'बंगाल सल्तनत के ख्वाब, ग्रेटर बांग्लादेश का नक्शा...', भारत के खिलाफ सल्तनत-ए-बांग्ला की प्लानिंग, तुर्की की एंट्री, संसद में जयशंकर का बड़ा खुलासा
S Jaishankar on Greater Bangladesh: बांग्लादेश और तुर्की ने भारत के खिलाफ खतरनाक प्लानिंग में हाथ मिला लिया है? विदेश मंत्री एस जयशंकर के संसद में दिए गए बयान से इसके संकेत मिल भी रहे हैं. जयशंकर ने कहा कि सरकार ढाका में एक इस्लामी समूह, 'सल्तनत-ए-बांग्ला' की गतिविधियों पर नज़र बनाए हुए है. दरअसल इस संगठन ने तथाकथित 'ग्रेटर बांग्लादेश' का एक विवादित नक्शा भी जारी किया है, जिसमें भारत के कुछ हिस्सों को दिखाया गया है. गौर करने वाली बात है कि ढाका के इस कट्टरपंथी समूह के पीछे तुर्की के एनजीओ 'तुर्की यूथ फेडरेशन' का समर्थन प्राप्त है.
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बांग्लादेश में जब से सत्ता परिवर्तन हुआ है तब से वो भारत के खिलाफ साजिशें रच रहा है और नई दिल्ली के विरोधी ताकतों के साथ हाथ मिला रहा है. बीते साल अगस्त में तख्तापलट के बाद से ही यूनुस की सरकार और कट्टरपंथी आए दिन ऐसे बयान और हरकतें कर रहे हैं जिस कारण हिंदुस्तान की चिंताएं बढ़ गई हैं.
ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या बांग्लादेश भारत के खिलाफ खतरनाक प्लानिंग कर रहा है? अगर जवाब हां है तो कौन से देश इस पूरी साज़िश में उसका साथ दे रहे हैं? चीन और पाकिस्तान का नाम तो हम पहले से ही जान रहे हैं, लेकिन अगर कहें कि तुर्की अपनी भारत विरोधी सोच को बांग्लादेश के माध्यम से हवा दे रहा है तो आप हैरान रह जाएंगे.
बिल्कुल, बांग्लादेश और तुर्की ने भारत के खिलाफ खतरनाक प्लानिंग में हाथ मिला लिया है? विदेश मंत्री एस जयशंकर के संसद में दिए गए बयान से इसके संकेत मिल भी रहे हैं. जयशंकर ने कहा कि सरकार ढाका में एक इस्लामी समूह, 'सल्तनत-ए-बांग्ला' की गतिविधियों पर नज़र बनाए हुए है. दरअसल इस संगठन ने तथाकथित 'ग्रेटर बांग्लादेश' का एक विवादित नक्शा भी जारी किया है, जिसमें भारत के कुछ हिस्सों को दिखाया गया है. गौर करने वाली बात है कि ढाका के इस कट्टरपंथी समूह के पीछे तुर्की के एनजीओ 'तुर्की यूथ फेडरेशन' का समर्थन प्राप्त है.
राज्यसभा में विदेश मंत्री का बड़ा कबूल दिया लिखित बयान
कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला के सवाल के जवाब में एक लिखित बयान देते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में माना और जानकारी दी कि विचाराधीन नक्शा ढाका यूनिवर्सिटी में प्रदर्शित किया गया था. विदेश मंत्री ने अपने बयान में साफ कर दिया कि सरकार भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रभाव डालने वाले बांग्लादेश सहित तमाम घटनाक्रमों पर बारीकी से नजर रख रही है. साथ ही इसके लिए सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय कर रही है.
विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
भारत सरकार ने बांग्लादेश में 'ग्रेटर बांग्लादेश' के नाम पर एक विवादास्पद नक्शे को लेकर गहरी चिंता जताई है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर के हवाले से जारी बयान में कहा गया कि भारत ने उन रिपोर्टों पर गंभीरता से ध्यान दिया है, जिनमें बताया गया है कि ढाका विश्वविद्यालय में 'सल्तनत-ए-बांग्ला' नामक एक इस्लामी संगठन ने ऐसा नक्शा सार्वजनिक किया है, जिसमें भारत के कुछ हिस्सों को भी शामिल किया गया है. इस संगठन को कथित तौर पर तुर्की स्थित 'तुर्की यूथ फेडरेशन' नामक एनजीओ का समर्थन प्राप्त है. सरकार ने इस घटनाक्रम को न केवल भारत की संप्रभुता के खिलाफ एक उकसावा बताया है, बल्कि इसे क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा भी करार दिया है.
बांग्लादेशी सल्तनत के ख़्वाब देख
भारत की ओर से जताई गई आपत्ति के बाद, बांग्लादेश सरकार से जुड़े फैक्ट-चेक मंच 'बांग्लाफैक्ट' ने दावा किया है कि देश में 'सल्तनत-ए-बांग्ला' नाम के किसी सक्रिय संगठन का कोई प्रमाण नहीं मिला है.
बांग्लाफैक्ट के अनुसार, जो विवादित 'ग्रेटर बांग्लादेश' का नक्शा बताया जा रहा है, वह दरअसल एक ऐतिहासिक प्रदर्शनी का हिस्सा था. इस नक्शे को 14 अप्रैल 2025 को पोहेला बैसाख के अवसर पर ढाका विश्वविद्यालय में आयोजित प्रदर्शनी में दिखाया गया था, जिसका उद्देश्य पुराने बंगाल सल्तनत के इतिहास को दर्शाना था.
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भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि आयोजकों ने स्पष्ट रूप से किसी भी विदेशी राजनीतिक संस्था, जैसे कि तुर्की यूथ फेडरेशन, से किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया है.
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