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कसाब से भिड़ा, तहव्वुर राणा को भारत लाया… PAK आतंकियों का ‘काल’ है ये IPS, CM फडणवीस दे रहे बड़ी जिम्मेदारी!

अजमल कसाब से सीधी टक्कर, तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण, फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल, व्हाइट कॉलर टेररिज्म और पहलगाम जैसी आतंकी घटनाओं की जांच को लीड करने वाले अधिकारी IPS सदानंद दाते को महाराष्ट्र का DGP बनाने जा रहे हैं सीएम देवेंद्र फडणवीस. NIA DG की मूल कैडर में वापसी की मंजूरी दे दी गई है.

IPS Sadanand Date (File Photo)

महाराष्ट्र में आगामी BMC चुनाव और संभावित सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए राज्य की महायुति सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है. दरअसल मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस एक ऐसे व्यक्ति को राज्य का पुलिस महानिदेशक यानी कि DGP बनाने जा रहे हैं, जिसके नाम से ही अपराधी, आतंकी और नेता खौफ खाते हैं. वह ऐसा व्यक्ति है जिसने आतंकी अजमल कसाब से सीधी टक्कर ली थी और हैंड ग्रेनेड हमले में घायल हुए थे. उनके ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए ही केंद्र सरकार ने उन्हें देश की सबसे प्रीमियर जांच एजेंसी NIA का प्रमुख बना रखा था. जी हां, बात NIA के मौजूदा DG सदानंद दाते की है, जिनकी मूल महाराष्ट्र कैडर में वापसी हो रही है. उन्हें महाराष्ट्र पुलिस की कमान सौंपी जा सकती है.

दरअसल महाराष्ट्र की वर्तमान DGP रश्मि शुक्ला 31 दिसंबर को रिटायर हो रही हैं. ऐसे में उनकी जगह 1990 बैच के IPS अधिकारी सदानंद दाते को राज्य के पुलिस प्रमुख की जिम्मेदारी दी जा सकती है. रिपोर्ट्स के मुताबिक महाराष्ट्र सरकार ने IPS दाते को DGP नियुक्त करने के लिए इसी महीने केंद्र सरकार को एक औपचारिक प्रस्ताव भेजा था, जिसकी मंजूरी दे दी गई है. केंद्र सरकार की कैबिनेट की नियुक्ति समिति (ACC) ने सोमवार को एक अहम प्रशासनिक फैसले में वरिष्ठ IPS अधिकारी और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के प्रमुख जनरल सदानंद वसंत दाते को तत्काल उनके मूल कैडर महाराष्ट्र में वापस भेजने की मंजूरी दे दी है.

नेशनल सिक्योरिटी के मामले में तगड़ा है IPS दाते का रिकॉर्ड!

कैबिनेट की नियुक्ति समिति के अनुसार यह आदेश 22 दिसंबर को जारी किया गया. दाते 1990 बैच के IPS अधिकारी हैं और केंद्र तथा राज्य—दोनों स्तरों पर उन्हें एक अनुभवी और सख्त प्रशासनिक अधिकारी के रूप में जाना जाता है. NIA प्रमुख के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान कई संवेदनशील और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों में एजेंसी की भूमिका को और सशक्त माना गया.

BMC चुनाव से पहले दाते की नियुक्ति, लॉ एंड ऑर्डर फ्रंट पर बड़ा मैसेज!

इस फैसले को राजनीतिक और प्रशासनिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि जनवरी में बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) के चुनाव प्रस्तावित हैं. BMC देश की सबसे बड़ी नगरपालिकाओं में से एक है और इसके चुनावों के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखना राज्य पुलिस के लिए बड़ी चुनौती होता है. ऐसे में अनुभवी और भरोसेमंद नेतृत्व की आवश्यकता को देखते हुए सदानंद दाते का नाम DGP पद के लिए सबसे आगे चल रहा है.

अजमल कसाब से सीधी टक्कर की रही है पहचान!

सदानंद दाते को 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के दौरान ‘कामा एंड अल्ब्लेस’ अस्पताल में आतंकवादी अजमल कसाब से सीधे मुकाबला करने वाले बहादुर अधिकारी के रूप में भी जाना जाता है. उस हमले में वे गंभीर रूप से घायल हुए थे, लेकिन कर्तव्य के प्रति उनकी निष्ठा और साहस ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई. इसी कारण उन्हें एक ईमानदार, निडर और पेशेवर पुलिस अधिकारी माना जाता है.

यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है, जब महाराष्ट्र की मौजूदा पुलिस महानिदेशक (DGP) रश्मि शुक्ला का कार्यकाल 31 दिसंबर को समाप्त हो रहा है. ऐसे में दाते को राज्य का अगला DGP बनाए जाने की संभावना काफी मजबूत मानी जा रही है. यदि दाते को महाराष्ट्र का नया DGP नियुक्त किया जाता है, तो यह राज्य की कानून-व्यवस्था और सुरक्षा व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा. प्रशासनिक हलकों में माना जा रहा है कि उनकी नियुक्ति से न केवल पुलिस बल का मनोबल बढ़ेगा, बल्कि आगामी चुनावों के दौरान निष्पक्ष और मजबूत सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने में भी मदद मिलेगी.

कौन हैं सदानंद दाते?

14 दिसंबर 1966 को महाराष्ट्र के पुणे में जन्मे IPS सदानंद दाते की छवि एक बेहद ईमानदार, साफ-सुथरे और तेजतर्रार अधिकारी की रही है. एम.कॉम, ICWA और पीएचडी कर चुके दाते को केंद्र सरकार द्वारा 31 मार्च 2024 को देश में आतंकी घटनाओं, टेरर फाइनेंसिंग सहित राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मामलों की जांच के लिए जिम्मेदार NIA का DG नियुक्त किया गया था.

दाते के बारे में कहा जाता है कि मीरा-भायंदर-वसई-विरार के पहले पुलिस कमिश्नर रहते हुए उन्होंने कई बड़े प्रशासनिक सुधार किए थे. वहीं से उनकी पहचान एक कड़क और रिफॉर्मिस्ट पुलिस ऑफिसर की बनी. इसके बाद महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें ATS का DG बनाया और फिर वे NIA चीफ बनकर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली चले गए. उन्हीं के दौर में पहलगाम जैसे मामलों की जांच हुई और अन्य केसों में भी ताबड़तोड़ कार्रवाई देखने को मिली.

दाते के नेतृत्व में ही तोड़ी जा रही व्हाइट कॉलर टेरर की कमर!

दाते को विभिन्न प्रीमियम एजेंसियों में काम करने का व्यापक अनुभव रहा है. वह हाल-फिलहाल सामने आए व्हाइट कॉलर टेररिज्म की जांच और ऐसे आतंकी मॉड्यूल की कमर तोड़ने वाली टीम की अगुवाई कर रहे हैं. वह फिलहाल पहलगाम आतंकी हमला और फरीदाबाद आतंकी डॉक्टर मॉड्यूल की जांच को लीड कर रहे हैं.

तहव्वुर राणा को भारत लाने में रहा दाते का अहम रोल!

मुंबई हमले के प्रमुख साजिशकर्ता तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित कराने में भी दाते ने अहम भूमिका निभाई है. 1990 बैच के महाराष्ट्र कैडर के IPS अधिकारी दाते को महाराष्ट्र पुलिसिंग के अलावा आंतरिक सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी अभियानों और खुफिया समन्वय में गहरी पकड़ और व्यापक अनुभव है. उन्हें उत्कृष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पदक समेत तीन अन्य प्रतिष्ठित पदकों से भी नवाजा जा चुका है.

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