GST 2.0: उत्तराखंड के किसानों और कारीगरों को राहत, अर्थव्यवस्था को मिला नया बूस्ट
जीएसटी दरों में की गई कटौती से उत्तराखंड के किसानों, कारीगरों, छोटे व्यापारियों और पर्यटन उद्योग को राहत मिलेगी. ये बदलाव राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती देंगे और लोगों की आमदनी बढ़ाने में मदद करेंगे.
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जीएसटी (GST) दरों में हाल ही में किए गए बदलावों का असर उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था पर साफ दिखने लगा है. सरकार द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि इन सुधारों से न सिर्फ राज्य के पारंपरिक किसानों को, बल्कि स्थानीय कारीगरों, महिलाओं और पर्यटन से जुड़े छोटे कारोबारियों को भी सीधा लाभ मिल रहा है.
किसानों को मिलेगा ज्यादा दाम, कम टैक्स
उत्तराखंड की पहाड़ी ज़मीनों पर उगाई जाने वाली तुअर दाल की जीएसटी दर को 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है. इससे अब यह दाल जैविक और हेल्दी फूड के बाजार में ज्यादा सस्ती और आकर्षक हो गई है. इसका सीधा फायदा चमोली, अल्मोड़ा, टिहरी, नैनीताल और पिथौरागढ़ जिलों के छोटे किसानों को होगा.
इसी तरह, पुरोला और मोरी में उगाए जाने वाले खास लाल चावल को भी अब हेल्दी फूड मार्केट में नई पहचान मिल सकती है जीएसटी कम होने से इनकी कीमतें कम होंगी और बिक्री बढ़ेगी.
लखौरी मिर्च के किसान भी खुश
अल्मोड़ा की खास लखौरी मिर्च को जीआई टैग मिला हुआ है और इसकी खुशबू व स्वाद बहुत खास है. अब इस पर भी जीएसटी दर 12% से घटाकर 5% कर दी गई है, जिससे इसकी मार्केट वैल्यू बढ़ेगी और किसानों की आमदनी में सुधार होगा.
पर्यटन उद्योग को मिली राहत
उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था में पर्यटन का बड़ा योगदान है. करीब 80,000 लोगों को होटल, रेस्टोरेंट और ट्रैवल सेक्टर से रोजगार मिला हुआ है. अब 7,500 रुपए तक के होटल रूम पर जीएसटी सिर्फ 5% लगेगा (पहले 12% था).
इससे पर्यटकों को यात्रा सस्ती पड़ेगी और नैनीताल, मसूरी, औली, ऋषिकेश और हरिद्वार जैसे शहरों के छोटे होटलों व होमस्टे को बड़ा फायदा होगा.
महिला कारीगरों और हस्तशिल्प को बढ़ावा
उत्तराखंड की महिलाएं रिंगाल (स्थानीय बांस) से टोकरियां, ट्रे और अन्य उपयोगी सामान बनाती हैं. इसके साथ ही वो हाथ से बुने स्वेटर, मोजे, टोपी जैसे ऊनी कपड़े भी बनाती हैं. इन सभी उत्पादों पर भी अब जीएसटी दर सिर्फ 5% है. इससे चीजें सस्ती होंगी, डिमांड बढ़ेगी और महिलाओं की कमाई में इज़ाफा होगा.
फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को मिलेगा बूस्ट
उत्तराखंड में 383 फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स हैं, जो खासकर रुद्रपुर में केंद्रित हैं, ये यूनिट्स फल, हर्बल, जैविक और दूसरे खाद्य उत्पाद तैयार करती हैं. जीएसटी कम होने से इन कंपनियों की लागत घटेगी, जिससे मुनाफा बढ़ेगा और निवेश भी आएगा. इससे कृषि और उद्योग के बीच बेहतर तालमेल बनेगा.
ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को भी राहत
रुद्रपुर, पंतनगर, काशीपुर और हरिद्वार में बड़ी संख्या में ऑटोमोबाइल कंपनियां काम कर रही हैं. यहां करीब 50,000 लोग सीधे या परोक्ष रूप से काम करते हैं.
अब 1200cc तक के पेट्रोल और 1500cc तक के डीजल वाहनों पर जीएसटी दर 28% से घटाकर 18% कर दी गई है. इससे गाड़ियों की कीमतें घटेंगी और लोग ज़्यादा खरीदारी करेंगे, जिससे उद्योग को फायदा मिलेगा.
उत्तराखंड के लिए फायदेमंद साबित होंगे GST सुधार
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जीएसटी दरों में की गई कटौती से उत्तराखंड के किसानों, कारीगरों, छोटे व्यापारियों और पर्यटन उद्योग को राहत मिलेगी. ये बदलाव राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती देंगे और लोगों की आमदनी बढ़ाने में मदद करेंगे. खास बात यह है कि इन सुधारों से स्थानीय उत्पादों की पहचान भी बढ़ेगी और हरित उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा.
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