दलाई लामा ने चीन के मंसूबों पर फेरा पानी, 90वें जन्मदिन पर करेंगे अपने उत्तराधिकारी का ऐलान!
बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा ने चीन के मंसूबों पर पानी फेर दिया है. दलाई लामा 6 जुलाई को अपने 90वें जन्मदिन पर मैक्लॉडगंज में बताएंगे कि उनकी मृत्यु के बाद उनका उत्तराधिकारी कौन होगा और उसे कैसे चुना जाएगा?

चीन के दखल से बचने के लिए दलाई लामा पहले ही संकेत दे चुके हैं कि वह अपनी 90वें जन्मदिन पर नए दलाई लामा का नाम का ऐलान कर सकते हैं. उन्होंने मार्च 2025 में प्रकाशित अपनी किताब वॉयस फॉर द वॉयसलेस में बताया है कि उनका उत्तराधिकारी चीन के बाहर एक स्वतंत्र देश में पैदा होगा.
6 जुलाई को होगा दलाई लामा के उत्तराधिकारी का ऐलान
दलाई लामा ने बुधवार को अपने 2011 में दिए बयान को दोबारा जारी कर साफ कर दिया कि दलाई लामा की परंपरा खत्म नहीं होगी. 15वें दलाई लामा का चुनाव तिब्बती जनता, बौद्ध धर्म के अनुयायियों और तिब्बत से संबंध रखने वाले लोग ही करेंगे. नए दलाई लामा की पहचान की जिम्मेदारी गाडेन फोडरंग ट्रस्ट के सदस्यों की होगी. किसी और को इस मामले में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है. दलाई लामा 6 जुलाई को मैक्लॉडगंज में बताएंगे कि उनकी मृत्यु के बाद उनका उत्तराधिकारी कौन होगा और उसे कैसे चुना जाएगा? संभावना जताई जा रही है कि चीन की दखल रोकने के लिए वह परंपरा बदलते हुए अपने उत्तराधिकारी का ऐलान कर सकते हैं.
1995 में चीन ने दलाई लामा के उत्तराधिकारी पद पर दावा करते हुए ग्याल्त्सेन नोरबू को 11वें पंचेन लामा के रूप में नियुक्त किया. चीन के इस कदम का तिब्बती बौद्धों ने समर्थन नहीं किया. वर्तमान के 14वें दलाई लामा ने गेधुन चोएक्यी न्यिमा को पंचेन लामा के रूप में मान्यता दी. नियम के अनुसार, नए दलाई लामा की पहचान की प्रक्रिया वर्तमान के निधन के बाद ही शुरू होती है. उनकी पहचान पुनर्जन्म की खोज के बाद शिशु अवस्था में होती है और व्यस्क होने पर वह दलाई लामा बनते हैं. पहचान से जिम्मेदारी संभालने तक की प्रक्रिया पूरी होने में दो दशक का समय लगता है. अब यह परंपरा पूरी तरह अपनाई गई तो चीन के संभावित हस्तक्षेप की आशंका बनी रहेगी.
चीन के बाहर स्वतंत्र देश में पैदा होगा दलाई लामा का उत्तराधिकारी
चीन के दखल से बचने के लिए दलाई लामा पहले ही संकेत दे चुके हैं कि वह अपनी 90वें जन्मदिन पर नए दलाई लामा का नाम का ऐलान कर सकते हैं. उन्होंने मार्च 2025 में प्रकाशित अपनी किताब वॉयस फॉर द वॉयसलेस में बताया है कि उनका उत्तराधिकारी चीन के बाहर एक स्वतंत्र देश में पैदा होगा. साथ ही उन्होंने यह भी लिखा कि नया दलाई लामा शिशु के बजाय व्यस्क भी हो सकता है. चीन से निर्वासित केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के पेनपा त्सेरिंग और डोलमा त्सेरिंग समेत कई मंत्रियों ने 6 जुलाई को दलाई लामा के उत्तराधिकारी मिलने की संभावना जताई है.
बता दें कि 1959 में तिब्बत में असफल विद्रोह के बाद भारत आए मौजूदा दलाई लामा चीन की आंखों में हमेशा से खटकते रहे हैं. चीन उन्हें अलगाववादी मानता है और उनके लिए भिक्षु के वेश में भेड़िया जैसे शब्द का इस्तेमाल करता है. उन्हें 1989 का नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. वर्तमान के दलाई लामा का असली नाम तेनजिन ग्यात्सो है. 1939 में उन्हें 4 साल की उम्र में 14वें दलाई लामा के रूप में चुना गया था. हजारों तिब्बतियों के साथ वह हिमाचल के धर्मशाला में रहते हैं और त्सुग्लाखांग मंदिर उनका केंद्र है. दलाई लामा रविवार को 90 साल के हो जाएंगे और अपने ऐलान के मुताबिक वह अपने उत्तराधिकारी का ऐलान कर सकते हैं. माना जा रहा है कि चीन की दखल रोकने के लिए वह परंपरा से हटकर अपने नेतृत्व का उपयोग कर सकते हैं.