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ट्रंप के आगे नहीं झुका भारत... टैरिफ मामले को लेकर इजरायली मीडिया में छाए पीएम मोदी जमकर हो रही तारीफ, कहा - नेतन्याहू इनसे कुछ सीखें

इजरायली मीडिया में अमेरिका द्वारा 50 प्रतिशत की टैरिफ दर लगाए जाने के बाद भी ट्रंप के सामने पीएम मोदी के सख्त रवैए की जमकर तारीफ हो रही है. खबरों के मुताबिक, इजरायल की कई मीडिया संस्थान ने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा है कि बेंजामिन नेतन्याहू को उनसे सीख लेनी चाहिए.

08 Sep, 2025
( Updated: 05 Dec, 2025
11:09 PM )
ट्रंप के आगे नहीं झुका भारत... टैरिफ मामले को लेकर इजरायली मीडिया में छाए पीएम मोदी जमकर हो रही तारीफ, कहा - नेतन्याहू इनसे कुछ सीखें

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के बाद भारत और अमेरिका के संबंध पर बड़ा संकट मंडरा रहा है. कुछ महीने पहले तक दोनों ही देश पूरी दुनिया में एक दूसरे की दोस्ती की मिसाल हुआ करते थे, लेकिन अब रिश्तो में दरार पैदा हो चुकी है. डोनाल्ड ट्रंप और उनके सलाहकार लगातार भारत पर हमलावर बने हुए हैं. अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ दर के बाद हालात ऐसे बन गए हैं कि दोनों ही देशों के बीच हर तरह की बातचीत बंद है. ट्रंप ने भारत पर जितने प्रतिशत का टैरिफ दर लगाया है, वह किसी भी एशिया देश के लिए सबसे ज्यादा है. पूरी दुनिया की बात की जाए तो भारत और ब्राजील पर सबसे ज्यादा टैरिफ दर लगाया गया है और दोनों ही देश टॉप पर हैं. इस बीच इजरायली मीडिया ने ट्रंप के सामने भारत के न झुकने की वजह से जमकर तारीफ की है. इसके अलावा वहां की मीडिया द्वारा यह भी कहा गया है कि पीएम मोदी से बेंजामिन नेतन्याहू को सीख लेनी चाहिए. 

भारत पर दबाव बनाने की कोशिश नाकाम

बता दें कि टैरिफ मामले पर अमेरिका द्वारा भारत पर लगातार दबाव बनाने के बाद भी पीएम मोदी किसी भी तरह से झुके नहीं और न ही उन्होंने टैरिफ मुद्दे पर किसी तरह की कोई चर्चा की. वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति यह सोच रहे थे कि भारत खुद अपनी तरफ से पहल करते हुए टैरिफ घटाने को लेकर बात करेगा, लेकिन ट्रंप की यह सोच उन्हीं पर भारी पड़ गया. हालांकि, डोनाल्ड ट्रंप अब भारत से बिगड़े रिश्तों पर पछता रहे हैं. ट्रंप द्वारा 2 दिन पहले दिए गए बयान में यह साफ नजर आया. इसके अलावा ट्रंप सरकार के वाणिज्य मंत्री ने यह तक कहा है कि भारत माफी मांगेगा. 

ट्रंप के आगे नहीं झुका भारत 

इजरायली मीडिया ने भारत और पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा है कि 'ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत-पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध के दौरान पाकिस्तान आर्मी चीफ असीम मुनीर सिर्फ एक बुलावे पर दौड़ते हुए व्हाइट हाउस पहुंच गए, लेकिन भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ट्रंप के आमंत्रण के बावजूद भी वाशिंगटन नहीं गए. इसके अलावा एक जर्मन अखबार ने यह भी दावा किया है कि ट्रंप ने पीएम मोदी को करीब 4 बार कॉल की और बात करने की कोशिश की, लेकिन मोदी ने उनकी कॉल नहीं उठाई, भारत के इस रुख से यह साफ हो चुका है कि वह ट्रंप की जिद और अमेरिका के आगे कभी नहीं झुकने वाले हैं. इजरायली मीडिया ने अपने देश के प्रधानमंत्री को पीएम मोदी से सीख लेने की बात कही है. 

'इजरायल मोदी से क्या सीख सकता है' 

बता दें इजरायली मीडिया के प्रमुख अखबारों में से एक आउटलेट यरुशलम की एक लेख में लिखा गया है कि 'इजरायल मोदी से क्या सीख सकता है'. अखबार ने अपनी लेख में लिखा है कि अभूतपूर्व मौखिक हमले का सामना करते हुए भी मोदी ने माफी मांगने में जल्दबाजी नहीं की, बल्कि उन्होंने राष्ट्रीय सम्मान की रक्षा का अधिकार समझते हुए ट्रंप को करारा जवाब दिया. इससे यह साफ संदेश गया कि भारत निम्न राज्य के रूप में व्यवहार स्वीकार नहीं करेगा. 

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अखबार ने अपनी लेख में यह भी लिखा है कि जब इजरायली सेना ने खान यूनिस पर हमले में पत्रकारों की मौत को लेकर माफी मांगी, तो किसी भी देश को कठिन और जटिल परिस्थितियों का सामना करते हुए भी अपने राष्ट्रीय सम्मान की रक्षा करनी चाहिए. भारत से सीख सकते हैं कि राष्ट्रीय सम्मान कोई विलासिता नहीं, बल्कि एक दूरगामी रणनीतिक संपत्ति है. 

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