेगा. इसका मकसद यह है कि मरीजों तक सिर्फ सुरक्षित और मानक के अनुसार दवाएं पहुंचे.
Follow Us:
Maharashtra: महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के सरकारी अस्पतालों में नकली और घटिया दवाओं की सप्लाई रोकने के लिए बड़ा कदम उठाया है. स्वास्थ्य विभाग जल्द ही एक ‘फ्लाइंग स्क्वायड’ बनाएगा, जो अचानक जाकर अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में दवाओं की गुणवत्ता की जांच करेगा. इसका मकसद यह है कि मरीजों तक सिर्फ सुरक्षित और मानक के अनुसार दवाएं पहुंचे.
फ्लाइंग स्क्वायड - मौके पर जांच
इस विशेष दल का नेतृत्व एक नियुक्त अधिकारी करेंगे और दल में आधुनिक ड्रग डिटेक्शन मशीनें होंगी. इससे मौके पर ही दवाओं की गुणवत्ता की जांच की जा सकेगी. अगर कोई दवा निर्धारित मानक से कम निकली, तो उस दवा का सप्लायर, संबंधित अधिकारी और कंपनी कानून के तहत जिम्मेदार ठहराई जाएगी. इस कदम से सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि अस्पतालों में मरीजों को सुरक्षित और प्रभावी दवाएं ही मिलें.
भिवंडी और नांदेड में घटिया दवा का मामला
हाल ही में भिवंडी और नांदेड के सरकारी अस्पतालों में घटिया दवाओं की सप्लाई के मामले सामने आए थे. नांदेड के सरकारी अस्पताल में एफडीए की जांच में 1.5 लाख घटिया एंटीबायोटिक टेबलेट्स पाई गईं. इस मामले में 8 स्वास्थ्य अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई, जिनमें जिला स्वास्थ्य अधिकारी भी शामिल थे। इस घटना ने स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा दिया और सरकार के लिए इसे गंभीरता से लेने की जरूरत को स्पष्ट कर दिया.
दोषियों पर होगी सख्त कार्रवाई
स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश आंबिटकर ने बताया कि अब राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों और नगर निगम/परिषद के अस्पतालों में दवाओं की गुणवत्ता जांच के लिए विशेष टीमें तैनात की जाएंगी. इस कदम से मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी और घटिया दवाओं के मामलों पर तुरंत कार्रवाई संभव होगी.
यह भी पढ़ें
आंबिटकर ने यह भी बताया कि आगामी विधानसभा के शीतकालीन सत्र में विभाग की पारदर्शिता बढ़ाने और कानूनी ढांचे को मजबूत करने के लिए कई प्रस्ताव लाए जाएंगे. इसके अलावा, सरकार बॉम्बे नर्सिंग एक्ट में बदलाव पर भी विचार कर रही है ताकि छोटे अस्पतालों को अग्निसुरक्षा और स्टाफिंग जैसी जटिल नियमावलियों में राहत मिल सके. महाराष्ट्र सरकार का यह कदम न सिर्फ सरकारी अस्पतालों में दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करेगा, बल्कि मरीजों और स्वास्थ्य कर्मचारियों को सुरक्षा और भरोसा भी देगा. फ्लाइंग स्क्वायड की मदद से घटिया दवाओं पर कड़ी नजर रखी जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित होगी.
टिप्पणियाँ 0
कृपया Google से लॉग इन करें टिप्पणी पोस्ट करने के लिए
Google से लॉग इन करें