Advertisement

भारत में ISIS गुट के सरगना आतंकी साकिब नाचन की ब्रेन हेमरेज से मौत, मुंबई हमले का भी था दोषी, जानें उसके काले चिट्ठों की कहानी

भारत में इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (ISIS) आतंकी संगठन के भारतीय सरगना साकिब नाचन की ब्रेन हेमरेज से मौत हो गई है. उसका इलाज दिल्ली के सफदरजंग इलाके में चल रहा था. वह साल 2023 से तिहाड़ जेल में बंद था. 1990 से वह कई आतंकी संगठनों के साथ जुड़ा हुआ था.

29 Jun, 2025
( Updated: 06 Dec, 2025
07:28 AM )
भारत में ISIS गुट के सरगना आतंकी साकिब नाचन की ब्रेन हेमरेज से मौत, मुंबई हमले का भी था दोषी, जानें उसके काले चिट्ठों की कहानी

ISIS यानी इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया आतंकी संगठन के भारतीय हेड साकिब नाचन की 28 जून को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई है. नाचन साल 2023 से ही तिहाड़ जेल में बंद था. 2002-03 में हुए मुंबई आतंकी हमले में भी वह शामिल था. वह सबसे पहले SIMI का सदस्य था, लेकिन साल 2001 भारत सरकार ने इस संगठन पर बैन लगा दिया था. 

कैसे हुई मौत? 

खबरों के मुताबिक, आतंकी साकिब नाचन की हालत अचानक से बिगड़ गई. डॉक्टरों ने बताया कि उसे ब्रेन हेमरेज हुआ है. सबसे पहले उसे दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उसकी बिगड़ती स्थिति को देखते हुए उसे सफदरजंग अस्पताल भेजा गया. जहां 28 जून को दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर उसकी मौत हो गई. पुलिस के मुताबिक, पोस्टमार्टम के बाद उसका शव परिवारजनों को सौंप दिया गया है. उसका अंतिम संस्कार उसके पैतृक गांव बोरीवली में होगा. नाचन की मौत के बाद भिवंडी और पडघा में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. आसपास की हर एक गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है. 

NIA ने ISIS मॉड्यूल केस में किया था गिरफ्तार 

भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA ने साकिब नाचन को दिसंबर 2023 में दिल्ली-पडघा से ISIS मॉड्यूल केस में गिरफ्तार किया था. उस पर आरोप था कि वह भारत में रहकर ISIS की गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा था. वह युवाओं को कट्टरपंथी बनाने, आतंकी संगठन के लिए फंड जुटाने और विस्फोटक सामग्री तैयार करने की साजिशों में भी शामिल था. नाचन ने खुद को ISIS का अमीर-ए-हिंद घोषित किया था और कई लोगों को संगठन के प्रति वफादारी की शपथ भी दिलाई थी.

1990 से कई आतंकी संगठनों से जुड़ा रहा

बता दें कि महाराष्ट्र के थाणे जिले के पडघा गांव का रहने वाला साकिब नाचन सबसे पहले स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया यानी (SIMI) का सक्रिय सदस्य था, लेकिन साल 2001 में भारत सरकार ने इस पर बैन लगा दिया. नाचन को लेकर मिली जानकारी के मुताबिक, वह साल 1990 के दशक से ही आतंकी साजिशों में शामिल रहा है. उसका नाम सबसे पहले खालिस्तानी समूहों के साथ मिलकर आतंकी गतिविधियों को रचने में आया था. जिसकी वजह से सुप्रीम कोर्ट ने साल 1997 में उसे सजा सुनाई थी. उसका नाम मुंबई सेंट्रल, विले पार्ले और मुलुंड स्टेशन हमले में भी सामने आया था. इन हमलों में 13 लोगों की मौत हुई थी और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. इस मामले में उसे 10 साल की सजा सुनाई गई थी, उसकी सजा साल 2017 में पूरी हुई थी. 

विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता की हत्या की कोशिश की थी

साकिब नाचन को साल 2012 में विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता की हत्या के प्रयास में गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में उसे साल 2014 में जमानत मिल गई थी. खबरों के मुताबिक, वह पडघा में ISIS का एक मजबूत नेटवर्क तैयार कर रहा था. NIA की छापेमारी में उसके पास से नेटवर्क ड्रोन, हथियार, 38 लाख रुपये नकद और ISIS से संबंधित कई दस्तावेज बरामद हुए थे.

NIA की चार्जशीट में क्या आरोप लगे थे?

यह भी पढ़ें

आतंकी साकिब नाचन और 16 अन्य लोगों के खिलाफ NIA ने साल 2024 में चार्जशीट दाखिल की थी. जिसमें कहा गया था कि यह ग्रुप भारत की धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक व्यवस्था को खत्म करने की साजिश रच रहा था. 

टिप्पणियाँ 0

Advertisement
Podcast video
'मुसलमान प्रधानमंत्री बनाने का प्लान, Yogi मारते-मारते भूत बना देंगे इनका’ ! Amit Jani
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें