20 करोड़ का कर्ज, टैक्सी का बिजनेस डूबा, रोजाना मिलती थीं धमकियां... कैसे बर्बाद हुई मित्तल फैमिली, पंचकूला सुसाइड केस की दर्द भरी दास्तान
प्रवीण मित्तल के करीबी ने बताया कि 'जब उन्होंने टूर एंड ट्रैवल्स का बिजनेस शुरू किया, उसके बाद से ही वह कर्ज के दलदल में फंसते चले गए. बीते कई सालों से उनका परिवार कर्ज में डूबा पड़ा था. हालात ऐसे बन गए कि खुद के गुजारे और घर के खर्चे तक के पैसे नहीं निकल पा रहे थे.

हरियाणा के पंचकूला में एक कार के अंदर मित्तल परिवार के 7 सदस्यों ने आत्महत्या कर ली. यह मामला देश भर में सुर्खियों में बना हुआ है. ऐसे में जाँच-पड़ताल में नई-नई कहानियां निकल कर सामने आ रही हैं. इस बीच मित्तल परिवार के एक करीबी ने आत्महत्या को लेकर बड़ा खुलासा किया है. बताया जा रहा है कि प्रवीण मित्तल परिवार के ऊपर कुल 20 करोड़ का कर्ज था. वह हरियाणा के हिसार जिले के बरवाला के रहने वाले थे. काफी लंबे समय से वह पंचकूला में ही रह रहे थे. सबसे पहले उन्होंने बतौर टैक्सी ड्राइवर अपना काम शुरू किया था. उसके बाद धीरे-धीरे उनका बिजनेस बढ़ने लगा, फिर उन्होंने टूर एंड ट्रैवल्स का बिजनेस शुरू किया.
प्रवीण मित्तल परिवार पर 20 करोड़ का कर्ज था
प्रवीण मित्तल के करीबी ने बताया कि 'जब उन्होंने टूर एंड ट्रैवल्स का बिजनेस शुरू किया, उसके बाद से ही वह कर्ज के दलदल में फंसते चले गए. बीते कई सालों से उनका परिवार कर्ज में डूबा पड़ा था. हालात ऐसे बन गए थे कि खुद के गुजारे और घर के खर्चे तक के पैसे नहीं निकल पा रहे थे. प्रवीण मित्तल का पूरा परिवार डिप्रेशन में चला गया था. उन पर कुल 20 करोड़ का कर्ज था, ऐसे में जब कर्ज से निकलने का कोई भी विकल्प नहीं बचा, तो उन्होंने अपने मां-बाप, 3 बच्चों और पत्नी संग जहर खाकर सुसाइड कर लिया.
स्क्रैप फैक्ट्री, मकान, कार बैंक ने सीज कर दी थी
यह भी जानकारी सामने आई है कि प्रवीण मित्तल ने कुछ साल पहले हिमाचल के बद्दी में एक स्क्रैप की फैक्ट्री शुरू की थी, जो बिजनेस लोन के जरिए खोली गई थी. इसका भी लोन न चुका पाने के कारण बैंक ने उसे सीज कर दिया था. कुछ सालों से परिवार पंचकूला छोड़कर देहरादून में रह रहा था. कई सालों से वह परिवार के अन्य सदस्यों के संपर्क में भी नहीं थे. करीब 6 साल तक वह देहरादून में थे. प्रवीण मित्तल ने कर्ज निपटाने के लिए कई तरह की तरकीब निकाली, लेकिन उनकी आर्थिक हालात में कोई सुधार नहीं हुआ. देहरादून से निकलने के बाद वह कई और शहरों में भी रहे. वह पंजाब के खरड़ और फिर हरियाणा में अपने ससुराल पिंजौर में रहे, लेकिन पिछले महीने वह पंचकूला वापस लौट आए. यह वही जगह थी, जहां से उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की थी. उनके ऊपर कर्ज इतना ज्यादा था कि बैंक ने उनकी गाड़ी और मकान भी सीज कर दिए थे.
मौके पर मौजूद चश्मदीद ने बताई घटनास्थल की कहानी
हरियाणा के पंचकूला आत्महत्या मामले में चश्मदीद के तौर पर घटनास्थल के बगल वाले घर के एक व्यक्ति पुनीत राणा ने बताया कि 'जिस कार में मित्तल परिवार ने जहर खाया है. वह हमारे घर के पास खड़ी थी. किसी ने हमें बताया कि एक कार तुम्हारे घर के पास खड़ी है. उसके बाद हम जब मौके पर पहुंचे, तो प्रवीण मित्तल जिंदा थे, उनसे जब हमने सवाल किया, तब उन्होंने कहा कि बाबा के प्रोग्राम में गए थे. हमें कोई होटल नहीं मिला है. इसलिए सभी लोग गाड़ी में सो रहे हैं, इसके बाद हमने कहा कि गाड़ी यहां से हटा लो और कहीं और लगा लो. हमने कार के अंदर झांक कर देखा, तो सब एक-दूसरे के ऊपर उल्टी किए हुए थे. फिर प्रवीण मित्तल बाहर निकले और उन्होंने बताया कि हमने जहर खा लिया है. हम लोग कर्ज में डूबे हुए हैं, लेकिन किसी भी परिवार ने मेरी मदद नहीं की. मेरे परिवार के अधिकतर सदस्य करोड़पति हैं. मैंने कार के अंदर मौजूद बच्चों को भी हिला कर देखा, लेकिन कोई नहीं हिल रहा था. थोड़ी देर बाद पुलिस आ गई. कार के अंदर बहुत ही ज्यादा बदबू आ रही थी और एक दवा का टैबलेट भी पड़ा हुआ था. पुनीत ने यह भी बताया कि पुलिस जल्दी आ गई थी, लेकिन एंबुलेंस करीब 40 से 45 मिनट लेट आई. अगर एंबुलेंस समय पर आई होती, तो शायद सभी की जान बच जाती.'
क्या है पूरा मामला
बता दें कि 27 मई की सुबह हरियाणा के पंचकूला सेक्टर-27 में एक खाली प्लॉट के सामने खड़ी कार में 7 लोगों ने जहर खाकर जान दे दी. इनमें प्रवीण मित्तल (42) वर्ष, उनकी पत्नी, 3 बच्चे, इनमें एक बेटा 2 बेटियां और प्रवीण के बुजुर्ग मां-बाप की मौत हुई है. यह सभी रात में 12 बजे के आसपास संदिग्ध अवस्था में पाए गए थे. घटना की जानकारी राहगीरों ने दी. जिसके बाद मौके पर पुलिस और एंबुलेंस ने पहुंचकर अस्पताल पहुंचाया, जहां सभी ने दम तोड़ दिया.