Advertisement

श्रीहरिकोटा क्यों है NGLV लॉन्च का सबसे सुरक्षित और सर्वोत्तम स्थान?

भारत में अंतरिक्ष अभियान और रॉकेट लॉन्चिंग की दुनिया में एक नया कदम उठाने जा रहा है। NGLV (Next Generation Launch Vehicle) को श्रीहरिकोटा से लॉन्च करने का निर्णय लिया गया है। इस लेख में हम जानेंगे कि श्रीहरिकोटा को NGLV लॉन्च के लिए क्यों चुना गया और इसके पीछे की प्रमुख वजहें क्या हैं।

20 Jan, 2025
( Updated: 21 Jan, 2025
01:01 AM )
श्रीहरिकोटा क्यों है NGLV लॉन्च का सबसे सुरक्षित और सर्वोत्तम स्थान?
भारत में अंतरिक्ष मिशन को लेकर एक गहरी उत्सुकता और रोमांच है, और जब भी कोई नया मिशन शुरू होता है, तो एक सवाल हमेशा पूछा जाता है: "क्यों इस विशेष स्थान को चुना गया?" यह सवाल अब श्रीहरिकोटा के बारे में भी पूछा जा रहा है, क्योंकि इस स्थान को भारतीय अंतरिक्ष मिशन के लिए लॉन्चिंग पैड के रूप में चुना गया है। खासकर, NGLV (New Generation Launch Vehicle) और LVM3 (GSLV Mk III) जैसे महत्वपूर्ण वाहनों के प्रक्षेपण के लिए श्रीहरिकोटा को क्यों चुना गया है, यह सवाल काफी महत्वपूर्ण है।

श्रीहरिकोटा, जिसे श्रीहरिकोटा रेंज के नाम से भी जाना जाता है, आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित है। यह समुद्र तट के पास है, और यहां से रॉकेट लॉन्च करने का निर्णय बहुत सोच-समझकर लिया गया है। इसकी कई वजहें हैं, और प्रत्येक कारण यह साबित करता है कि श्रीहरिकोटा भारत के अंतरिक्ष मिशनों के लिए एक आदर्श स्थल है। चलिए, इस ब्लॉग में हम उन प्रमुख कारणों पर चर्चा करेंगे कि क्यों श्रीहरिकोटा को चुना गया है।

1. समुद्र के पास स्थितताश्रीहरिकोटा का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह समुद्र के पास स्थित है। समुद्र के पास होने से रॉकेट की उड़ान का मार्ग पूरी तरह से पानी के ऊपर होता है। अगर किसी कारणवश रॉकेट में कोई तकनीकी गड़बड़ी होती है और वह दुर्घटनाग्रस्त होता है, तो उसका प्रभाव किसी इंसान या संपत्ति पर नहीं पड़ेगा। समुद्र की विशालता दुर्घटना के जोखिम को काफी हद तक कम कर देती है। इस कारण श्रीहरिकोटा को अंतरिक्ष मिशनों के लिए एक सुरक्षित स्थल माना जाता है।

इसके अलावा, यह समुद्र के पास होने के कारण रॉकेट के उड़ान मार्ग के लिए पर्याप्त स्थान प्रदान करता है। यह रॉकेट के प्रक्षेपण के बाद सुरक्षित रूप से समुद्र में गिरने को सुनिश्चित करता है, जिससे मानव जीवन और संपत्ति को कोई नुकसान नहीं होता। यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण बिंदु है, क्योंकि अंतरिक्ष रॉकेट लॉन्चिंग के दौरान किसी भी अप्रत्याशित घटना का सामना करना पड़ सकता है।

2. उपयुक्त भौगोलिक स्थितिश्रीहरिकोटा की भौगोलिक स्थिति भी इसे एक आदर्श स्थान बनाती है। यह स्थल भूमध्य रेखा के करीब स्थित है, जो रॉकेट लॉन्च के लिए बेहद अनुकूल है। भूमध्य रेखा के करीब होने से पृथ्वी की घूर्णन गति का लाभ लिया जा सकता है, जिससे रॉकेट को अधिकतम गति मिलती है। यह गति रॉकेट को ऊर्जा बचाने में मदद करती है और इसे कक्षा में प्रवेश करने में कम ईंधन की जरूरत होती है। इस भौगोलिक स्थिति के कारण, श्रीहरिकोटा का चयन एक रणनीतिक और तकनीकी दृष्टि से बेहद समझदारी भरा कदम है।

3. उत्तम मौसम और कम प्राकृतिक आपदाएं: भारत के अन्य हिस्सों की तुलना में श्रीहरिकोटा में मौसम बहुत ही उपयुक्त होता है। यहां के मौसम का स्वभाव रॉकेट लॉन्च के लिए आदर्श है। इस क्षेत्र में बहुत कम प्राकृतिक आपदाएं होती हैं, जैसे भूकंप या तूफान, जो लॉन्च प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती हैं। इसी कारण यहां के मौसम की स्थिरता और वातावरण की सही स्थिति रॉकेट लॉन्च के लिए सबसे ज्यादा अनुकूल मानी जाती है।

4. सुविधाएं और बुनियादी ढांचा: श्रीहरिकोटा में ISRO (Indian Space Research Organisation) द्वारा निर्मित अत्याधुनिक सुविधाएं और बुनियादी ढांचा मौजूद हैं, जो किसी भी अंतरिक्ष मिशन के लिए आवश्यक होते हैं। यहां से NGLV और LVM3 जैसे रॉकेटों का प्रक्षेपण किया जाएगा। श्रीहरिकोटा में लॉन्च पैड, रॉकेट असेंबली और परीक्षण सुविधाओं का विस्तृत नेटवर्क है, जो यह सुनिश्चित करता है कि हर प्रक्षेपण को सटीकता और सुरक्षा के साथ अंजाम दिया जा सके। इन सुविधाओं के कारण इस स्थान का चयन तकनीकी रूप से भी सही साबित होता है।

5. कम ट्रैफिक और कम भीड़भाड़भारत के अन्य प्रमुख स्थानों की तुलना में श्रीहरिकोटा का क्षेत्र अपेक्षाकृत शांत और कम आबादी वाला है। यह स्थान बाहरी हस्तक्षेप से दूर है, जो अंतरिक्ष मिशन की सफलता के लिए बेहद आवश्यक होता है। यहां पर किसी प्रकार की भीड़-भाड़ या मानव गतिविधियों का रॉकेट लॉन्चिंग पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता, जिससे मिशन की प्रक्रिया निर्बाध रूप से चल सकती है।

6. ISRO की रणनीति और भविष्य की दिशा: ISRO की रणनीति को ध्यान में रखते हुए, श्रीहरिकोटा ने एक प्रमुख स्थान के रूप में अपनी पहचान बनाई है। NGLV जैसे नए और अधिक शक्तिशाली रॉकेटों के प्रक्षेपण के लिए श्रीहरिकोटा एक आदर्श स्थल है, क्योंकि यहां से रॉकेट लॉन्च करने में पूरे भारत के लिए लाभकारी हो सकता है। साथ ही, श्रीहरिकोटा के पास भविष्य में और अधिक अंतरिक्ष मिशन की योजना बनाई जा रही है, जिससे भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम को एक नई दिशा मिल सके।

7. रणनीतिक लाभ :श्रीहरिकोटा से न केवल भारत के लिए बल्कि अन्य देशों के लिए भी अंतरिक्ष मिशन प्रक्षेपण में सहयोग की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा सकता है। ISRO के अंतरिक्ष कार्यक्रम का विस्तार केवल भारतीय उपग्रहों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय उपग्रहों के प्रक्षेपण में भी सहयोग प्रदान कर सकता है। इस प्रकार, श्रीहरिकोटा के चयन से अंतरराष्ट्रीय साझेदारी को बढ़ावा मिलेगा, और भारत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर और मजबूत स्थान मिलेगा।

श्रीहरिकोटा का चयन NGLV और LVM3 जैसे महत्वपूर्ण रॉकेटों के प्रक्षेपण के लिए भारत के अंतरिक्ष मिशनों के लिए एक बहुत ही समझदारी भरा कदम है। यहां की भौगोलिक स्थिति, सुरक्षा उपाय, अत्याधुनिक सुविधाएं और मौसम की स्थिरता ने इसे अंतरिक्ष मिशनों के लिए आदर्श स्थल बना दिया है। भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम की सफलता में श्रीहरिकोटा की भूमिका अहम है, और भविष्य में इसे और भी महत्वपूर्ण कार्यों के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।

Tags

Advertisement
Advertisement
Diljit Dosanjh से लेकर खालिस्तानियों तक… Modi के लिए सबसे भिड़ गया ‘जिंदा शहीद’ MS Bitta
Advertisement
Advertisement