ईरान के विदेश मंत्री करेंगे भारत का दौरा, पहलगाम हमले पर होगी बड़ी चर्चा, पाकिस्तान की उड़ी नींद
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची अगले हफ्ते 9 मई को भारत के दौरे पर आ सकते हैं. देश की राजधानी नई दिल्ली स्थित ईरानी दूतावास के सूत्रों ने कहा है कि वह भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात कर सकते हैं.

पहलगाम आतंकी हमले पर कई देशों ने मृतकों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कड़ी निंदा की है. दुनिया के कई बड़े देशों के अलावा मुस्लिम देशों ने भी आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में भारत के साथ खड़े होने का ऐलान किया है. इससे पहले इंडोनेशिया, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात के अलावा खाड़ी के कई मुस्लिम देशों ने भी भारत को अपना समर्थन जताया है. इस बीच भारत के साथ कई दशकों से 36 का आंकड़ा रखने वाला मुस्लिम देश ईरान ने भी अपना समर्थन जताया है. खबरों के मुताबिक, अगले हफ्ते ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची भारत दौरे पर आ सकते हैं. वह भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के दौरान मध्यस्थता के इरादे से आ सकते हैं. हालांकि, ऑफीशियली तौर पर उनके दौरे का कोई अनाउंसमेंट नहीं हुआ है.
भारत दौरा करेंगे ईरान के विदेश मंत्री
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची अगले हफ्ते 9 मई को भारत के दौरे पर आ सकते हैं. देश की राजधानी नई दिल्ली स्थित ईरानी दूतावास के सूत्रों ने कहा है कि वह भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात कर सकते हैं. दोनों मंत्रियों के बीच द्विपक्षीय, क्षेत्रीय, वैश्विक महत्व और पहलगाम हमले के अलावा कई अन्य मुद्दों पर चर्चा हो सकती है.
विदेश मंत्री ने पहलगाम हमले पर जताया दुख
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर ईरान के विदेश मंत्री ने भी अपना दुख जताया था. बता दें कि हमले के 3 दिन बाद अराघची ने एक्स पर लिखा था कि "भारत और पाकिस्तान ईरान के भाईचारे वाले पड़ोसी हैं. बाकी पड़ोसियों की तरह, हम उन्हें अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता मानते हैं. तेहरान इस मुश्किल समय में बेहतर समझ बनाने के लिए इस्लामाबाद और नई दिल्ली में अपने अच्छे कार्यालयों का इस्तेमाल करने के लिए तैयार है." उन्होंने पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मोहम्मद इशाक डार से भी फोन पर बातचीत की थी.
पहलगाम हमले पर भारत के साथ खड़ा ईरान
बता दें कि ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान ने पहलगाम आतंकी हमले के 4 दिन बाद 26 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत करते हुए आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में भारत के साथ खड़े रहने का ऐलान किया था. पीएम मोदी और राष्ट्रपति मसूद की बातचीत को लेकर विदेश मंत्रालय की तरफ जारी बयान के मुताबिक, "दोनों नेताओं ने इस बात पर अपनी सहमति जताई कि आतंक के ऐसे कृत्यों का कोई जस्टिफिकेशन नहीं हो सकता. मानवता में विश्वास करने वाले सभी लोगों को आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में एक साथ खड़े होना चाहिए. राष्ट्रपति पेजेशकियान ने पीएम मोदी के साथ इस बातचीत में आतंकवाद को खत्म करने के लिए क्षेत्रीय सहयोग के महत्व को भी रेखांकित किया और हमले को एक “अमानवीय कृत्य” बताया. उन्होंने पीएम मोदी को तेहरान आने का भी आमंत्रण दिया. ईरानी राष्ट्रपति ने महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू को शांति और दोस्ती का प्रतीक बताया."