Ladki Bahin Yojana: भाऊबीज से पहले बहनों को बड़ा तोहफा, महाराष्ट्र सरकार ने E-KYC प्रक्रिया पर लगाई रोक
सरकार ने यह फैसला स्थानीय निकाय चुनावों से पहले महिला वोटरों को खुश करने के लिए लिया है. इससे अक्टूबर महीने की किस्त जल्द जारी होने का रास्ता भी साफ हो गया है.
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Ladki Bahin Yojana: भाऊबीज से ठीक पहले महाराष्ट्र की महिलाओं के लिए एक खुशखबरी आई है. देवेंद्र फडणवीस की सरकार ने महिलाओं की नाराज़गी दूर करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने लाडकी बहिन योजना (Ladki Bahin Yojana) की ई-केवाईसी प्रक्रिया को अस्थायी रूप से रोक दिया है. इस कदम से उन महिलाओं को राहत मिलेगी जो ई-केवाईसी की झंझट से परेशान थीं. माना जा रहा है कि सरकार ने यह फैसला स्थानीय निकाय चुनावों से पहले महिला वोटरों को खुश करने के लिए लिया है. इससे अक्टूबर महीने की किस्त जल्द जारी होने का रास्ता भी साफ हो गया है.
क्या है लाडकी बहिन योजना?
- लाडकी बहिन योजना महाराष्ट्र सरकार की एक प्रमुख योजना है, जो महिलाओं को आर्थिक मदद देने के लिए शुरू की गई थी.
- यह योजना जुलाई 2024 में शुरू की गई थी, जब इसे 28 जून को मंजूरी मिली थी.
- इसके तहत पात्र महिलाओं के बैंक खातों में हर महीने ₹1,500 जमा किए जाते हैं, ताकि उन्हें अपने खर्च और ज़रूरतों के लिए आर्थिक सहारा मिल सके.
कितनी महिलाएं ले रही हैं फायदा?
महाराष्ट्र टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अक्टूबर 2024 तक 2 करोड़ 56 लाख महिलाएं इस योजना से जुड़ चुकी थीं.
यह योजना विधानसभा चुनावों के समय महा-यूति सरकार के लिए बड़ी मददगार साबित हुई थी, क्योंकि लाखों महिलाओं ने इस योजना के ज़रिए सरकार पर भरोसा जताया था.
अब तक कितनी किस्तें दी जा चुकी हैं
अगस्त 2025 तक सरकार ने 14 किस्तें जारी कर दी हैं. अब सितंबर की किस्त के लिए भी पैसा मंज़ूर हो चुका है और उम्मीद है कि जल्द ही सभी पात्र महिलाओं के खातों में ₹1,500 जमा कर दिए जाएंगे.
अपात्र महिलाएं हुईं बाहर
सरकार ने हाल ही में योजना की समीक्षा की और पाया कि कई महिलाएं पात्रता के नियमों का पालन नहीं कर रही थीं. जांच में सामने आया कि -
- जिन महिलाओं के पास चार पहिया वाहन हैं,
- जो सरकारी नौकरी में हैं,
- जो पहले से अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ ले रही हैं,
- या एक ही परिवार में कई लाभार्थी हैं,
- उन्हें योजना से बाहर कर दिया गया.
- इसके अलावा, जिन महिलाओं ने गलत उम्र या आय बताई थी, वे भी अयोग्य पाई गईं. इस प्रक्रिया में लगभग 45 लाख महिलाओं को योजना से बाहर कर दिया गया है.
ई-केवाईसी प्रक्रिया पर फिलहाल रोक
- ई-केवाईसी (इलेक्ट्रॉनिक केवाईसी) का मकसद यह जांचना था कि कौन सी महिलाएं वास्तव में पात्र हैं.
- इसमें महिलाओं के पति और पिता की आय की भी जांच की जा रही थी.
- लेकिन इस प्रक्रिया में कई गड़बड़ियां सामने आईं और अधिकारियों को डर था कि लगभग 70 लाख महिलाएं अयोग्य घोषित हो सकती हैं.
- इसी वजह से सरकार ने फिलहाल इस प्रक्रिया को रोक दिया है, ताकि किसी पात्र महिला को गलती से बाहर न किया जाए.
योजना के लिए कितना बजट रखा गया है?
महाराष्ट्र सरकार ने सितंबर 2025 की किस्त के लिए ₹410.30 करोड़ रुपये जारी किए हैं. यह रकम सामाजिक न्याय विभाग को दी गई है, जो इस योजना को संभालता है.हालांकि अधिकारियों का कहना है कि इस वजह से संजय गांधी निराधार योजना और श्रवणबल सेवा निवृत्ति भत्ता जैसी अन्य योजनाओं पर असर पड़ सकता है. फिलहाल, सरकार ने लाडकी बहिन योजना के लिए कुल ₹3960 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा है, ताकि आने वाले महीनों में भी इसका लाभ लगातार मिलता रहे.
महिलाओं के लिए राहत और राजनीति दोनों
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सरकार का यह फैसला महिलाओं के लिए राहत भरा कदम है, लेकिन राजनीतिक रूप से भी यह एक स्ट्रेटेजिक मूव माना जा रहा है.
भाऊबीज से पहले यह फैसला लेकर सरकार ने महिलाओं का भरोसा वापस जीतने की कोशिश की है.
अब सभी की निगाहें इस बात पर हैं कि अगली किस्त कब तक खातों में पहुंचती है और ई-केवाईसी की प्रक्रिया पर आगे क्या निर्णय लिया जाता है.
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