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छत्तीसगढ़ के नारायणपुर-बीजापुर में फूड पॉइजनिंग से हड़कंप, 5 की मौत, कई की हालत गंभीर

अबूझमाड़ क्षेत्र के यामडुंगा कोगोट पारा और घोट पारा गांव में दूषित भोजन खाने से पांच लोगों की मौत हो गई.

24 Oct, 2025
( Updated: 06 Dec, 2025
05:11 PM )
छत्तीसगढ़ के नारायणपुर-बीजापुर में फूड पॉइजनिंग से हड़कंप, 5 की मौत, कई की हालत गंभीर

छत्तीसगढ़ के बीजापुर और नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ क्षेत्र में दूषित भोजन खाने से 5 लोगों की मौत हो गई. वहीं, कई अन्य ग्रामीणों की तबीयत बिगड़ गई है.

दूषित भोजन खाने से 5 की मौत

यह दुखद घटना 21 अक्टूबर की सुबह सामने आई, जब ग्रामीणों को अचानक उल्टी, दस्त और पेट दर्द की शिकायतें होने लगीं. ग्रामीणों की हालत बिगड़ने की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी और स्वास्थ्य विभाग समेत वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे.

टीम ने तुरंत घटनास्थल पहुंचकर प्रभावित लोगों के लिए स्वास्थ्य शिविर लगाया और उपचार शुरू किया. गंभीर बीमार ग्रामीणों को आगे के इलाज के लिए नारायणपुर जिला अस्पताल भेजा गया है.

दूषित खाद्य पदार्थों के नमूने जांच के लिए भेजे

जांच के दौरान प्राथमिक जानकारी में सामने आया कि ग्रामीणों ने संभवतः दूषित भोजन का सेवन किया था. विभाग ने दूषित खाद्य पदार्थों के नमूने लेकर जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे हैं. साथ ही, स्वास्थ्य टीम गांवों में ग्रामीणों को स्वच्छ भोजन और उबला हुआ पेयजल उपयोग करने के लिए जागरूक कर रही है.

प्रशासन ने बीजापुर और नारायणपुर में हाई अलर्ट जारी किया

इस घटना का प्रभाव पड़ोसी बीजापुर जिले के भैरमगढ़ क्षेत्र में भी देखने को मिला है, जहां उसपरी और किसकल गांव के कुछ ग्रामीणों में भी ऐसे ही लक्षण पाए गए. एक पीड़िता, पल्लवी परसा, को भैरमगढ़ अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उसकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है. प्रशासन ने दोनों जिलों में हाई अलर्ट जारी कर दिया है.

कलेक्टर नारायणपुर ने इस पूरे मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं और रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत करने को कहा है. इसके लिए टीम का गठन कर दिया गया है.

अगले कुछ दिनों तक  प्रभावित गांवों में चिकित्सा दल तैनात रहेंगे

स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि स्थिति को नियंत्रित करने और बीमारी के फैलाव को रोकने के लिए प्रभावित गांवों में अगले कुछ दिनों तक चिकित्सा दल लगातार तैनात रहेंगे.

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प्रशासन ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे भोजन व पानी उबालकर ही सेवन करें, और किसी भी असामान्य लक्षण को नजरअंदाज न करें तथा तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी लगातार गांव वालों के संपर्क में रहेंगे. कोई भी परेशानी होने पर वे प्रशासन से कभी भी मिल सकते हैं.

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