यूपी के पाठशाला में पढ़ेंगे किसान, गांवों में होगी अब खेती- किसानी की पढ़ाई
CM Yogi: इस कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना, खेती को आसान बनाना और उनकी हर दुविधा का समाधान एक ही जगह उपलब्ध कराना है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ में इस कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे.
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The Million Farmers 8.0: उत्तर प्रदेश सरकार किसानों को आधुनिक खेती, नई तकनीकों और सरकारी योजनाओं की पूरी जानकारी देने के लिए एक खास पहल शुरू कर रही है. आज से पूरे प्रदेश में “द मिलियन फार्मर्स स्कूल - 8.0” का आयोजन किया जा रहा है. अगले कुछ दिनों में प्रदेश के 21 हजार स्थानों पर ये विशेष किसान पाठशालाएँ लगेंगी, जहाँ प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर किसान भाइयों को खेती - किसानी से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी देंगे. इस कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना, खेती को आसान बनाना और उनकी हर दुविधा का समाधान एक ही जगह उपलब्ध कराना है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ में इस कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे.
रवि फसलों पर खास ध्यान , तकनीक की पूरी जानकारी
क्योंकि इस समय रवि की फसलें बोई जा रही हैं, इसलिए इस बार किसान पाठशालाओं में रवि फसलों की तकनीक पर विशेष फोकस रखा गया है. मेरठ के जिला कृषि अधिकारी राजीव कुमार बताते हैं कि किसानों को गेहूँ, चना, मटर, सरसों आदि की खेती में उपयोगी नई तकनीकों की जानकारी दी जाएगी, जिससे उत्पादन बढ़े और लागत कम हो. इन पाठशालाओं में एक तय सिलेबस होगा, जिसके आधार पर तकनीकी जानकारी किसान भाइयों को सरल भाषा में समझाई जाएगी.
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75 जिलों में 21,000 किसान पाठशालाएँ
इस कार्यक्रम का आयोजन बहुत बड़े पैमाने पर किया जा रहा है. यूपी के सभी 75 जिलों में कुल 21 हजार किसान पाठशालाएँ लगेंगी .सामान्य किसान गोष्ठियों से अलग, इन पाठशालाओं में विषय पहले से निर्धारित रहता है और प्रशिक्षित विशेषज्ञ किसानों को पढ़ाते हैं. समय, तारीख और विषय तय रहने से किसानों को बेहतर सीखने का मौका मिलता है.
मेरठ में 171 किसान पाठशालाएँ, पूरी तैयारी पूरी
मेरठ जिले में कुल 171 किसान पाठशालाएँ लगाई जाएंगी. इनका आयोजन 12–13 दिसंबर, 17–18 दिसंबर और 26–27 दिसंबर को किया जाएगा. पहले ये पाठशालाएँ प्राथमिक स्कूलों में स्कूल की छुट्टी के बाद होती थीं, लेकिन इस बार नई व्यवस्था भी जोड़ी गई है.
91 सहकारी समितियों पर भी होंगे कार्यक्रम
इस साल किसान पाठशालाएँ सिर्फ स्कूलों में ही नहीं, बल्कि 91 सहकारी समितियों पर भी लगेंगी. यहाँ रोज किसान आते हैं, खाद–बीज की खरीद भी करते हैं, इसलिए यह किसानों को जानकारी देने के लिए सबसे उपयुक्त स्थान माना गया है. साथ ही चिन्हित प्राथमिक स्कूलों में भी पाठशालाएँ आयोजित की जाएंगी.
सभी संबंधित विभाग एक जगह मौजूद
इन पाठशालाओं की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें कृषि से जुड़े सभी महत्वपूर्ण विभाग भी शामिल होंगे. उद्यान, कृषि, गन्ना, पशुपालन, मत्स्य विभाग आदि के कर्मचारी मौके पर मौजूद रहेंगे. इससे किसानों को सरकार की सभी योजनाओं, सब्सिडी, बीमा और सहायता से जुड़ी जानकारी एक ही जगह मिल जाएगी. किसानों को किसी दफ्तर के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी.
मास्टर ट्रेनरों को मिली खास ट्रेनिंग
इस कार्यक्रम के लिए मास्टर ट्रेनर भी चयनित किए गए हैं और उन्हें लखनऊ में विशेष प्रशिक्षण दिया गया है. इन मास्टर ट्रेनरों ने आगे फील्ड में काम करने वाले कर्मचारियों को भी ट्रेनिंग दी है. ट्रेनर की परीक्षा भी हुई है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसानों तक सही और उपयोगी जानकारी पहुँचे. सरकार ने पूरे कार्यक्रम की तैयारी बेहद गहराई से की है.
प्रत्येक पाठशाला में 70–100 किसानों को आमंत्रण
हर किसान पाठशाला में 70 से 100 किसानों को बुलाया जाएगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 12 दिसंबर को लखनऊ से इसका उद्घाटन करेंगे. सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि कार्यक्रम को पूर्ण प्राथमिकता दी जाए ताकि किसानों को अधिक से अधिक लाभ मिल सके. हर ब्लॉक में स्थानीय प्रमुख फसलों का चयन कर उनके बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा.
प्रगतिशील किसान और कृषि सखियाँ भी देंगी मार्गदर्शन
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कार्यक्रम में ऐसे किसानों को भी शामिल किया जाएगा जिन्होंने पिछले तीन वर्षों में सबसे अधिक उत्पादन हासिल किया है. पाँच प्रगतिशील किसान और कृषि सखियाँ ग्राम पंचायत स्तर पर अन्य किसानों को अपनी सीख और अनुभव बताएँगे. एफपीओ के सदस्यों को भी इस कार्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा.
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