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LOC पर दुश्मन अब थर-थर कापेंगे, भारतीय सेना में शामिल हुआ आतंकियों का काल, रोबोटिक म्यूल, स्मार्ट बाड़ और मिनी ड्रोन सीमा पर करेंगे पहरेदारी

भारतीय सेना देश की सुरक्षा की खास तैयारी के लिए अपने बेड़े में रोबोटिक म्यूल, स्मार्ट बाड़ और मिनी ड्रोन जैसे अत्याधुनिक उपकरण को शमिल करने जा रही है. यह सीमावर्ती इलाकों में तैनात किए जाएंगे. इससे किसी भी आतंकवादी हरकत को तुरंत नाकाम करने में सेना को बड़ी मदद मिलेगी.

पहलगाम आतंकी हमले को लेकर भारतीय सेना द्वारा चलाए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' में दुश्मनों के दांत खट्टे हो गए थे. पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की हालत ऐसी हो गई थी कि उसने भारत के सामने सरेंडर कर सीजफायर की मांग की थी. यह ऐसा ऑपरेशन था कि सेना ने आतंकी और उनके आकाओं को तबाह करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी थी. इस ऑपरेशन ने भारत की अभेद्य सुरक्षा की ताकत को भी दर्शाया था. इस बीच भारतीय सेना LOC पर अपनी ताकत को और भी ज्यादा बढ़ा रही है. इनमें LOC के अलावा कई अन्य सीमावर्ती इलाके शामिल हैं. भारतीय सेना अब उन्नत तकनीक और स्वदेशी हथियारों के दम पर दुश्मनों से किसी भी खतरे से निपटने के लिए खास तैयारी करने जा रही है. 

रोबोटिक म्यूल, स्मार्ट बाड़ और मिनी ड्रोन  करेंगे देश की सुरक्षा 

भारतीय सेना देश की सुरक्षा की खास तैयारी के लिए अपने बेड़े में रोबोटिक म्यूल, स्मार्ट बाड़ और मिनी ड्रोन जैसे अत्याधुनिक उपकरण को शमिल करने जा रही है. यह सीमावर्ती इलाकों में तैनात किए जाएंगे. इससे किसी भी आतंकवादी हरकत को तुरंत नाकाम करने में सेना को बड़ी मदद मिलेगी. 

'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान हो चुकी है टेस्टिंग

LOC पर सुरक्षा को और भी ज्यादा मजबूत करने के लिए सेना ने स्मार्ट बाड़, रोबोटिक म्यूल और कठिन इलाके में चलने वाले जो विशेष वाहन तैनात किए हैं. उन सभी की 7 से 10 मई के बीच सफल टेस्टिंग हो चुकी है. इसके अलावा 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान क्वाडकॉप्टर, निगरानी ड्रोन, बुलेटप्रूफ वाहन और रात में देखने वाले उपकरण का भी सफल परीक्षण किया जा चुका है. 

स्वतंत्रता दिवस से पहले सुरक्षा अभ्यास दिखाया गया

स्वतंत्रता दिवस से पहले सेना ने सुंदरबनी के दूरदराज इलाकों में त्रि-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के तहत मीडिया को सुरक्षा अभ्यास दिखाया. इसमें सेना द्वारा आर्मडो जैसी हल्की बख्तरबंद गाड़ियां, स्वदेशी विकसित रोबोटिक म्यूल हैं, जो दुर्गम इलाकों में रसद ले जाने, विस्फोटक पहचान करने और निगरानी में खास मदद करेंगे. यह रोबोट समूह में काम कर सकते हैं, एक तरीके से इसे "मिनी रोबोट सेना" कहा जाता है. 

संवेदनशील क्षेत्रों के लिए खास उपकरण  

भारतीय सेना ने बताया कि निगरानी ड्रोन और मिनी UAV संवेदनशील क्षेत्रों में गश्त के लिए जरूरी उपकरण बन चुके हैं. इन्हें 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस समारोह में किसी भी आतंकवादी खतरे को रोकने के लिए और बढ़ाने के लिए डॉग स्क्वायड तैनात किए हैं. यह किसी भी ऑपरेशन क्षमता को काफी ज्यादा मजबूत करेंगे. यह सभी हथियार नई तकनीक और स्वदेशी तरीके से बने हैं.

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