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अमरावती में मनाई गई डॉ. पंजाबराव देशमुख की 127वीं जयंती, CM फडणवीस को मिला मेमोरियल अवॉर्ड

डॉ. पंजाबराव देशमुख ने श्री शिवाजी शिक्षण संस्था की स्थापना कर विदर्भ में शिक्षा के नए द्वार खोले. उन्होंने यह साबित किया कि शिक्षा ही समाज को आगे ले जाने का सबसे मजबूत साधन है.

Image Credits_XDev_Fadnavis

अमरावती में शनिवार को पूर्व कृषि मंत्री और शिक्षा महर्षि डॉ. पंजाबराव उर्फ भाऊसाहेब देशमुख की 127वीं जयंती बड़े ही सम्मान और गरिमा के साथ मनाई गई. इस मौके पर शहर के श्री शिवाजी शारीरिक शिक्षण महाविद्यालय के मैदान में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए.

CM फडणवीस ने डॉ. पंजाबराव देशमुख की समाधि स्थल पर जाकर श्रद्धांजलि अर्पित 

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी इस कार्यक्रम में शिरकत की. सबसे पहले उन्होंने डॉ. पंजाबराव देशमुख की समाधि स्थल पर जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके योगदान को याद किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. पंजाबराव देशमुख सिर्फ एक नेता नहीं, बल्कि किसान, शिक्षा और समाज के सच्चे सेवक थे.

उन्होंने कहा कि आज का दिन सिर्फ जयंती मनाने का नहीं, बल्कि भाऊसाहेब के विचारों और उनके काम को याद करने का दिन है. किसानों के हक, शिक्षा के विस्तार और समाज के कमजोर वर्गों के लिए उनका संघर्ष आज भी लोगों के लिए प्रेरणा है.

फडणवीस को मिला ‘डॉ. पंजाबराव देशमुख मेमोरियल अवॉर्ड’

इस अवसर पर श्री शिवाजी शिक्षण संस्था की ओर से मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को डॉ. पंजाबराव देशमुख मेमोरियल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया. यह सम्मान उन्हें कंप्यूटर के जनक और वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. विजय भटकर के हाथों प्रदान किया गया. सम्मान के साथ-साथ संस्था की ओर से मुख्यमंत्री को 5 लाख रुपए का चेक भी सौंपा गया. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने शिव संस्था मैगजीन का विमोचन भी किया.

कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री प्रतापराव जाधव, मंत्री पंकज भोयर, सांसद बलवंत वानखड़े, सांसद अनिल बोंडे सहित कई जनप्रतिनिधि, शिक्षाविद् और गणमान्य लोग मौजूद रहे. सभी ने एक स्वर में डॉ. पंजाबराव देशमुख के योगदान की सराहना की.

भाऊसाहेब देशमुख का योगदान

डॉ. पंजाबराव देशमुख ने श्री शिवाजी शिक्षण संस्था की स्थापना कर विदर्भ में शिक्षा के नए द्वार खोले. उन्होंने यह साबित किया कि शिक्षा ही समाज को आगे ले जाने का सबसे मजबूत साधन है. उनके प्रयासों से हजारों विद्यार्थियों को पढ़ने और आगे बढ़ने का अवसर मिला.

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