कांग्रेसी नेताओं और सोनम वांगचुक ने युवाओं को भड़काया... लद्दाख हिंसा पर भारत सरकार का बयान, कहा - प्रदर्शनकारी राजनीति का शिकार हुए
लद्दाख हिंसा पर भारत सरकार ने कहा है कि भीड़ लगातार पुलिस और सुरक्षाकर्मियों पर हमलावर हो रही थी. इस वजह से उन्हें गोली चलानी पड़ी, इसमें कुछ लोगों के मारे जाने की खबर है. इस पूरे घटनाक्रम में 30 से 40 जवान भी घायल हुए हैं.
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केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में हुए हिंसात्मक आंदोलन पर भारत सरकार का बयान सामने आया है. लेह में प्रदर्शनकारी और सुरक्षाकर्मियों के बीच हुई झड़प में अब तक 4 लोगों की मौत हुई है, वहीं 30 से ज्यादा घायल बताए जा रहे हैं. प्रदेश में उपराज्यपाल कविंद्र गुप्ता ने हिंसा वाले क्षेत्र में कर्फ्यू लगाने का ऐलान किया है. हिंसा का शिकार बीजेपी कार्यालय के अलावा कई अन्य जगह भी हुए है. इस घटना में 30 से 40 जवान भी घायल हुए हैं. बता दें कि लद्दाख को पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे सोनम वांगचुक और कांग्रेस पर हिंसा भड़काने का आरोप लग रहा है.
सोनम वांगचुक और कांग्रेसी नेताओं ने भीड़ को उकसाया
केंद्र शासित प्रदेश से पूर्ण राज्य के दर्जे की मांग को लेकर लद्दाख में चल रहे आंदोलन ने कल उग्र रूप ले लिया, जहां प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प हुई. इसमें 4 की मौत और 30 से ज्यादा घायल बताए जा रहे हैं. इस बीच हिंसा पर भारत सरकार ने बयान जारी किया है.
लद्दाख हिंसा पर भारत सरकार का बयान
लद्दाख हिंसा पर भारत सरकार ने कहा है कि 'भीड़ लगातार पुलिस और सुरक्षाकर्मियों पर हमलावर हो रही थी. इस वजह से उन्हें गोली चलानी पड़ी, इसमें कुछ लोगों के मारे जाने की खबर है. इस पूरे घटनाक्रम में 30 से 40 जवान भी घायल हुए हैं.' लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने पर सरकार का कहना है कि 'वह बातचीत के लिए पूरी तरीके से तैयार हैं, लेकिन प्रदर्शनकारियों की तरफ से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है.'
सोनम वांगचुक ने हिंसा के बाद भूख हड़ताल वापस लिया
दूसरी तरफ लद्दाख को पूर्ण राज्य और छठी अनुसूची के विस्तार की मांग को लेकर धरने पर बैठे क्लाइमेट एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक ने अपनी भूख हड़ताल को वापस ले लिया है. उन्होंने आंदोलन में हिंसा को देखने के बाद यह फैसला लिया और इसे जेन-जी क्रांति बताया.
हिंसा में राजनीति की बू आ रही
लद्दाख में हुई हिंसा में युवाओं के प्रदर्शन को देखते हुए एक सरकारी सूत्र ने दावा किया है कि 'युवा राजनीति का शिकार हुए हैं और इसमें स्वार्थ की बू आ रही है. इस हिंसा के लिए युवाओं को दोषी नहीं ठहराया जा सकता. लद्दाख और वहां के युवा राजनीतिक महत्वाकांक्षा की भारी कीमत भी चुका रहे हैं. यहां के युवाओं को पूरी तरीके से गुमराह किया जा रहा है. यह एक भयावह साजिश की तरह है.' इसके अलावा वांगचुक द्वारा आंदोलन को नेपाली जेन-जी आंदोलन से जोड़ने के सवाल पर सरकारी सूत्र ने कहा है कि 'सोनम लंबे समय से लद्दाख में अरब स्प्रिंग जैसे आंदोलन का संकेत दे रहे हैं. उनका एक खाका जेन-जी प्रोटेस्ट का जिक्र करने जैसा लगता है.
हिंसा में कांग्रेस नेताओं का हाथ?
लद्दाख के स्थानीय कांग्रेस नेताओं के प्रदर्शन में शामिल होने पर उठ रहे सवालों पर सरकारी सूत्रों की तरफ से कहा गया है कि 'जिस तरीके से वह पथराव और आगजनी करने के निर्देश दे रहे थे, ऐसे में उनके शामिल होने का शक पूरी तरीके से साफ नजर आ रहा है, आखिर वह इतने तैयार कैसे थे. यह पूरी राजनीतिक घटनाक्रम किसी बड़ी साजिश का नतीजा है.' वहीं सोनम वांगचुक ने हिंसा में कांग्रेस नेताओं के शामिल होने के सवालों को खारिज कर दिया. उनका कहना है कि लद्दाख में कांग्रेस का इतना प्रभुत्व नहीं है कि 5,000 लोगों की भीड़ को सड़क पर ला सके.
लेह जिले में कर्फ्यू लगाया गया
लद्दाख में बुधवार को हुई हिंसा के बाद उपराज्यपाल कविंद्र गुप्ता ने हिंसा को रोकने के लिए लेह जिले में कर्फ्यू लगा दिया है. उन्होंने इस हिंसा के जिम्मेदार लोगों की पहचान कर कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए हैं. उन्होंने अपने बयान में कहा है कि 'ऐतिहासिक उपाय के तौर पर कर्फ्यू लगाया गया है. यहां जिन लोगों की जान गई है, मैं उनके परिवारों की प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं और अधिक खून बहने से रोकने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए जाएंगे. किसी भी तरह की हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी. पुलिस और जिला प्रशासन शांति भंग कर रहे हैं और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के लिए जिम्मेदार तत्वों की पहचान की जा रही है. लद्दाख में शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने के लिए साजिश रची गई है. मेरी अपील है लद्दाख के लोगों से कि वह शांति और सद्भाव बनाए रखें. किसी सामाजिक ताने-बाने सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश करने वाले तत्वों के बहकावे में बिल्कुल भी ना आए.'
बीजेपी कार्यालय भी आया प्रदर्शनकारियों के निशाने पर
प्रदर्शनकारी युवाओं ने कई पुलिस वैन को भी आगे के हवाले कर दिया, जिन पर पुलिस ने लाठी चार्ज किया और आंसू गैस के भी गोली छोड़े. बीजेपी के दफ्तर पर पत्थरबाजी कर उसे आग के हवाले कर दिया.
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बता दें कि प्रदर्शनकारियों ने कुल 4 मांगे की है. इनमें लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा मिले, लद्दाख छठी अनुसूची में शामिल हो, लोकसभा सीटों की संख्या बढ़ाई जाए और चौथी लद्दाख की जनजातियों को आदिवासी का दर्जा दिया जाए.
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