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Year Ender 2025: UP में महिलाओं के लिए हुए ये क्रांतिकारी बदलाव, योगी सरकार ने पेश किया सशक्तिकरण का मॉडल

महिला सशक्तिकरण में UP मॉडल देश में नंबर वन है. यहां योगी सरकार में महिलाओं के सपनों को नई उड़ान मिली. साथ ही कल्याणकारी योजनाओं से क्रांतिकारी बदलाव भी हुए.

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27 Dec 2025
( Updated: 27 Dec 2025
05:30 PM )
Year Ender 2025: UP में महिलाओं के लिए हुए ये क्रांतिकारी बदलाव, योगी सरकार ने पेश किया सशक्तिकरण का मॉडल

योगी आदित्यनाथ सरकार में महिलाओं के लिए चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं ने देश में सफलता का दमदार यूपी मॉडल प्रस्तुत किया है. महिलाओं की सुरक्षा और विकास अब केवल योजनाओं का विषय नहीं, बल्कि एक ठोस सामाजिक परिवर्तन का दस्तावेज बन चुका है. 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले एक साल में प्रदेश में महिलाओं, किशोरियों और बालिकाओं के जीवन में जो बदलाव आए हैं. वे आंकड़ों में भी दिखते हैं और जमीन पर भी यह बदलाव सिर्फ सहायता का नहीं, बल्कि सुरक्षा, स्वावलंबन, सम्मान और अवसर का है. 

'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' योजना का क्रांतिकारी प्रभाव

इस योजना के अंतर्गत इस वर्ष कुल 13,612 गतिविधियों के माध्यम से 25.5 लाख महिलाओं तथा बालिकाओं को जागरूक किया गया है. इसका उद्देश्य बालिकाओं के जन्म के प्रति समाज में सकारात्मक सोच विकसित करना और बाल लिंग अनुपात में सुधार लाना है. 

इस योजना ने शिक्षा के जरिए बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाने, उनकी उच्च शिक्षा को प्रोत्साहित करने और बालिकाओं से जुड़े विषयों जैसे सुरक्षा, पोषण, स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. 

मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना से बदली तस्वीर

कन्या सुमंगला योजना योगी सरकार की सबसे प्रभावशाली सामाजिक योजनाओं में शामिल हो चुकी है. इस साल योजना के तहत 130.03 करोड़ रुपये की धनराशि से 3.28 लाख कन्याओं को लाभान्वित किया गया. जन्म से लेकर उच्च शिक्षा तक 6 चरणों में मिलने वाली सहायता ने बेटियों के प्रति सामाजिक सोच को बदला और बालिका शिक्षा को नई मजबूती दी. 

निराश्रित महिलाओं के लिए आर्थिक सहायता

निराश्रित महिला पेंशन योजना के तहत 38.58 लाख महिलाओं को नियमित मासिक सहायता दी जा रही है. इस साल योजना पर लगभग 1200 करोड़ रुपये रुपये खर्च हुए हैं. अभी हाल ही में पेश हुए अनुपूरक बजट में भी इस योजना के लिए लगभग 535 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है. योगी आदित्यनाथ सरकार की इस योजना से विधवा, परित्यक्ता और असहाय महिलाओं को सम्मानजनक जीवन का आधार मिला. पारदर्शी चयन प्रक्रिया और डीबीटी व्यवस्था ने यह सुनिश्चित किया कि लाभ सीधे वास्तविक पात्रों तक पहुंचे. रानी लक्ष्मीबाई बाल और महिला सम्मान कोष के अंतर्गत इस साल 3519 पीड़िताओं को लगभग 116.36 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति धनराशि प्रदान की गई. 

मिशन शक्ति से महिलाओं को मिला सुरक्षा कवच

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा, सशक्तिकरण और सम्मान के उद्देश्य से चलाई जा रही मिशन शक्ति अपने पांचवे चरण में है. महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से मिशन शक्ति अभियान के अंतर्गत लगभग 9 करोड लोगों तक पहुंचकर उन्हें प्रदेश में महिलाओं और बच्चों के लिए संचालित कल्याणकारी योजनाओं, सुविधाओं और कानूनों के बारे में संवेदनशील करने का प्रयास किया गया है. 

मिशन शक्ति के अंतर्गत प्रदेश में महिला एवं बाल विकास विभाग, गृह विभाग सहित 28 विभागों, समाज सेवी संस्थाओं और शैक्षणिक सस्थानों की ओर से प्रतिभाग किया जा रहा है. स्थानीय प्रशासन और जनसामान्य के मध्य दूरी को कम करने और महिलाओं को खुलकर अपनी समस्यायें और सुझाव रखने के लिए ‘हक की बात जिलाधिकारी के साथ’ और ‘स्वावलंबन कैम्प’ चलाए जा रहे हैं. 

महिलाओं को तुरंत मिल रहा न्याय

हिंसा पीड़ित महिलाओं को एक ही स्थान पर चिकित्सा, कानूनी परामर्श और पुलिस सहायता प्रदान करने के लिए प्रदेश में 75 से ज्यादा वन स्टॉप सेंटर संचालित हैं. इस साल 24,671 महिलाएं इन केंद्रों से सहायता प्राप्त कर चुकी हैं. यह व्यवस्था महिला सुरक्षा के मामले में योगी सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति का सफलतम उदाहरण है. 181 महिला हेल्पलाइन अब प्रदेश की महिलाओं के लिए भरोसेमंद सुरक्षा कवच बन चुकी है. 24 घंटे संचालित इस सेवा के माध्यम से आपात स्थिति में त्वरित सहायता दी जा रही है. घरेलू हिंसा, उत्पीड़न और आपात सहायता से जुड़े मामलों में इस साल 56,507 महिलाओं को सहायता प्रदान की गई है. हब फॉर इम्पावरमेंट ऑफ वुमेन के अंतर्गत महिलाओं, किशोरियों और बालिकाओं को उनके लिए चलाई जा रही सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूक किया जा रहा है. 

कामकाजी और निराश्रित महिलाओं को सुरक्षित आसरा 

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निराश्रित, परित्यक्त और कामकाजी महिलाओं के सुरक्षित आवास में भी योगी आदित्यनाथ सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. माता अहिल्याबाई होल्कर श्रमजीवी महिला हॉस्टल योजना के तहत 7 जनपदों नें 500-500 क्षमता के हॉस्टल बनाए जा रहे हैं. श्रमजीवी महिला छात्रावास के अंतर्गत लखनऊ, गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर में 8 कामकाजी महिला छात्रावास का निर्माण हो रहा है. प्रदेश के 8 जनपदों में राजकीय महिला शरणालय चल रहे हैं. मथुरा में निराश्रित महिलाओं के लिए 1000 की क्षमता वाला कृष्ण कुटीर चल रहा है. योगी आदित्यनाथ सरकार इसी तरह प्रदेश में 14 शक्ति सदन और 13 सखी निवास के माध्यम से महिलाओं को सुरक्षित आश्रय उपलब्ध करा रही है. 

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