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महाराष्ट्र सरकार का बड़ा ऐलान, अब फसल नुकसान पर 3 हेक्टेयर तक मिलेगा मुआवजा

महाराष्ट्र के किसानों के लिए यह समय काफी चुनौती भरा रहा है, लेकिन सरकार के ये फैसले उनके लिए उम्मीद की किरण बनकर आए हैं. अगर ये राहत योजनाएं सही तरीके से लागू होती हैं और पारदर्शिता के साथ किसानों तक मदद पहुंचती है, तो लाखों किसान फिर से अपने खेतों में मेहनत के साथ लौट सकेंगे.

Source: CM Devendra Fadnavis

महाराष्ट्र के उन किसानों के लिए राहत की बड़ी खबर है जो इस बार की भारी बारिश और बाढ़ की मार से परेशान हैं. अब राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि फसल नुकसान पर मिलने वाले मुआवजे की सीमा 2 हेक्टेयर से बढ़ाकर 3 हेक्टेयर कर दी जाएगी. इस फैसले से राज्य के 6 लाख से ज्यादा किसानों को सीधा फायदा मिलेगा, जिन्हें अब पहले से ज्यादा आर्थिक मदद मिल सकेगी.

सरकार ने राहत के लिए स्वीकृत की 648 करोड़ रुपये की राशि

राज्य के राहत एवं पुनर्वास मंत्री मकरंद जाधव पाटिल ने बताया कि इस फैसले के लिए सरकार ने 648.15 करोड़ रुपये की राशि को मंजूरी दी है. उन्होंने कहा कि खरीफ सीजन में प्राकृतिक आपदा से प्रभावित किसानों के लिए अब तक कुल 8,139 करोड़ रुपये की राहत राशि मंजूर की जा चुकी है. यह दिखाता है कि सरकार इस बार किसानों की तकलीफों को लेकर गंभीर है.

पहले से ज्यादा किसानों को मिलेगा फायदा

सरकार के मुताबिक, इस फैसले से 6,12,177 किसान सीधे लाभान्वित होंगे. इन किसानों की लगभग 6.56 लाख हेक्टेयर खेती की जमीन बारिश और बाढ़ की वजह से खराब हो चुकी है। पहले, किसानों को केवल 2 हेक्टेयर तक ही मदद मिलती थी, लेकिन अब उन्हें एक हेक्टेयर अतिरिक्त मदद भी मिलेगी. मंत्री ने कहा कि यह कदम उन किसानों की मदद के लिए है जिन्होंने इस बार प्राकृतिक आपदा की सबसे ज्यादा मार झेली है.

राहत सीधे किसानों के खातों में जाएगी

सरकार ने यह भी साफ किया है कि राहत राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में भेजी जाएगी ताकि उन्हें किसी तरह की परेशानी न हो. इससे किसान अगली फसल की तैयारी समय पर कर सकें और दोबारा पटरी पर लौट सकें. इसी हफ्ते, सरकार ने 21.66 लाख किसानों के लिए 1,356.30 करोड़ रुपये की मदद को मंजूरी दी है, जो जल्द ही उनके खातों में पहुंच जाएगी.

पहले भी घोषित हो चुका है राहत पैकेज, पर विवाद भी हुआ

इससे पहले, महाराष्ट्र सरकार ने इस महीने की शुरुआत में किसानों के लिए 31,628 करोड़ रुपये का राहत पैकेज घोषित किया था. इस योजना के तहत प्रति हेक्टेयर 48,000 रुपये की मदद दी जा रही है. हालांकि, विपक्षी पार्टियों ने इस पैकेज को "अपर्याप्त" बताया है और कहा कि किसानों को जितनी जरूरत है, उतनी मदद नहीं मिल रही. दरअसल, सितंबर में हुई भारी बारिश और बाढ़ ने 68.69 लाख हेक्टेयर फसल को बर्बाद कर दिया था, खासकर मराठवाड़ा और विदर्भ क्षेत्रों में.

सरकार का इरादा - हर जरूरतमंद किसान तक पहुंचे मदद

राज्य सरकार का कहना है कि वह इस बार हर प्रभावित किसान तक राहत पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है. मुआवजा सीमा को बढ़ाने का फैसला भी इसी दिशा में एक बड़ा कदम है. इससे किसानों को ना सिर्फ नुकसान की भरपाई मिलेगी, बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति को दोबारा संभालने में भी मदद मिलेगी.

किसानों के लिए उम्मीद की किरण

महाराष्ट्र के किसानों के लिए यह समय काफी चुनौती भरा रहा है, लेकिन सरकार के ये फैसले उनके लिए उम्मीद की किरण बनकर आए हैं. अगर ये राहत योजनाएं सही तरीके से लागू होती हैं और पारदर्शिता के साथ किसानों तक मदद पहुंचती है, तो लाखों किसान फिर से अपने खेतों में मेहनत के साथ लौट सकेंगे.

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