'मुझे बम से उड़ाने की धमकी मिल रही...' एक चुनावी रैली में चिराग पासवान के दावे से मची खलबली, कहा - मुझे सड़क पर निकालने की साजिश रची गई
बिहार चुनाव की तैयारी में जुटे एलजेपी (आर) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने मुंगेर की रैली में बड़ा दावा किया है. चिराग ने कहा है कि उन्हें बम से उड़ाने की साजिश रची जा रही है.

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बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों में सभी पार्टियां अपने प्रचार-प्रसार और रणनीति बनाने के लिए जुट चुकी हैं. इस बीच बिहार के युवा चेहरों में शामिल एनडीए दल के नेता और एलजेपी (आर) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने मुंगेर की चुनावी रैली में एक ऐसा बयान दिया है, जिसने पूरे बिहार में खलबली मचा दी है. चिराग ने दावा किया है कि उन्हें बम से उड़ाने की साजिश रची जा रही है. पहले मेरे परिवार, फिर मेरी पार्टी और अब मुझे सड़क पर निकालने की भी साजिश रची गई. इस दौरान चिराग ने कहा कि वह झुकने वाले नहीं है. बता दें कि उनकी पार्टी द्वारा मुंगेर में नव संकल्प रैली का आयोजन किया गया था.
'मुझे बम से उड़ाने की साजिश रची जा रही'
बिहार चुनाव की तैयारी में जुटे लोजपा आर के अध्यक्ष चिराग पासवान ने मुंगेर की रैली में बड़ा दावा किया है. चिराग ने कहा है कि 'अब उन्हें बम से उड़ाने की साजिश रची जा रही है. लेकिन मैं शेर का बेटा हूं, रामविलास पासवान का बेटा है, न तो मैं झुकने वाला हूं, न मैं टूटने वाला हूं और डरता तो किसी से नहीं हूं. पहले मेरे परिवार, फिर मेरी पार्टी और फिर मुझे घर से सड़क पर निकालने की साजिश रची गई, लेकिन मैं कभी टूटा नहीं.' जानकारी के लिए बता दें कि हाल ही में चिराग पासवान को सोशल मीडिया के जरिए बम से उड़ाने की धमकी मिली थी.
'बिहार फर्स्ट के एजेंडे को खत्म करना चाहते हैं'
मुंगेर में पार्टी की रैली में पहुंचे चिराग पासवान ने कहा कि 'मेरे खिलाफ साजिश रच कर विपक्ष बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट के एजेंडे को खत्म करना चाहता है, लेकिन चिराग पासवान डरने वाला नहीं है. विपक्षी दल चाहते हैं कि बिहार के लोग जाति और धर्म के नाम पर एक-दूसरे से अलग हो जाएं. वह अच्छे से जानते हैं कि जिस दिन बिहारी जाति और धर्म से ऊपर उठकर एकजुट हो जाएगा, तो न केवल बिहार, बल्कि पूरे देश को सही दिशा दिखाएगा.'
'गलत चयन की वजह से बिहार आज भी पीछे है'
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चिराग पासवान ने आरजेडी पर हमला बोलते हुए कहा कि '1990 के दशक में गलत नेतृत्व चयन की वजह से बिहार आज भी विकास की दौड़ में पीछे है, जिन्होंने सत्ता में रहते हुए बिहार के लिए कुछ नहीं किया, आज वही लोग जाति और धर्म के नाम पर लोगों को बांट रहे हैं. आज भी बिहार के लोग रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में पलायन को मजबूर हैं, जिससे उनकी अगली पीढ़ी भी वहीं बसने लगी है. आखिर कब तक बिहारी अपनी पहचान के लिए जूझते रहेंगे.'