राजस्थान की पूर्व सीएम ने मोहन भागवत से की मुलाकात, लगाईं जा रही तरह-तरह की अटकलें
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के बीच मुलाकात हुई है. अब इसकी चर्चा राज्य से लेकर केंद्र तक हो रही है. क्या लगाई जा रही अटकलें, जानिए
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इस वक्त राजस्थान की राजनीति गरमायी हुई है. दरअसल राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के बीच मुलाकात ने नए अटकलों की बाढ़ ला दी है. बंद दरवाजे की पीछे दोनों के बीच 20 मीनट की बातचीत से राज्य ही नहीं बल्कि केंद्र की भी टेंशन बढ़ा दी है.
तीन सियासी अटकलों का बाजार गर्म
1- BJP की राष्ट्रीय अध्यक्ष- भाजपा का एक बड़ा वर्ग यह मानता है कि पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे को अब और बड़ी जिम्मेदारी दी जानी चाहिए. जनता में राजे का काफी क्रेज है. साथ ही पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं में भी उनकी मजबूत पकड़ है. भाजपा में जल्द ही नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होना है.
2- वसुंधरा की पसंद को मिलेगा मौका- अगर वसुंधरा राजे को भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बनाया जाता है तो उनके पसंद के किसी नेता को मौका मिल सकता है. पिछले दिनों जब पीएम मोदी और अमित शाह से राजे की मुलाकात हुई तो कहा जाने लगा कि केंद्रीय नेतृत्व ने राजे की राय जानने के लिए दिल्ली बुलाया. ऐसा भी हो सकता है कि राजे के बजाय पार्टी की बागडोर उनकी पसंद के नेता को दे दी जाए.
3- पार्टी में सक्रियता- वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव के समय से वसुंधरा राजे पार्टी में ज्यादा सक्रिय नहीं हैं. सा कहा जाता है कि चुनावी दिनों में अहम जिम्मेदारी नहीं दिए जाने के कारण वे पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से नाराज चल रही हैं. अब मोहन भागवत से हुई मुलाकात के बाद पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व के साथ राजे के संबंध फिर से मजबूत होने की चर्चाएं हैं.
जोधपुर दौरे के वक्त हुई मुलाकात
जोधपुर के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचीं वसुंधरा राजे ने लाल सागर इलाके स्थित आदर्श विद्या मंदिर का दौरा किया. यहां उनकी मुलाकात हुई, लेकिन दोनों नेताओं के बीच क्या बातचीत हुई, यह आधिकारिक तौर पर सामने नहीं आया है. इसके बावजूद राजस्थान की सियासत में इस मुलाकात को लेकर तरह-तरह की अटकलें तेज़ हैं. चाहे भाजपा हो या कांग्रेस, सभी के बीच यह जिज्ञासा बनी हुई है कि आखिर इस बैठक में किन मुद्दों पर चर्चा हुई और क्या इसका असर आने वाले दिनों में राज्य की राजनीति पर दिखाई देगा?
समन्वय बैठक के लिए जोधपुर पहुंचे भागवत
RSS प्रमुख मोहन भागवत संगठन और उसके अनुषांगिक संगठनों के बीच समन्वय बैठक में शामिल होने के लिए जोधपुर पहुंचे हैं. अखिल भारतीय स्तर की यह बैठक 5 से 7 सितंबर तक चलेगी, जिसमें RSS और उससे जुड़े 32 संगठनों के वरिष्ठ पदाधिकारी भाग लेंगे. भागवत से मुलाकात के बाद वसुंधरा राजे सुरसागर स्थित बाबा रामदेवड़ा और राइका बाग के जुगलजोड़ी मंदिर दर्शन के लिए पहुंचीं.
क्यों है ये मुलाकात अहम?
राजे और भागवत की मुलाकात इसलिए भी खास मानी जा रही है क्योंकि हाल ही में वसुंधरा राजे ने अपने “वनवास” को लेकर दिया बयान राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है. राजस्थान की सत्ता में हाशिये पर चल रहीं राजे ने धौलपुर में कहा था “वनवास हर किसी के जीवन में आता है, लेकिन यह स्थायी नहीं होता. यह आता है और चला जाता है. धैर्य रखना चाहिए.”
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