7 साल की बेटी के सामने पिता की पिटाई… IGI एयरपोर्ट पर पायलट ने यात्री को किया लहूलुहान, DGCA ने लिया संज्ञान
दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के टर्मिनल-1 पर एअर इंडिया एक्सप्रेस के पायलट पर यात्री से मारपीट का आरोप लगा है. पीड़ित अंकित दीवान का कहना है कि पायलट कैप्टन वीरेंद्र सेजवाल ने उनके साथ बदसलूकी और शारीरिक हमला किया, जिसमें वह घायल हो गए.
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देश की राजधानी दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से एक बेहद चौंकाने वाली और गंभीर घटना सामने आई है. एयरपोर्ट के टर्मिनल-1 पर एअर इंडिया एक्सप्रेस के एक पायलट पर यात्री के साथ कथित तौर पर मारपीट का आरोप लगा है. इस घटना के बाद यात्री के अधिकारों से जुड़े कई अहम सवाल भी खड़े हो गए हैं.
दिल्ली एयरपोर्ट में हुई घटना में पीड़ित यात्री का नाम अंकित दीवान बताया जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया है कि एअर इंडिया एक्सप्रेस के पायलट कैप्टन वीरेंद्र सेजवाल ने उनके साथ न सिर्फ बदसलूकी की, बल्कि शारीरिक हमला भी किया. इस हमले में वह घायल हो गए और उनके चेहरे से खून निकलने लगा. सबसे दर्दनाक पहलू यह है कि यह पूरी घटना उनकी 7 साल की बेटी के सामने हुई, जो अब तक सदमे में है.
कैसे शुरू हुआ विवाद?
यात्री अंकित दीवान ने सोशल मीडिया पर पोस्ट पर पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी है, अंकित दीवान के अनुसार, वह अपने परिवार के साथ यात्रा कर रहे थे. उनके साथ एक 4 महीने का बच्चा भी था, जो स्ट्रोलर में था. इसी वजह से एयरपोर्ट स्टाफ ने उन्हें और उनके परिवार को एक ऐसे सिक्योरिटी चेक से गुजरने को कहा, जिसका इस्तेमाल आमतौर पर स्टाफ करता है. दीवान का कहना है कि उस दौरान कुछ स्टाफ और अन्य लोग लाइन तोड़कर आगे बढ़ रहे थे. जब उन्होंने इस पर आपत्ति जताई, तभी कैप्टन वीरेंद्र सेजवाल से उनकी बहस हो गई. अंकित दीवान का आरोप है कि पायलट ने उनसे बेहद अपमानजनक भाषा में बात की और कहा कि क्या वह अनपढ़ हैं और क्या उन्हें साइनबोर्ड पढ़ना नहीं आता, जिस पर लिखा था कि यह एंट्री स्टाफ के लिए है. बात बढ़ी और कहासुनी के बाद पायलट ने कथित तौर पर उन पर हमला कर दिया.
7 साल की बेटी के सामने हमला
इस घटना का सबसे संवेदनशील पहलू यह है कि अंकित दीवान की 7 साल की बेटी ने अपने पिता को पिटते हुए देखा. पिता का कहना है कि बच्ची अब भी डरी हुई है और मानसिक तनाव में है. किसी भी बच्चे के लिए अपने माता या पिता को इस तरह हिंसा का शिकार होते देखना एक गहरा आघात होता है, जिसका असर लंबे समय तक रह सकता है. अंकित दीवान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपनी आपबीती साझा करते हुए अपनी घायल अवस्था की तस्वीर भी पोस्ट की. उन्होंने DGCA, एअर इंडिया एक्सप्रेस और दिल्ली पुलिस को टैग करते हुए सवाल उठाए कि आखिर आम यात्रियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी है.
दबाव में लिखवाया गया पत्र
पीड़ित यात्री ने एक और गंभीर आरोप लगाया है. उनका कहना है कि घटना के बाद उन्हें एक पत्र लिखने के लिए मजबूर किया गया, जिसमें उनसे कहा गया कि वह इस मामले को आगे नहीं बढ़ाएंगे. दीवान के मुताबिक, उन्हें दो विकल्प दिए गए. या तो वह वह पत्र लिखें, या फिर अपनी फ्लाइट मिस करें और करीब 1.2 लाख रुपये की छुट्टियों की बुकिंग बर्बाद कर दें. उन्होंने सवाल उठाया कि क्या वह दिल्ली लौटने के बाद शिकायत नहीं कर सकते. क्या न्याय पाने के लिए उन्हें अपने पैसे भी कुर्बान करने होंगे. उन्होंने यह आशंका भी जताई कि दो दिनों में CCTV फुटेज गायब हो सकता है.
एअर इंडिया एक्सप्रेस की प्रतिक्रिया
घटना सामने आने के बाद एअर इंडिया एक्सप्रेस ने आधिकारिक बयान जारी कर खेद जताया है. एयरलाइन ने साफ किया है कि आरोपी पायलट को तत्काल प्रभाव से सभी आधिकारिक जिम्मेदारियों से हटा दिया गया है. कंपनी के अनुसार, घटना के समय संबंधित कर्मचारी ड्यूटी पर नहीं था और वह किसी अन्य एयरलाइन की फ्लाइट से यात्री के रूप में यात्रा कर रहा था. एयरलाइन के प्रवक्ता ने कहा कि इस तरह के व्यवहार की कड़ी निंदा की जाती है. कंपनी अपने कर्मचारियों से पेशेवर और जिम्मेदार आचरण की अपेक्षा करती है. मामले की आंतरिक जांच शुरू कर दी गई है और जांच पूरी होने के बाद उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
@ankitdewan We profoundly regret this incident at Delhi Airport, involving one of our employees who was traveling as a passenger on another airline. We extend our heartfelt empathy for the distress it has caused, and strongly condemn such behaviour. The concerned employee has…
— Air India Express (@AirIndiaX) December 19, 2025यह भी पढ़ें
बता दें कि यह घटना एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करती है कि देश के सबसे व्यस्त एयरपोर्ट्स में यात्रियों की सुरक्षा और सम्मान को लेकर व्यवस्था कितनी मजबूत है. अगर एक पायलट पर इस तरह के आरोप लगते हैं, तो आम यात्री खुद को कितना सुरक्षित महसूस करेगा. फिलहाल, सभी की नजरें जांच के नतीजों पर टिकी हैं. यह देखना अहम होगा कि क्या पीड़ित यात्री को न्याय मिलता है और क्या भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाते हैं. यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि हर उस यात्री का है जो सम्मान और सुरक्षा के साथ यात्रा करना चाहता है.
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