इधर पाकिस्तानी और अवैध प्रवासियों को लेकर हो रहा था प्रदर्शन, उधर भारत के प्याज पकौड़े का लुत्फ उठा रहा था अंग्रेज, VIDEO वायरल
सोशल मीडिया पर एक वीडियो जो लंदन का है वो बहुत तेजी से वायरल हो रहा है. दरअसल, लंदन में एक बड़ा अवैध-आप्रवास विरोधी मार्च हुआ. इस दौरान एक विरोधी प्रदर्शनकारी प्याज पकौड़ी खरीदते हुए दिखाई दे रहा है, जो कि एक लोकप्रिय भारतीय स्ट्रीट स्नैक है. अब इसपर बहस छिड़ गई है.
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लंदन में एक अति-दक्षिणपंथी प्रदर्शन के दौरान इंग्लैंड के लाल और सफेद सेंट जॉर्ज क्रॉस में लिपटे एक आव्रजन-विरोधी प्रदर्शनकारी द्वारा भारतीय नाश्ता खरीदते हुए एक वीडियो ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है.
यह वीडियो शनिवार को दक्षिणपंथी कार्यकर्ता टॉमी रॉबिन्सन द्वारा आयोजित "यूनाइट द किंगडम" मार्च के दौरान बनाया गया था. इस विरोध प्रदर्शन में एक लाख से ज़्यादा लोग शामिल हुए थे और यह हाल ही में अमेरिकी रूढ़िवादी टिप्पणीकार चार्ली किर्क की गोली मारकर हत्या के बाद हुआ था.
एबीसी न्यूज़ के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने यूनियन जैक और इंग्लैंड का झंडा लहराते हुए, नारे लगाते हुए और एमएजीए टोपियां और इज़राइली झंडे दिखाते हुए मध्य लंदन में मार्च किया. जब भीड़ साउथबैंक सेंटर से वेस्टमिंस्टर की ओर बढ़ रही थी और नारे लगा रही थी कि "हमें अपना देश वापस चाहिए", तो एक प्रदर्शनकारी को एक खाद्य स्टाल पर प्याज भजी खरीदने के लिए रुकते हुए कैमरे में कैद किया गया, जो एक लोकप्रिय भारतीय स्ट्रीट स्नैक है.
वायरल वीडियो से सोशल मीडिया पर बहस
लंदन से एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसने सोशल मीडिया पर एक अलग ही बहस को जन्म दे दिया है. दरअसल, लंदन में एक बड़ा अवैध-आप्रवास विरोधी मार्च हुआ. यह टॉमी रॉबिन्सन के नेतृत्व में एक दक्षिणपंथी प्रदर्शन था. इस दौरान संबंधित एक विरोधी प्रदर्शनकारी को प्याज पकौड़ी खरीदते हुए दिखाई दे रहा है, जो कि एक लोकप्रिय भारतीय स्ट्रीट स्नैक है.
#UniteTheKingdom #TommyRobinson
— Mike Town (@MikeTown44) September 13, 2025
Can’t make this up! 🤣😂 pic.twitter.com/TdIZivZ4Wm
इस वीडियो को सात मिलियन से ज़्यादा बार देखा गया और इसने सोशल मीडिया पर एक बड़ी बहस छेड़ दी. एक यूज़र ने लिखा, "दूसरों की संस्कृतियों और खान-पान का अनुभव करने में कोई बुराई नहीं है. समस्या तब होती है जब दूसरे लोग अप्रवासी या अवैध अप्रवासी होने पर उनकी संस्कृति का अनादर करने और उन्हें अपनी संस्कृति में ढालने के लिए मजबूर करने की कोशिश करते हैं. मुझे दूसरे लोगों और उनके इतिहास की सराहना करना बहुत अच्छा लगता है." एक अन्य यूज़र ने टिप्पणी की, "मुझे कोई समस्या नहीं दिखती. कोई भी व्यक्ति अप्रवासियों को बाहर नहीं निकालना चाहता. वे अवैध रूप से आए लोगों को बाहर निकालना चाहते हैं."
लंदन में प्रदर्शन क्यों?
लंदन में ये प्रदर्शन मुख्य रूप से प्रवासियों के खिलाफ बढ़ते गुस्से और सरकार की प्रवासी नीति को लेकर हुआ. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि बड़ी संख्या में प्रवासियों को होटलों और अस्थायी ठिकानों में रखा जा रहा है, जिससे स्थानीय संसाधनों पर दबाव पड़ रहा है और अपराध दर बढ़ रही है.
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इस आंदोलन को टॉमी रॉबिन्सन जैसे नेताओं ने "अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता" का मुद्दा बताया और इसे सरकार की प्रवासी नीतियों के विरोध में बड़े पैमाने पर प्रोटेस्ट के रूप में पेश किया. कुछ प्रदर्शनकारियों ने इसे हाल ही में हुई हिंसक घटनाओं और कंजरवेटिव नेता चार्ली कर्क की हत्या से भी जोड़ा.
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