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पहलगाम में हिंदुओं को निशाना बनाकर किए गए हमले से आहत साबिर हुसैन ने छोड़ा इस्लाम धर्म, कहा- यह मेरा निजी फैसला

इस्लाम के नाम पर की गई पहलगाम में 26 लोगों की निर्मम हत्या, आहत बंगाल के शिक्षक ने छोड़ा धर्म, इस्लाम नहीं इंसान के रूप में अपनी पहचान रखने की कही बात.
पहलगाम में हिंदुओं को निशाना बनाकर किए गए हमले से आहत साबिर हुसैन ने छोड़ा इस्लाम धर्म, कहा- यह मेरा निजी फैसला
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे भारत को झकझोर कर रख दिया. 26 लोगों की मौत को देश कभी भुला नहीं पाएगा. बैसरन घाटी में घूमने आए पर्यटकों को उनका धर्म पूछ कर निशाना बनाया गया. भारत ने इस हमले का करारा जवाब देते हुए पाकिस्तान के खिलाफ 5 बड़े फैसले लेते हुए एक्शन की शुरुआत कर दी है. देशभर में अलग-अलग जगहों पर इस हमले को लेकर विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं. इसी बीच पश्चिम बंगाल के एक सरकारी टीचर ने पहलगाम हमले से आहत होकर इस्लाम धर्म छोड़ दिया है. 

पहलगाम हमले से आहत होकर साबिर हुसैन ने छोड़ा इस्लाम धर्म 
पश्चिम बंगाल के एक स्कूल टीचर ने पहलगाम हमले से आहत होकर एक बड़ा कदम उठाया है. साबिर हुसैन नाम के एक मुस्लिम टीचर ने इस्लाम धर्म छोड़ दिया है. उन्होंने कहा कि आए दिन मजहब के नाम पर हिंसा हो रही है. इससे वह बहुत दुखी हैं. उन्होंने अपना धर्म छोड़ने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. उन्होंने फैसला लेते हुए कहा कि "मैं किसी धर्म का अनादर नहीं कर रहा हूं. यह मेरा निजी फैसला है. मैंने देखा है कि किसी भी तरह की हिंसा फैलाने के लिए एक हथियार के रूप में धर्म का इस्तेमाल हो रहा है. कश्मीर में ऐसा कई बार हुआ है. अब मैं बर्दाश्त नहीं कर सकता."

मैं एक इंसान के रूप में अपनी पहचान रखना चाहता हूं 
साबिर हुसैन ने इस्लाम धर्म छोड़ते हुए कहा कि "किसी धार्मिक पहचान की वजह से नहीं, मैं सिर्फ एक इंसान के रूप में खुद की पहचान रखना चाहता हूं." इसलिए मैं कोर्ट में आवेदन करने आया हूं. पहलगाम जैसी हिंसक घटनाओं में मजहब का गलत इस्तेमाल किया जाता है. किसी को उसके धर्म की वजह से मारना ठीक नहीं है. मैं उससे बहुत आहत हूं."

सब कुछ धर्म के इर्द-गिर्द घूमता है - साबिर हुसैन 
साबिर हुसैन ने कहा कि "वह ऐसी दुनिया में नहीं रहना चाहते हैं. जहां सब कुछ मजहब के ही इर्द-गिर्द घूमता है. मुझे आजकल सब कुछ धर्म के इर्द-गिर्द घूमता हुआ लगता है. यह मैंने जो कुछ भी फैसला लिया है. यह मेरा फैसला है. मेरी पत्नी और बच्चे जो भी रास्ता चुनें, उन्हें उसकी आजादी है." 
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