युवाओं को CM योगी का बड़ा तोहफा, ग्रामोद्योग रोजगार योजना के तहत 10 लाख तक की मदद, जानें कैसे करें आवेदन
मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना, यूपी सरकार का एक ऐसा कदम है जो गांव-गांव में आत्मनिर्भरता की अलख जगाने वाला साबित हो सकता है. इससे युवाओं को अपने हुनर के आधार पर रोज़गार शुरू करने का मौका मिलेगा.
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उत्तर प्रदेश सरकार ने गांवों के युवाओं को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने के लिए एक नई योजना शुरू की है, मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना. इस योजना का मकसद है कि गांवों में रहने वाले युवक और महिलाएं अपने ही गांव में छोटे उद्योग या सेवा केंद्र शुरू करें और रोजगार पाने के बजाय रोजगार देने वाले बनें. इससे न केवल बेरोजगारी कम होगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी.
खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड चला रहा है योजना
इस योजना का संचालन उत्तर प्रदेश खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के द्वारा किया जा रहा है. बोर्ड का उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में रहने वाले युवाओं और कारीगरों को आर्थिक सहायता देकर उन्हें अपना उद्योग शुरू करने में मदद करना है. इसमें दो मुख्य क्षेत्र सेवा क्षेत्र और उत्पादन क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. जैसे सिलाई, कढ़ाई, लकड़ी का काम, कृषि आधारित उद्योग, डेयरी, हैंडीक्राफ्ट, ब्यूटी पार्लर, मोबाइल रिपेयरिंग, पेपर प्रोडक्ट्स इत्यादि. इन छोटे उद्योगों से गांवों में रोजगार के नए अवसर खुलेंगे और स्थानीय संसाधनों का उपयोग भी बढ़ेगा.
लोन की सुविधा और पात्रता मानक
इस योजना के तहत युवाओं को अधिकतम 10 लाख रुपये तक का बैंक लोन उपलब्ध कराया जाएगा. यह लोन उद्यम शुरू करने के लिए दिया जाएगा, जिससे वे अपनी छोटी इकाई स्थापित कर सकें. योजना के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति की आयु 18 से 50 वर्ष के बीच होनी चाहिए और वह उत्तर प्रदेश का निवासी होना आवश्यक है. इसके साथ ही परंपरागत कौशल वाले कारीगरों या किसी तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी. जिला ग्रामोद्योग अधिकारी के अनुसार, यह योजना खासकर उन लोगों के लिए बनाई गई है जिनके पास हुनर तो है, लेकिन धन की कमी के कारण वे अपना व्यवसाय शुरू नहीं कर पा रहे थे.
ऑनलाइन आवेदन और ब्याज में राहत
सरकार ने आवेदन प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन बना दिया है, ताकि युवाओं को इधर-उधर भागना न पड़े इच्छुक उम्मीदवार upkvib.gov.in वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं.
- लोन पर ब्याज को लेकर भी सरकार ने राहत दी है.
- सामान्य वर्ग के आवेदकों को 10 लाख रुपये तक के प्रोजेक्ट पर केवल 4 प्रतिशत ब्याज देना होगा.
- शेष ब्याज की राशि सरकार खुद वहन करेगी.
- वहीं आरक्षित वर्ग (जैसे अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग) के आवेदकों के लिए पूरा ब्याज सरकार ही भरेगी.
- इससे गरीब और मध्यमवर्गीय युवाओं को बड़ी आर्थिक मदद मिलेगी.
गांवों में नए उद्योगों को बढ़ावा
यह योजना सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों में लागू की जाएगी. इसके तहत 100 से अधिक प्रकार के छोटे उद्योग शुरू किए जा सकते हैं. इससे गांवों में नए रोजगार बनेंगे और लोगों को शहरों की ओर पलायन नहीं करना पड़ेगा. अब गांव के युवक और महिलाएं अपने ही गांव में सेवा या उत्पादन आधारित व्यवसाय खोल सकेंगे, जैसे सिलाई यूनिट, डेयरी, अगरबत्ती निर्माण, पेपर कप फैक्ट्री, या मोबाइल सर्विस सेंटर. इससे ग्रामीण क्षेत्रों में पैसा और रोजगार दोनों टिके रहेंगे.
सरकार का लक्ष्य: हर गांव में रोजगार
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि “गांवों की खुशहाली ही राज्य की मजबूती का आधार है.” सरकार का लक्ष्य है कि हर गांव में छोटे उद्योग स्थापित हों, जिससे वहां के युवाओं को अपने ही क्षेत्र में सम्मानजनक और स्थायी रोजगार मिल सके. यह योजना न केवल युवाओं को आत्मनिर्भर बनाएगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी नई दिशा देगी. गांवों में जब रोजगार और आमदनी बढ़ेगी, तो वहां का विकास अपने आप तेज होगा.
मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना, यूपी सरकार का एक ऐसा कदम है जो गांव-गांव में आत्मनिर्भरता की अलख जगाने वाला साबित हो सकता है. इससे युवाओं को अपने हुनर के आधार पर रोज़गार शुरू करने का मौका मिलेगा. महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता मिलेगी और राज्य की अर्थव्यवस्था की जड़ें और भी मजबूत होंगी.
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