नकली खोपड़ी...लाशों को दफनाने और दुष्कर्म का आरोप लगाने वाले शिकायतकर्ता को SIT ने किया गिरफ्तार...कर्नाटक धर्मस्थल मामले में आया नया मोड़
कर्नाटक के मंगलुरु के धर्मस्थल में लाशों को दफनाने वाले मामले में SIT चीफ प्रणब मोहंती ने शिकायतकर्ता से शुक्रवार को लंबी पूछताछ की. उसके बाद शनिवार को उसे गिरफ्तार कर लिया गया. हालांकि, SIT ने शिकायतकर्ता का नाम उजागर नहीं किया है.
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कर्नाटक के मंगलुरु के धर्मस्थल में लाशों को दफनाने के मामले में एक दिलचस्प और चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है. खबरों के मुताबिक, अधिकारियों को इस मामले में बयानों और दस्तावेजों में बड़ी हेरा-फेरी मिली है, जिसके बाद धर्मशाला में पिछले दो दशकों में हत्याओं, दुष्कर्मों और लाशों को दफनाने का आरोप लगाने वाले आरोपी को SIT टीम द्वारा गिरफ्तार किया गया है.
लंबी पूछताछ के बाद हुई गिरफ्तारी
बता दें कि शुक्रवार को SIT चीफ प्रणब मोहंती ने शिकायतकर्ता से शुक्रवार को लंबी पूछताछ की. उसके बाद शनिवार को उसे गिरफ्तार कर लिया गया. हालांकि, SIT ने शिकायतकर्ता का नाम उजागर नहीं किया है.
बयानों और दस्तावेजों में मिली कई गड़बड़ियां
अधिकारियों ने बताया कि बयानों और उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों में कई तरह की गड़बड़ियां सामने आई है, इसके बाद SIT ने शिकायतकर्ता को गिरफ्तार किया है. उससे घंटों पूछताछ की गई है और मेडिकल जांच भी कराया गया है.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, कर्नाटक के मंगलुरु के एक धर्मस्थल से जुड़े पूर्व सफाई कर्मचारी ने बतौर शिकायतकर्ता दावा किया था कि उसने 1995 से 2014 के बीच धर्मस्थल में काम किया था. इस दौरान उसे धर्मस्थल में महिलाओं और नाबालिगों सहित कई शवों को दफनाने के लिए मजबूर किया गया था. शिकायकर्ता ने आरोप लगाते हुए कहा था कि कई शवों पर यौन उत्पीड़न के निशान थे. उसने एक मजिस्ट्रेट के सामने भी इस मामले पर अपना बयान दिया था.
शिकायत के बाद एसआईटी ने करवाई खुदाई
इस गंभीर मामले की शिकायत मिलने के बाद SIT ने धर्मस्थल की खुदाई के आदेश दिए थे, जिसमें नेत्रवती नदी के किनारे वन क्षेत्रों में शिकायतकर्ता की निशानदेही पर कई जगहों पर खुदाई की गई, इन दोनों जगहों से कई कंकाल मिले.
कर्नाटक विधानसभा में भी उठा यह मुद्दा
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यह मुद्दा राज्य की विधानसभा परिषद में भी उठा था, जहां कर्नाटक के गृह मंत्री परमेश्वर ने कहा था कि 'अगर SIT को शिकायतकर्ता के आरोप झूठे लगते हैं, तो उनके खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई की जा सकती है. अभी तक केवल खुदाई हुई है, लेकिन जांच शुरू नहीं हुई है. इस मामले में आगे जांच की कार्रवाई SIT ही करेगी. इसमें सरकार का कोई रोल नहीं है.'
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