Advertisement

'हम डर जाएंगे ये गलतफहमी है...', असम CM हिमंत ने घुसपैठियों-बांग्लादेशी मुस्लिमों से छुड़ाई लाखों बीघा जमीन, दे दी सख्त चेतावनी

'जो सोचते हैं कि हम झुक जाएंगे, तो वे गलतफहमी में हैं...',  असम सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने बांग्लादेशी घुसपैठियों, बंगाली मुस्लिमों के कब्जे से करीब 1.29 लाख बीघा जमीन छुड़ा ली है. उन्होंने अपने विरोधियों, अतिक्रमण विरोधी अभियान का विरोध कर रही विदेशी ताकतों को सख्त संदेश दे दिया है और बड़ा दावा किया है.

Created By: केशव झा
22 Jul, 2025
( Updated: 23 Jul, 2025
10:48 AM )
'हम डर जाएंगे ये गलतफहमी है...', असम CM हिमंत ने घुसपैठियों-बांग्लादेशी मुस्लिमों से छुड़ाई लाखों बीघा जमीन, दे दी सख्त चेतावनी
Image: Himanta Biswa Sarma/ Screengrab

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा देश के उन चुनिंदा मुख्यमंत्रियों में से एक हैं जिन्होंने अपने राज्य में अवैध घुसपैठ के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है. लाख सियासी विरोध और विदेशी ताकतों के दबाव के बावजूद उन्होंने बांग्लादेशी घुसपैठियों की धरपकड़ की कार्रवाई नहीं रोकी. इसी बीच हिमंत बिस्वा ने एक बड़ा बयान देते हुए दावा किया कि असम में करीब 29 लाख बीघा जमीन पर ‘बांग्लादेशी घुसपैठियों और बंगाली मुस्लिमों’ का अवैध कब्जा है.

मुख्यमंत्री सरमा दरंग जिले के गोरुखुटी में गोरुखुटी बहुउद्देशीय कृषि परियोजना की चौथी वर्षगांठ पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि 2021 में भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद राज्य में अवैध अतिक्रमण को हटाने का अभियान चलाया गया, लेकिन इस पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव बनाकर रोकने की कोशिशें की गईं.

बंगाली मुस्लिमों के कब्जे में थी 77,420 बीघा जमीन
सीएम ने बताया कि इस परियोजना के तहत अब तक 77,420 बीघा जमीन को अतिक्रमण से मुक्त किया जा चुका है, और यह जमीन पहले से मुख्य रूप से बंगाल से आए मुस्लिमों के कब्जे में थी.

सरमा ने यह भी कहा कि यह केवल जमीन खाली कराने की बात नहीं है, बल्कि असम की संस्कृति, पहचान और सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है. उनका यह बयान राज्य में एक बार फिर अवैध घुसपैठ, जनसांख्यिकीय बदलाव और जमीन पर कब्जे जैसे संवेदनशील मुद्दों को लेकर बहस छेड़ सकता है.

क्या है गोरुखुटि में उच्चेद अभियान?

गोरुखुटि में उच्चेद अभियान की शुरुआत साल 2021 में असम सरकार ने की थी, जिसका उद्देश्य अतिक्रमित जमीन को मुक्त कर उसे कृषि और रोजगार के लिए उपयोग में लाना है. यह इलाका 2021 में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाने के दौरान चर्चा में आया था, जब पुलिस कार्रवाई के दौरान हिंसा हुई थी.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने अवैध कब्जों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को लेकर सोमवार को दरंग जिले के गोरुखुटी में आयोजित एक समारोह में बेहद सख्त रुख अपनाया. उन्होंने कहा कि दरंग में अभियान की सफलता के बाद इसे अब बोरसोल्ला, लुमडिंग, बुरहापहाड़, पाभा, बतद्रा, चापर और पैकन तक फैलाया गया है.

कब्जे से मुक्त जमीन का क्या होगा इस्तेमाल?

सीएम ने बताया किनपिछले चार वर्षों में हमने 1.29 लाख बीघा कब्जे वाली जमीन को मुक्त कराया है. अब इस जमीन का एक बड़ा हिस्सा जंगलों के रूप में विकसित किया जा रहा है, और बाकी प्रदेश की जनता के कल्याण के लिए इस्तेमाल में लाया जाएगा."

उन्होंने आगे कहा कि ”अगर कोई सोचता है कि दो-तीन अभियानों के बाद हम डर जाएंगे, उनकी आँखों में आँखें नहीं डालेंगे और झुक जाएंगे, तो वे गलतफहमी में हैं. असम आंदोलन के शहीदों का बदला जरूर लिया जाएगा."

‘हार की भावना’ घर कर गई थी!

सीएम सरमा ने असम आंदोलन (1983–1985) की ओर इशारा करते हुए कहा कि उस दौर में कई लोगों में ‘हार की भावना’ घर कर गई थी और उन्होंने कांग्रेस के आगे ‘समर्पण’ कर दिया था, जिससे राज्य की राजनीति की दिशा ही बदल गई.

ममता बनर्जी ने लगाया था बंगालियों को टार्गेट करने का आरोप

हाल ही में असम में अवैध कब्जे और घुसपैठियों के खिलाफ चल रहे अभियान को लेकर असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच सोशल मीडिया पर तीखी वार-पलटवार देखने को मिला. 

ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि असम सरकार जानबूझकर बंगाली समुदाय को निशाना बना रही है और उनके खिलाफ उत्पीड़न कर रही है. उन्होंने इसे भारतीय जनता पार्टी की राजनीति का हिस्सा बताते हुए कहा कि यह “विभाजन का एजेंडा” है, जिसका मकसद समुदायों के बीच दरार पैदा करना है.

ममता बनर्जी ने दावा किया कि असम में बड़ी संख्या में बंगालियों को उनकी पहचान के आधार पर निशाना बनाकर उनके घर और जमीन छीने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह केवल घुसपैठ हटाने का मामला नहीं बल्कि एक विशेष समुदाय को डराने और हटाने की कोशिश है.

हिमंत बिस्वा सरमा ने दिया सीएम ममता का जवाब

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने साफ कहा कि राज्य में किसी भी बंगाली मूल निवासी को नहीं बल्कि केवल अवैध रूप से घुसपैठ करने वाले मुस्लिमों को हटाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी जानबूझकर इसे सांप्रदायिक रंग दे रही हैं, जबकि असल मुद्दा सुरक्षा और जनसांख्यिकीय असंतुलन का है.

यह भी पढ़ें

सीएम सरमा ने सुप्रीम कोर्ट के उस पुराने बयान का भी हवाला दिया जिसमें कहा गया था कि असम में घुसपैठ को “बाहरी आक्रमण” की तरह देखा जाना चाहिए. उन्होंने दोहराया कि उनकी सरकार का मकसद असम की पहचान, जमीन और संसाधनों की रक्षा करना है, न कि किसी भी भारतीय नागरिक को परेशान करना.

LIVE
Advertisement
अकेला मुसलमान जिसने मुल्ला-मौलवियों की नींद हराम कर दी, बन गए मोदी के ‘संदेशवाहक’? Qari Abrar Jamal
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें