ट्रंप के 'टैरिफ बम' पर भड़के किसान नेता चढूनी बोले- 'पीएम मोदी जो भी फैसला करेंगे, हम उनके साथ'
भारत-अमेरिका ट्रेड वॉर के बीच किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने के फैसले की कड़ी निंदा की है. चढूनी ने इसे बेहद निंदनीय करार दिया है.
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किसान नेता ने शुक्रवार को न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान की सराहना की है, जिसमें प्रधानमंत्री ने गुरुवार को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था कि हमारे लिए अपने किसानों का हित सर्वोच्च प्राथमिकता है.
चाहे मुझे कीमत चुकानी पड़े, किसानों के हितों से समझौता नहीं
गुरुवार को एक कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा था कि "भारत अपने किसानों, पशुपालकों और मछुआरे भाई-बहनों के हितों के साथ कभी भी समझौता नहीं करेगा, और मैं जानता हूं व्यक्तिगत रूप से मुझे बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी, लेकिन मैं इसके लिए तैयार हूं. मेरे देश के किसानों के लिए, मेरे देश के मछुआरों के लिए, मेरे देश के पशुपालकों के लिए आज भारत तैयार है. किसानों की आय बढ़ाना, खेती पर खर्च कम करना, आय के नए स्रोत बनाना, इन लक्ष्यों पर हम लगातार काम कर रहे हैं."
बता दें कि अमेरिका, व्यापार वार्ता की शुरुआत से ही भारत के कृषि और डेयरी क्षेत्र में प्रवेश करने की मांग कर रहा है. भारत ने अमेरिका को पहले ही स्पष्ट शब्दों में कह दिया था कि वह कृषि और डेयरी सेक्टर के लिए कोई समझौता नहीं करेगा. पीएम मोदी के किसानों के हित में आए बयान का किसानों की ओर से समर्थन किया गया है.
पीएम मोदी जो भी फैसला करें, हम उनके साथ
किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि "पीएम मोदी ने जिस तरह से किसानों के संबंध में रुख अपनाया है, उसकी जितनी तारीफ की जाए कम है. हम यह मानते हैं कि अमेरिका के खिलाफ पीएम मोदी को और भी कड़ा रुख अपनाना चाहिए, जिससे ट्रंप को संदेश जाए कि भारत झुकने वाला नहीं है. पीएम मोदी जो भी फैसला करेंगे, हम उनके साथ हैं."
किसान नेता ने भारत में रहने वाले लोगों से इस दौरान एक खास अपील करते हुए कहा कि "अमेरिका को सबक सिखाने के लिए हम सभी को एकजुट होकर अमेरिकी कंपनियों से सामान खरीदना बंद करना पड़ेगा. जब हम उनके सामानों का बहिष्कार करेंगे तो अमेरिका को कड़ा संदेश जाएगा."
अमेरिका ने भारत पर लगाया है 50 प्रतिशत टैरिफ
अमेरिका ने भारत से आयातित कई वस्तुओं पर 25% का अतिरिक्त टैरिफ लागू कर दिया है. यह दो चरणों में लागू होगा. पहला 7 अगस्त से और दूसरा 27 अगस्त से. इसका मतलब है कि कुल टैरिफ 50% तक पहुंच गया है. ट्रंप प्रशासन का यह कदम भारत के लिए केवल आर्थिक नहीं, बल्कि रणनीतिक चुनौती भी है.
बता दें कि एक तरफ अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और दूसरी तरफ रूस उसका पुराना और भरोसेमंद दोस्त. ट्रंप सरकार ने यह भी संकेत दिया है कि अगर रूस-यूक्रेन युद्ध नहीं रुका, तो रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर सेंकेडरी सेंक्शन भी लगाया जा सकता है. भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्था के लिए यह स्थिति असमंजस भरी है, लेकिन भारत का रुख स्पष्ट है. वह अपने नागरिकों को सस्ते तेल की आपूर्ति के लिए प्रतिबद्ध है.
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